डॉ. श्रेया पाण्डेय
बार बार होने वाला सिरदर्द कई समस्याओं की ओर इशारा करता है। अधिकतर लोग सिरदर्द को माइग्रेन की समस्या से जोड़कर देखने लगते हैं।गर्मी, बरसात के मौसम में डिहाइड्रेशन और कैफीन की अधिकता इस समस्या को बढ़ावा देती है, जिसके चलते गैस्ट्रिक सिरदर्द का सामना करना पड़ता है।
पेट में बनने वाली गैस, ब्लोटिंग और एसिडिटी के चलते ये समस्या गंभीर रूप ले लेती है।
*गैस्ट्रिक सिरदर्द :*
गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर सिरदर्द का कारण बन जाता है। इसके चलते अपच, कब्ज और पेट में ऐंठन बढ़ने लगती है। गैस्ट्रिक सिरदर्द धीरे- धीरे बढ़ने लगता है, जो एबडॉमिनल पेन का कारण बनने लगता है। इससे एपिटाइट लो होने लगता है और वॉमिटिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके कारण डायरिया के लक्षणों का सामना करना पड़ता है।
इंटरनेशनल हैडेक सोसायटी के अनुसार माइंड और गट एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर का असर शरीर पर देखने को मिलता है। नर्वस सिग्निलिंग के चलते गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग, इरिटेबल बॉवल सिंड्रोम, इंफ्लामेटरी बॉवल डिज़ीज और अल्सरेटिव कोलाइटि की समस्या के चलते सिरदर्द का सामना करना पड़ सकता है। गैस्ट्रिक सिरदर्द के चलते ब्लोटिंग, एसिड रिफलक्स, इनडाइजेशन, डायरिया और कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ता है।
अनियमित आहार पाचन संबधी समस्याओं का कारण बनता है, जिससे गैस्ट्रिक सिरदर्द का सामना करना पड़ता है। कार्ब्स और शुगर के पाचन में अपने वाली परेशानी के चलते पेट में गैस बनने लगती है। इससे एसिडिटी का सामना करना पड़ता है, जिससे सिर में दर्द की समस्या बढ़ने लगती है।
*1. तुलसी के पत्ते चबाएं :*
तुलसी के पत्तों में मौजूद कंपाउड से पेट की लाइनिंग को आराम मिलता हैं। इसमें पाए जाने वाले एनाल्जेसिक गुण पेट फूलने और गैस को कम करने में मदद करते हैं। तुलसी के पत्ते को चबान या फिर तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर पीने से भी सिरदर्द की समस्या से बचा जा सकता है। इससे पेट में बनने वाली अत्यधिक गैस की समस्या हल होने लगती है।
*2. भरपूर मात्रा में पानी पीएं :*
शरीर को एक्टिव रखने और सिरदर्द की समस्या को हल करने के लिए शरीर को हाइड्रेट रखें। डिहाइड्रेशन के चलते बार बार प्यास लगने और सिरदर्द का सामना करना पड़ता है। पानी की उच्च मात्रा से शरीर में बढ़ने वाले टॉक्सिक पदार्थों को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। साथ ही शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बना रहता है।
*3. नींबू का रस :*
डाइजेशन को बूस्ट करने और गैस्ट्रिक सिरदर्द की समस्या को हल करने के लिए गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से सिरदर्द से राहत मिलती है। इसमें मौजूद विटामिन सी और एंटीइंफ्लामेटरी गुण दर्द को कम करते हैं। नींबू का रस पाचन पर अलकलाइन प्रभाव डालता है, जिससे पेट में बनने वाले एसिड के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
*4. अदरक और शहद :*
सिरदर्द को दूर करने के लिए अदरक का रस कारगर साबित होता है। इसमें मौजूद केमिकल कंपाउड सूजन, नॉजिया और उल्टी का इलाज करने में मदद करता हैं। अदरक का सेवन करने से शरीर में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ने लगता है, जो ओवरएक्टिव पेन नर्वस को शांत करने में मदद करता है। इसके लिए अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर खाने से शरीर को अधिक लाभ मिलता है।
*5. छाछ में जीरा :*
छाछ का सेवन करने से शरीर को लेक्टिक एसिड की प्राप्ति होती है, जिससे गैस्ट्रिक सिरदर्द की समस्या से बचा जा सकता है। इसके अलावा जीरे में मौजूद एंटीऑक्साडेंटस और एंटी इंफ्लामेटरी गुण नर्वस को रिलैक्स करने में मदद करती है। छाछ में भुना हुआ जीरा पाउडर डालने से सिरदर्द की समस्या हल हो जाती है।