पाकिस्तान के अरशद नदीम ने पेरिस 2024 ओलंपिक में 92.97 मीटर की थ्रो फेंककर स्वर्ण पदक जीता। इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के साथ उन्होंने नीरज चोपड़ा को पीछे छोड़ा, जो 89.45 मीटर की थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे। अरशद पाकिस्तान के लिए व्यक्तिगत ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले एथलीट हैं।

पेरिस: पेरिस ओलंपिक में पाकिस्तान के अरशद नदीम ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने गुरुवार को पेरिस के स्टेड डी फ्रांस में हुए फाइनल में 92.97 मीटर का रिकॉर्ड तोड़ थ्रो फेंका, जिससे भारत के नीरज चोपड़ा को सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा। यह जीत पाकिस्तान के लिए एक ऐतिहासिक पल है, क्योंकि यह ओलंपिक में उनका व्यक्तिगत गोल्ड है। इससे पहले पाकिस्तान ने सिर्फ हॉकी में गोल्ड जीता था।
खराब शुरुआत के बाद ओलंपिक रिकॉर्ड
27 वर्षीय अरशद नदीम की फाइनल में शुरुआत खास नहीं रही। पहले थ्रो के दौरान उनका रनअप ठीक नहीं बैठा। इसकी वजह से उन्होंने फाउल कर दिया। लेकिन दूसरे प्रयास में नदीम ने ओलंपिक रिकॉर्ड ही तोड़ दिया। नदीम का थ्रो 92.97 मीटर का था। यही से उनका गोल्ड लगभग पक्का हो गया था। फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए 90 मीटर से अधिक के दो थ्रो फेंके। भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने भी अपना सीरीज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 89.45 मीटर का थ्रो फेंका।
अरशद नदीम की इस जीत ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया है। नदीम का जन्म 2 जनवरी, 1997 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मियां चन्नू शहर के पास एक छोटे से कस्बे में हुआ था। यह लाहौर से करीब 300 किलोमीटर दूर है। वह सात भाई-बहनों में तीसरे नंबर के हैं। उनके पिता मोहम्मद अशरफ एक रिटायर्ड निर्माण मजदूर हैं। क्रिकेट अरशद नदीम का पहला प्यार था, लेकिन उनके परिवार ने उन्हें यह खेल खेलने से मना कर दिया था। बाद में उन्होंने एथलेटिक्स में हाथ आजमाया और जैवलिन थ्रो को अपना पेशा बनाया।
अरशद नदीम की उपलब्धियां
गोल्ड मेडल – 2024 ओलंपिक खेल
सिल्वर पदक – 2023 विश्व चैंपियनशिप
गोल्ड पदक – 2022 राष्ट्रमंडल खेल
अरशद नदीम की प्रतिभा को निखारने में उनके कोच फैसल अहमद का अहम योगदान रहा है। फैसल अहमद ने अरशद नदीम को शुरू से ही ट्रेनिंग दी है और उन्हें एक विश्व स्तरीय एथलीट बनाया है। कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान नदीम ने पहली बार 90 मीटर का आंकड़ा पार किया था। अभी भी वह 90 मीटर का थ्रो करने वाले एकमात्र साउथ एशियाई थ्रोअर हैं।