अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

गाँधी को गाली देने वालों को कब फटकार लगाएगे प्रधानमंत्री जी ! 

Share

शिवानन्द तिवारी,पूर्व सांसद

कोलकाता में दुर्गा पूजा के अवसर पर हिंदू महासभा के पंडाल में महिसासुर के स्थान पर गाँधी जी की मूर्ति बनाई गई है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और हिंदू महासभा आज तक गाँधी को हिंदू धर्म का द्वेषी ही मानता है. जब भी उनको अवसर मिलता है वे गाँधी को असुर और नाथूराम गोडसे को महान देशभक्त साबित करते रहे हैं. इसलिए वह गोडसे द्वारा गाँधी जी की हत्या को हत्या नहीं कह कर ‘बध’ करना मानते हैं. हिंदू शास्त्रों में बध को एक धार्मिक कृत्य माना जाता है. 

अब तो गाँधी के देश में गाँधी को खुले आम गाली तक दी जा रही है. आज तक हमारे प्रधानमंत्री जी ने गाँधी को गाली देने वालों को सार्वजनिक रूप से फटकार तक नहीं लगाई है. सिर्फ़ एक अपवाद है. जब उन्होंने गाँधी के मुक़ाबले गोडसे को महान देश भक्त बताने पर प्रज्ञा ठाकुर को फटकार लगाने की औपचारिकता निभाई थी. औपचारिकता इसलिए कि उसके बाद एक भगवा धारी ने गाँधी को गाली तक दी. लेकिन प्रधानमंत्री जी का मुँह नहीं खुला.

लेकिन यह समूह लाख छटपटाता रहे गाँधी इनके छाती पर सवार रहेंगे और देश को इनके मुताबिक़ बनाने के रास्ते में मज़बूत दीवार के रूप में खड़े रहेंगे.

देखा जाए कि गाँधी को महिसासुर के रूप में दिखाने पर प्रधानमंत्री जी की क्या प्रतिक्रिया होती है. 

कोलकाता में दुर्गा पूजा के अवसर पर हिंदू महासभा के पंडाल में महिसासुर के स्थान पर गाँधी जी की मूर्ति बनाई गई है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और हिंदू महासभा आज तक गाँधी को हिंदू धर्म का द्वेषी ही मानता है. जब भी उनको अवसर मिलता है वे गाँधी को असुर और नाथूराम गोडसे को महान देशभक्त साबित करते रहे हैं. इसलिए वह गोडसे द्वारा गाँधी जी की हत्या को हत्या नहीं कह कर ‘बध’ करना मानते हैं. हिंदू शास्त्रों में बध को एक धार्मिक कृत्य माना जाता है. 

अब तो गाँधी के देश में गाँधी को खुले आम गाली तक दी जा रही है. आज तक हमारे प्रधानमंत्री जी ने गाँधी को गाली देने वालों को सार्वजनिक रूप से फटकार तक नहीं लगाई है. सिर्फ़ एक अपवाद है. जब उन्होंने गाँधी के मुक़ाबले गोडसे को महान देश भक्त बताने पर प्रज्ञा ठाकुर को फटकार लगाने की औपचारिकता निभाई थी. औपचारिकता इसलिए कि उसके बाद एक भगवा धारी ने गाँधी को गाली तक दी. लेकिन प्रधानमंत्री जी का मुँह नहीं खुला.

लेकिन यह समूह लाख छटपटाता रहे गाँधी इनके छाती पर सवार रहेंगे और देश को इनके मुताबिक़ बनाने के रास्ते में मज़बूत दीवार के रूप में खड़े रहेंगे.

देखा जाए कि गाँधी को महिसासुर के रूप में दिखाने पर प्रधानमंत्री जी की क्या प्रतिक्रिया होती है. 

शिवानन्द तिवारी,पूर्व सांसद

Recent posts

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें