दैनिक भास्कर पर आयकर विभाग के छापे की खबर अब वर्ल्ड मीडिया में भी पहुंच गई है। इस मामले पर पहले ही देश की संसद में चले रहे मानसून सत्र की कार्यवाही को ठप करना पड़ा है। अब विदेशी मीडिया में भी ये खबर फैल रही है।
विदेशी मीडिया का कहना है कि दैनिक भास्कर बीते कुछ महीनों से आम लोगों के लिए जरूरी खबरें प्रकाशित कर रहा था। ऐसा करने के कुछ महीनों के भीतर ही भास्कर पर आयकर विभाग का छापा पड़ गया।
वॉशिंगटन पोस्ट ने इनकम टैक्स विभाग से पूछी भास्कर पर रेड डालने की वजह, प्रवक्ता ने कहा- नहीं बता सकते
अमेरिका के वॉशिंगटन पोस्ट ने हेडलाइन में लिखा, ‘जरूरी कवरेज करने के कुछ महीनों के भीतर ही अखबार पर इनकम टैक्स का छापा पड़ गया।’
पूरी खबर देते हुए वॉशिंगटन पोस्ट ने कहा- भारत के सबसे प्रमुख अखबार पर छापे की वजह कोरोना काल के दौरान की गई जरूरी कवरेज है। भारत के पत्रकार और राजनीतिक हस्तियों के हवाले कहा कि सरकार की सच्चाई उजागर करने के बाद भास्कर पर छापा डाला गया है।
वॉशिंगटन पोस्ट ने छापे को लेकर टैक्स अथॉरिटी की प्रवक्ता सुरभि अहलूवालिया से भी बात की, लेकिन छापा डालने का वजह पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी कहने से मना दिया। भारत में मौजूद अपने सूत्रों के हवाले से वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा- ये कार्रवाई भास्कर की ओर से सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और सरकार के बारे में कवरेज के चलते की गई है।
वॉशिंगटन पोस्ट ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के बयान को भी जगह दी है। प्रेस क्लब ने कहा है कि ऐसी कार्रवाई और सरकारी एजेंसियों के जरिए सरकार मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला करती है।
BBC ने गंगा में लाशों के तैरने और मौत के सही आंकड़ों का जिक्र करते हुए छापी खबर
इसी तरह BBC ने कहा कि सीबीडीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज) की प्रवक्ता सुरभि जायसवाल से छापेमारी के बारे में पूछा तो उन्होंने ये तो कहा कि खबर पुख्ता है, छापेमारी की जा रही है, लेकिन वजह पूछे जाने पर वह मुकर गईं। उन्होंने छापेमारी का कोई कारण नहीं बताया।
BBC ने अपनी खबर में भास्कर के उस ट्वीट को भी जगह दी, जिसमें भास्कर ने कहा है- भास्कर में चलेगी पाठकों की मर्जी। इसी खबर में बीबीसी ने भास्कर की गंगा में लाशों, मौत के सच्चे आंकड़े की रिपोर्टिंग का भी जिक्र किया है।