अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

किसान आंदोलन का 37वां दिन:केंद्र से बातचीत से पहले आज किसानों की अहम बैठक, आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे

Share

नई दिल्ली\

नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर 37 दिनों से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र सरकार के साथ 4 जनवरी को होने वाली आठवें दौर की बातचीत से पहले शुक्रवार को किसान संगठनों की अहम बैठक होगी। इसमें किसान आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।

किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों के अगले एक्शन पर चर्चा के लिए आज एक अहम बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा कि नए किसान कानूनों को वापस लेने और मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) की लीगल गारंटी से जुड़ी मांगों को वापस लेने का कोई सवाल हीं नहीं उठता।

उन्होंने कहा कि सरकार ने पराली और बिजली कानून से जुड़ी हमारी 2 मांगे मान ली हैं। इसका यह मतलब नहीं है कि हम बची हुई 2 मांगों से पीछे हट जाएंगे।

अपडेट्स

  • दिल्ली का चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर बंद कर दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, आंदोलन को देखते हुए नोएडा और गाजियाबाद से आने वाले ट्रैफिक के लिए बॉर्डर को बंद कर दिया गया है।
  • पंजाब कांग्रेस के सांसद भी किसानों के समर्थन में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। रवनीत सिंह बिट्‌टू ने कहा कि हम यहां पिछले 25 दिन परिवार के साथ किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं। उम्मीद है कि नए साल में इन काले कानूनों का वापस ले लिया जाएगा।

केंद्र ने किसानों से विकल्प तलाशने को कहा था
ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोआर्डिनेशन कमेटी ने कहा था कि केंद्र ने किसानों से कानून वापस लेने की मांग का विकल्प मांगा था, जोकि संभव नहीं है। नए कानूनों से एग्रीकल्चर मार्केट, किसान की जमीन और फूड चेन पर कॉरपोरेट का कंट्रोल हो जाएगा।

गुरुवार को सरकार ने 2 मांगें मान ली थीं
किसानों के 4 बड़े मुद्दे हैं। पहला- सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। दूसरा- सरकार यह लीगल गारंटी दे कि वह मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी MSP जारी रखेगी। तीसरा- बिजली बिल वापस लिया जाएगा। चौथा- पराली जलाने पर सजा का प्रावधान वापस लिया जाए।

गुरुवार को पांच घंटे की बातचीत के बाद बिजली बिल और पराली से जुड़े दो मुद्दों पर सरकार और किसान संगठनों के बीच बात बन गई। इसके बाद किसानों ने 31 दिसंबर को होने वाली ट्रैक्टर रैली को टाल दिया। कृषि कानून और MSP पर अभी भी मतभेद बरकरार हैं।

2 मांगों पर 4 जनवरी को बैठक
अब किसानों और केंद्र सरकार के बीच 4 जनवरी को आठवें दौर की बातचीत होनी है। इसमें किसानों की दो कृषि कानून को वापस लेने और MSP की लीगल गारंटी की मांगों पर चर्चा होगी। बता दें कि किसान 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं। पंजाब में तो इससे पहले से आंदोलन कर रहे थे।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें