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क्यों जरूरी है आहार में जिमीकंद की मौजूदगी 

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              नीलम ज्योति 

    थोड़ा अजीब, हार्ड, बड़े पत्थर जैसी भूरे रंग की दिखने वाली यह सब्जी क्या आपने कभी ट्राई किया है? जी हां, हम जिमीकंद यानि की ओल की बात कर रहे हैं। 

     इसे अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों जैसे सूरन, बालुकन्द, अरसधाना, कंद आदि से जाना जाता है। 

    जब बाकी सब्जियां बहुत दुर्लभ और महंगी हो जाती हैं, तब भी जिमीकंद आपकी रसोई में कुछ स्वादिष्ट व्यंजनों के काम आ सकता है।

      भारत ही नहीं, बल्कि अन्य एशियाई और अफ्रीकी देशों में भी इसे बड़े चाव से खाया जाता रहा है। हालांकि इन दिनों लोग इससे दूर होने लगे हैं। मगर दादीमाँ लोग आज भी ओल से कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाती हैं। 

     तो क्यों न आप सभी इस सब्जी में मौजूद पोषक तत्वों का लाभ उठाएं। जानते हैं, जिमीकंद के विशेष लाभ :

*पोषक तत्वों का खजाना :*

एलीफेंट फ़ुट यम यानी की ओल में कई तरह के स्वस्थ पोषक तत्व होते हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में कार्ब्स, प्रोटीन, पोटैशियम और फाइबर पाए जाते हैं। 

     यह सब्जी विटामिन B6, B1, राइबोफ्लेविन, फोलिक एसिड, नियासिन, विटामिन A और बीटा कैरोटीन का एक अच्छा स्रोत है, जो शरीर को कई तरह की बीमारियों से प्रोटेक्ट करते हैं।

*वेट लॉस में मददगार :*

ओल में प्रयाप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है, साथ ही इसमें कैलोरी की सीमित मात्रा मौजूद होती है। इस सब्जी के ये गुण इसे वेट लॉस के लिए बेहद खास बना देते हैं। इसके सेवन से आप लंबे समय तक संतुष्ट रहती हैं, और आपको बार बार भूख नहीं लगती। वहीं आपकी कैलोरी इंटेक भी सीमित हो जाती है। वजन कम करने के इच्छुक लोगों के लिए एलीफेंट फ़ुट यम एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।

*कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण :*

जिमीकंद, जिसे एलीफेंट फ़ुट यम के नाम से भी जाना जाता है, इसमें एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी पदार्थ मौजूद होता है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और आर्टरीज में कोलेस्ट्रॉल के जमाव को रोकता है। जिससे हृदय स्वास्थ्य के समस्याओं से बचाव आसान हो जाता है। यह एक स्वस्थ हृदय के निर्माण में आपकी मदद करता है।

*डायबिटीज कंट्रोलर :*

डायबिटीज के मरीजों में एलीफेंट फ़ुट यम के कई फायदे है। डायबीटिक पेशेंट को अपने नियमित डाइट में ओल शामिल करने की सलाह दी जाती है। इसमें कई ऐसे एंजाइम होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियमित बनाए रखते हैं।

     इसके साथ ही इसमें मौजूद फाइबर आपके ब्लड शुगर स्पाइक को रोकता है, जिससे कई परेशानियों से बचा जा सकता है। विशेष रूप से यह सामान्य लोगों में डायबिटीज के खतरे को कम कर देता है।

*पाइल्स में राहतकारी :*

जिमीकंद के सेवन से पाइल्स यानी की बाबासीर जैसी बीमारी के लक्षणों पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो आपके पाचन क्रिया को नियमित रखता है। इस प्रकार व्यक्ति को कब्ज की समस्या नहीं होती। कब्ज बवासीर का एक सबसे सामान्य कारण है। बवासीर और कब्ज से पीड़ित सभी व्यक्ति को इसे अपनी आहार में शामिल करना चाहिए। 

    सामान्य लोग जो आगामी कब्ज से बचना चाहते हैं, उन्हें भी इसे डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है।

*गठिया में कारगर :*

ओल में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी पाई जाती है, साथ ही इसमें दर्द निवारक गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। इतना ही नहीं यह कई महत्वपूर्ण मिनरल्स का भी एक अच्छा स्रोत है, जो कई बीमारियों के विकसित होने के खतरे को कम कर देते हैं।

*आहार में शामिल करने का तरीका :*

     जिमीकंद को डाइट में शामिल करने के लिए सबसे पहले इसे काटने और छीलने का तरीका मालूम होना चाहिए। इसे अच्छी तरह क्लीन करें और इसके छिलके हटाकर इसे प्रिपेयर कर लें।

    पहले के समय में ओल की कढ़ी बनाई जाती थी। मसालों के साथ इसे उबालकर इसकी कढ़ी तैयार कर सकते हैं।

      इसके साथ ही आप इसे उबालकर मसाले के साथ मैश करके, इसकी टिक्की, कटलेट और इसे ब्रेड पकौड़े में फिलिंग के तौर पर ऐड कर सकते हैं।

     बेसिक मसालों के साथ जिमीकंद को सब्जी के तौर पर भी बनाया जा सकता है। जैसे आप आलू या अरबी की सब्जी बनाते हैं।

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