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क्या करें जब आपका कॉन्फिडेंस लेवल घटा रही हो एंग्जाइटी 

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       डॉ. श्रेया पाण्डेय 

लंबे समय तक स्ट्रेस और किसी भी ट्रॉमा का सामना करने के बाद एंजायटी होना बिल्कुल कॉमन है। कुछ लोगों को बचपन से तो कुछ को बड़े होने के बाद, सभी को अलग-अलग उम्र में एंजायटी की समस्या प्रभावित कर सकती है। आज के समय में कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें एंजायटी की समस्या है। हालांकि, एंजायटी हर समय महसूस नहीं होती, पर जैसेही थोड़ा भी तनाव बढ़ता है, या व्यक्ति किसी ट्रिगर होने में होता है, तो उन्हें एंजायटी हिट करती है।

     ऐसे में अचानक से हार्टबीट का बढ़ जाना, भारीपन महसूस होना, चक्कर आना, बेचैनी होना, बार-बार गला सूखने के साथ ही कई अन्य शारीरिक एवं मानसिक लक्षण नजर आ सकते हैं।

       एंजायटी को नियंत्रित करने के कई उपाय हैं, पर इनमें समय लगता है। परंतु जब एंजायटी किसी व्यक्ति को हिट करती है, तो उस समय उसे रोकना बहुत जरूरी है, क्योंकि इंसान अत्यधिक बेचैन और परेशान हो जाता है। बहुत से लोग एंजायटी को नहीं मानते हैं, पर आप मेडिकल साइंस को झूठला नहीं सकते हैं।

      साइंस भी एंजायटी को एक मेंटल स्टेट के रूप में मानता है। तो अगली बार यदि किसी को एंजायटी हो तो उन्हें अपना पूरा सपोर्ट दे।

      हमारे डॉ. विकास मानव ने एंजायटी से निपटने के कुछ क्विक टिप्स दिए हैं। हालांकि यह टिप्स आपके मेंटल हेल्थ को लंबे समय तक फायदा नहीं प्रदान करते हैं, परंतु एंजायटी होने पर फौरन उसे मैनेज करने में आपकी मदद जरूर करते हैं। ताकि आप उस वक्त खुद को शांत रख सकें।

*1.ब्रीदिंग एक्सरसाइज :*

एंजाइटी हिट करने कर संभव हो तो शांत जगह पर बैठ जाएं। अपनी आंखें बंद करें, यदि आपको बेहतर महसूस हो, अगर नहीं तो आंखें खुली रखें। इसके अलावा ध्यान केंद्रित करने के लिए कुछ ढूंढने की कोशिश करें। साथ साथ अपनी नाक से लंबी, गहरी सांस लें। इसे कुछ सेकंड तक रोककर रखें, फिर धीरे-धीरे अपने मुंह से सांस छोड़ दें।

      यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप पर्याप्त रूप से गहरी सांस ले रही हैं, अपने पेट पर हाथ रखें। सांस लेते समय आपको पेट फूलता हुआ और सांस छोड़ते समय सिकुड़ता हुआ महसूस होना चाहिए। शांत महसूस करने के लिए जितनी बार ज़रूरत हो उतनी बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।

*2.खुद को बार बार कहें “ये भावना अस्थाई है”*

हालांकि, उस समय ऐसा महसूस नहीं होता है, लेकिन अपने आप को याद दिलाने की कोशिश करें (अगर आप ऐसा करने में सहज हैं तो ज़ोर से बोलकर भी) कि एंजाइटी के इमोशंस कुछ देर में खत्म हो जाएंगे। चिंता लहरों में आती है, और चाहे कितनी भी ऊंची क्यों न हो, वे कम हो जाती हैं। यदि आपको एक बार यह महसूस हो गया की ये टेंपरेरी है, तो एंजायटी को कंट्रोल करना बेहद आसान हो जाता है।

*3.अपनी बॉडी में मूवमेंट जारी रखें :*

   शारीरिक गतिविधि चिंता को कम कर सकती हैं, और आपको वर्तमान में रहने में मदद करती है। अगर संभव हो तो, एंजाइटी की भावना बढ़ने पर बाहर टहलने की कोशिश करें। अगर आप ऐसा नहीं कर सकती, तो अपनी सीट पर स्ट्रेचिंग करने या कमरे में इधर-उधर घूमने की कोशिश करें। जितनी ज्यादा गतिविधियां करेंगी उतनी जल्दी आपको शांत होने में मदद मिलेगी।

*4.कोल्ड शॉवर लें :*

एंजाइटी की भावना महसूस होने पर अपने चेहरे पर ठंडा पानी डालें या ठंडे पानी से शॉवर लें। ऐसा करने से आपके हार्टबीट को कंट्रोल करना आसान हो जाएगा, साथ ही साथ आपको काल्मनेस महसूस होगा, जिससे आपके लिए एंजाइटी के इमोशन को कंट्रोल करना आसान हो सकता है। यह तकनीक आपके शरीर को यह सोचने के लिए प्रेरित करती है कि आप पानी में हैं, जिससे एक शारीरिक प्रतिक्रिया होती है, जो चिंता को कम करने में आपकी मदद कर सकती है।

*5.किसी से बात करें :*

किसी ऐसे व्यक्ति से तनाव या चिंताओं के बारे में बात करें जो आपके बेहद करीब है और जिस पर आप भरोसा करती हैं। तनाव को अपने मन में रखना एंजायटी को अधिक ट्रिगर कर सकता है, इसलिए अपनी स्थिति के बारे में अपनी परेशानी के बारे में अपने दोस्त, परिवार के किसी सदस्य या अपने पार्टनर के साथ बात करें। अप्स करने से आपको अपने विचारों को संसाधित करने में मदद मिलती है।

      इस प्रकार आपके अंदर यह भावना उत्पन्न होती है, कि आप अकेली नहीं है और आप सुरक्षित महसूस करती हैं। यदि एंशियस थॉट पैटर्न एक सतत चिंता बन जाते हैं, तो किसी मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट या साइकैटरिस्ट से बात करें। झिझक न करें, क्युकी यह आपकी स्थिति को अधिक गंभीर कर सकता है।

*6.पर्सनल फनी एक्सपीरियंस के बारे में सोचे :*

एंजायटी हिट होने पर किसी भी हंसी मजाक की गतिविधियों में भाग लेना बेहद मुश्किल हो सकता है। परंतु यदि आप कुछ देर अपने इमोशंस पर नियंत्रण पा कर किसी भी फनी वीडियो, ऑडियो में खुद को व्यस्त रखती हैं, या अपनी कुछ पुरानी तस्वीर या वीडियो देखती हैं, जिसमें कुछ पॉजिटिव हो, तो ऐसा करने से एंजाइटी पर नियंत्रण पाना आसान हो जाता है।

      इस प्रकार के फनी वीडियो आपके अंदर पॉजिटिव इमोशंस को ट्रिगर करते हैं और स्ट्रेस हार्मोस को कम कर देते हैं। कई बार व्यक्ति फनी वीडियो को देखते हुए एंजायटी की भावना के बावजूद हंसता है, जिसकी वजह से बॉडी में मसल्स कॉन्ट्रैक्ट और एक्सपेंड होते हैं और फिजिकल टेंशन रिलीज होता है। साथ ही साथ आप बेहतर महसूस करते हैं।

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