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  उज्जैन में 66वां अखिल भारतीय कालिदास समारोह 12 से

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66वां अखिल भारतीय कालिदास समारोह आगामी 12 से 18 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 10 नवंबर को सुबह 8 बजे वाघार्चन होगा। इसके पश्चात 11 नवंबर को सुबह 9 बजे मंगल कलश यात्रा निकाली जाएगी, फिर शाम 7 बजे कालिदास अकादमी में नान्दी-भक्ति संगीत का आयोजन होगा। 12 नवंबर को समारोह का उद्घाटन शाम 4 बजे और सांस्कृतिक कार्यक्रम शाम 7 बजे प्रस्तुत किए जाएंगे। 13 नवंबर को सुबह 10 बजे महाकवि कालिदास के साहित्य में पंच महाभूत विमर्श पर आधारित राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का प्रथम सत्र, दोपहर 2 बजे विक्रम विश्वविद्यालय में शोध संगोष्ठी और शाम 5 बजे पंडित सूर्यनारायण व्यास व्याख्यान माला का आयोजन होगा। इसके बाद शाम 7 बजे शास्त्रधर्मी शैली पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी।

देव प्रबोधिनी एकादशी से कालिदास समारोह का शुभारंभ
66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ देव प्रबोधिनी एकादशी पर 12 नवंबर को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे। इस अवसर पर संस्कृति विभाग द्वारा 2022 और 2023 के लिए शास्त्रीय संगीत, शास्त्रीय नृत्य, रूपंकर कलाओं, और रंगकर्म में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय कालिदास अलंकरण प्रदान किया जाएगा। कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा श्रेष्ठ कृति लेखन के लिए राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर पर दो विद्वानों को भी सम्मानित किया जाएगा। अकादमी के निदेशक डॉ. गोविंद गंधे ने बताया कि इस अवसर पर डॉ. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी (इंदौर) और डॉ. बालकृष्ण शर्मा (ग्वालियर) को उनके श्रेष्ठ लेखन के लिए सम्मानित किया जाएगा।

राष्ट्रीय कालिदास अलंकरण से ये होंगे सम्मानित
समारोह के शुभारंभ पर संस्कृति विभाग द्वारा घोषित चार विद्याओं में आठ कलाकारों को अलंकरण दिए जाएंगे। उपराष्ट्रपति इन कलाकारों को 5 लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र, शाल, और श्रीफल से सम्मानित करेंगे। शास्त्रीय संगीत में 2022 के लिए पं. उदय भवालकर (पुणे) को ध्रुपद गायन और 2023 के लिए पं. अरविंद पारीख (मुंबई) को सितार वादन के लिए, शास्त्रीय नृत्य में 2022 के लिए डॉ. संध्या पूरेचा (मुंबई) को भरतनाट्यम और 2023 के लिए गुरु कलावती देवी (मणिपुर) को मणिपुरी नृत्य के लिए सम्मानित किया जाएगा। रूपंकर कलाओं में 2022 के लिए पी.आर. दारोज (दिल्ली) को मूर्तिकला और 2023 के लिए रघुपति भट्ट (मैसूर) को चित्रकला के लिए तथा रंगकर्म में 2022 के लिए भानु भारती (राजस्थान) और 2023 के लिए रुद्रप्रसाद सेनगुप्ता (कोलकाता) को सम्मानित किया जाएगा।

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