इंदौर। मुख्यमंत्री मोहन यादव का तीन घंटे इंतजार कर 42 कांग्रेस व आप नेताओं ने खामौशी से भाजपा की सदस्यता ली। वे रात 10 बजे पहुंचे जब तक आचार संहिता का साया पड़ गया था। घड़ी के कांटे के साथ ही माइक सिस्टम को बंद कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने भाजपाई डुपट्टा पहनाकर स्वागत किया।
कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के नामांकन वापस लेने के बाद ही भाजपा में शामिल हो गए थे लेकिन विधिवत सदस्यता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के हाथों दिलाई जाना थी। दीनदयाल भवन पर शाम 7 बजे आयोजन रखा गया था लेकिन रांची से आने में मुख्यमंत्री लेट हो गए। रात 9.55 बजे कार्यक्रम में पहुंचे तब तक बम सहित दो दर्जन कांग्रेस नेता अपने समर्थकों के साथ दीनदयाल भवन में बैठे थे। मुख्यमंत्री के आने पर हार पहनाकर स्वागत किया गया।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बम के स्वागत करने की बात कहीं
जैसे ही बम ने बोलना शुरू किया वैसे ही मौजूदा निर्वाचन अधिकारियों ने घड़ी का कांटा देखकर माइक बंद करा दिया। मुख्यमंत्री ने बम और राजा मांधवानी को डुपट्टा पहनाया तो बम को गले भी लगाया। मंच पर मौजूद सभी नेताओं के हाथ पकड़कर विजय का शंखनाद किया। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कांग्रेस, आप सहित 42 लोगों ने भाजपा का दामन थामा। भाजपा में शामिल होने वाले ये है प्रमुख नेता कांग्रेस लोकसभा उम्मीदवार अक्षय कांति बम, राजा मांधवानी, अनूप शुक्ला, तत्सम भट्ट, पार्षद शिवम वर्मा व विनिता धर्मेंद्र मोर्य, विनिता पाठक, आप नेता सुनील चौधरी, शेखर वर्मा व अश्विन वर्मा और मनीष रिझवानी प्रमुख थे।
मोदी के श्रेष्ठ भारत के लिए बदला रास्ता: बम
भाजपा की सदस्यता लेने के बाद अक्षय कांति बम ने कहा कि राष्ट्रहित, देश प्रेम, सनातन धर्म का पूरे विश्व में प्रचार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के श्रेष्ठ भारत के लिए मैंने रास्ता बदला है। इसके साथ जेपी नड्डा, अमित शाह, मुख्यमंत्री मोहन यादव, जगदीश देवड़ा व कैलाश विजयवर्गीय के विजन के लिए मैंने नई मंजिल पर प्रवेश किया है। जिस रास्ते पर राष्ट्र भक्ति, संघ, दलित, पिछड़े और जैनी हैं, उनके साथ चलना शुरू किया है।
मैं नहीं कर सकता था: कैलाश
मीडिया से मुखातिब मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मैं अक्षय की तारीफ करुंगा, जिन्होंने साहसिक काम किया। उनकी जगह मैं होता तो नहीं कर सकता था। ये उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति थी। कांग्रेस आरक्षण खत्म करने की बात कर रही है, जो खुद कठघरे में है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लगाकर किसने दलितों का आरक्षण रोका। कांग्रेस समर्थित राज्यों में एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण मुस्लिम वर्ग को दिया जा रहा है।
वर्तमान कांग्रेस महात्मा गांधी की कांग्रेस नहीं है। ये नक्सल, मुस्लिम लीग से घिरी कांग्रेस है। ऐसी कांग्रेस, जिसे बाबर की समाधि पर जाना पसंद है, लेकिन राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराते हैं। सनातन धर्म को बचाने के लिए कई नेता कांग्रेस छोड़कर आ रहे हैं।