एस पी मित्तल,अजमेर
राजस्थान में ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं को उभारने के लिए प्रदेश भर में ग्रामीण ओलम्पिक खेलों का आयोजन हो रहा है। इसी क्रम में 12 सितंबर को अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति की ओर से कायड़ विश्राम स्थली पर एक कार्यक्रम रखा गया। इस कार्यक्रम में उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ आदि नेता उपस्थित रहे। लेकिन पंचायत समिति स्तर के इस कार्यक्रम में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ही हंगामा किया। हंगामे के दौरान बीडीओ विजय सिंह पर जातिवाद फैलाने का आरोप लगाया गया। विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं का आरोप रहा कि जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की जा रही है। इस पंचायत समिति में पूर्व विधायक और प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष नसीम अख्तर को आमंत्रित नहीं किया गया। हंगामा करने वाले रेशम चीता, जगदीश गुर्जर, रफीक रसूलपुरा, हाकम चीता, अशोक मेघवाल, दिलबाग सिंह, आदि का आरोप रहा कि एक बड़े नेता के दबाव में वीडीओ विजय सिंह जातिवाद की राजनीति कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रीमती अख्तर ने जिला कलेक्टर अंशदीप के समक्ष अपनी नाराजगी दर्ज करवाई है। अख्तर ने कलेक्टर से कहा कि इस मामले को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संज्ञान में लाया जाएगा। वहीं कलेक्टर का कहना रहा कि समारोह की जिम्मेदारी पुष्कर के एसडीएम महावीर सिंह के पास है। उपखंड स्तर पर ही यह तय हुआ है कि किन नेताओं को बुलाना है। लेकिन श्रीमती अख्तर कलेक्टर के जवाब से संतुष्ट नहीं थी।
राठौड़ की पुष्कर में राजनीतिक सक्रियता:
12 सितंबर को हुए हंगामे का एक कारण आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ की पुष्कर क्षेत्र में बढ़ती राजनीतिक सक्रियता है। राठौड़ विधानसभा का चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार का चुनाव पुष्कर से लड़ना चाहते हैं। इसलिए पुष्कर के छोटे छोटे कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। चूंकि पुष्कर में रावत मतदाताओं की भी संख्या अधिक है, इसलिए छोटे कार्यक्रमों में उद्योग मंत्री शकुंतला रावत को भी बुलाया जाता है। 12 सितंबर के खेल कार्यक्रम में जिला प्रमुख सुशील कंवर पलाड़ा के पुत्र शिवराज सिंह पलाड़ा की उपस्थिति भी चकित करने वाली रही। धर्मेन्द्र राठौड़ भले ही पुष्कर में सक्रियता बढ़ा रहे हों, लेकिन पूर्व विधायक नसीम अख्तर भी पुष्कर क्षेत्र में लगातार सक्रिय है। टिकट के लिए प्रबल दावेदार है। पुष्कर क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है। आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी धर्मेन्द्र राठौड़ के दबाव में अख्तर की उपेक्षा करते हैं।