दिव्यांशी मिश्रा
_क्यों अच्छाई बुराई को अच्छाई में नही बदल पाती लेकिन बुराई बड़ी आसानी से अच्छाई को बुराई में बदल देती है?_
इसकी अहम वजह है की बुरे इंसान में एक बहुत बड़ी खूबी होती है, जो अच्छे इंसानों में दिखाई नही पड़ती.
उस बुरे इंसान की सबसे बड़ी खूबी यह होती है की या तो वो खुद के बारे में कभी कोई छवि ही नही बनाता या वह खुद जैसा होता है खुद को उसी रूप में स्वीकार कर लेता है.
अब क्योंकि उसने अपने वास्तविक रूप को स्वीकार कर लिया है, इसलिए किसी दूसरे की कही कोई भी बात उसे चोट नही पहुंचाती वो इसे एक प्रशंसा के तौर पर ही देखता है.
_वहीं एक अच्छे इंसान के मन में खुद के लिए छवि होती है, जैसा की वो खुद को समझता है या जैसा वो खुद को दुनिया को दिखाना चाहता है। जब कोई बुरा इंसान उसकी इस छवि को नुकसान पहुंचाता है या उसकी अच्छाई के पैमाने को परखता है तो वह अच्छा इंसान तिलमिला उठता है,_
; क्योंकि उस बुरे इंसान के कहे शब्द उसकी अपनी छवि से मेल नही खाते..
वह कभी खुले दिल से यह स्वीकार ही नही करना चाहता की उसका संयम, उसका प्रेम खोखला था जो इन परीक्षाओं में फेल हो रहा है..
दूसरे शब्दों में कहें तो जब उसकी अच्छाई को परखा जाता है तो उसका धैर्य, उसका संयम जवाब दे जाता है और वह जैसे को तैसा के नियम पर उतर जाता है.
_जो इस बात का प्रमाण है की उसने खुद के लिए जो छवि अपने मन में बना रखी थी वह खोखली थी, उसका कहीँ कोई आधार ही नही था, इसीलिए विपरीत हालतों में वह अपनी अच्छाई का साथ छोड़ दूसरे के रंग में रंगकर उसे उसी की भाषा में जवाब देने लगता है._
कड़वा है मगर सच यही है की जब हम अच्छाई का दामन थामते हैं, तो हमारे मन में कुछ शक होते है, हम उतने आश्वस्त नही होते, हमारे रास्ता भटकने की संभावना हमेशा बनी रहती है, दूसरों के रंग में रंग जाने की संभावना भी हमेशा बनी रहती है।
वहीं अगर हम बुराई का दामन थाम लेते है, तो मन में किसी तरह का कोई शक नही होता, हमारा अहंकार हमसे हर पल यही कहता है की हम बिल्कुल रास्ते पर हैं, इस रास्ते पर चलना बेहद जरूरी था, उसे उसकी ही भाषा में जवाब देना बेहद जरूरी था इत्यादि।
_कुल मिलाकर बुराई की कभी कोई परीक्षा नही होती, इसलिए उस रास्ते पर चलना हमेशा आसान लगता है जबकि अच्छाई को हर कदम पर परीक्षा देनी पड़ती है, इसीलिए यह रास्ता कठिन रास्ता है._
बुराई का रास्ता वर्तमान में तो जीत जाने का अहसास देता है लेकिन उसके नसीब में गुस्सा, जलन, नफरत अंहकार ही आता है, वहीं अच्छाई का रास्ता वर्तमान में तो कष्टदायक लगता है लेकिन भविष्य में उसके हिस्से आत्मविश्वास, परिपक्वता, एक गजब का सुकून आता है।
_यही दूरदर्शिता है, यही जीवन की असली परीक्षा है._
[चेतना विकास मिशन]