पूनम मसीह की रिपोर्ट
जींद। ‘इस बार ताई किसमें वोट करेगी, तू जिसमें कह दे, इस बार तो ताई अपनी विनेश को ही वोट करना है, उसने ओलंपिक में देश का नाम रोशन किया है, हरियाणा के लिए गर्व की बात है’। यह बात जुलाना बाजार में कांग्रेस के ऑफिस में स्पीकर में बजाई जा रही है। ताकि हाल ही हुए ओलंपिक में रेसलिंग से राजनीति में आई विनेश फोगाट को लोग याद रखें।
जींद की जुलाना विधानसभा सीट पर इस वक्त कांग्रेस प्रत्याशी विनेश फोगाट की चर्चा है। जाटलैंड की इस सीट पर कांग्रेस ऑफिस में दिनभर लोग बैठे रहते हैं। कुछ लोग हल्के के 73 गांव में प्रत्याशी के साथ प्रचार कर रहे हैं। विनेश जहां जा रही हैं लोगों की भीड़ उसके साथ है। इसमें महिलाएं भी देखने को मिल रही हैं।
जजपा के बीजेपी सरकार में शामिल होने से जनता नाराज
जुलाना सीट पर फिलहाल जजपा (जननायक जनता पार्टी ) के अमरजीत ढांडा विधायक हैं। पिछले चुनाव में जजपा की जीती 10 सीटों में एक सीट जुलाना की भी थी। लेकिन इस बार माहौल इनके विपरीत दिखाई दे रहा है।
जाटलैंड और किसानों की संख्या अधिक होने के कारण लोगों में जजपा और भाजपा को लेकर गुस्सा है। पूरे हरियाणा में ही किसानों के बीच भाजपा को लेकर खासी नाराजगी साफ दिखाई देती है। यही हाल जुलाना का भी है।
कुलदीप सिंह कांग्रेस ऑफिस में शाम होने का इंतजार कर रहे हैं। ताकि दिन ढलने के साथ ही गांव-गांव जाकर लोगों से विनेश को वोट करने की अपील करें।
कुलदीप उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने पिछली बार जजपा को वोट किया था और अब कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं। इसके पीछे का कारण पूछे जाने पर वह कहते हैं कि “पिछली बार दुष्यंत चौटाला ने इनेलो (इंडियन नेशनल लोकदल) से अलग होकर जजपा बनाई थी”।
लोगों का उनके साथ भावनात्मक जुड़ाव था और भाजपा को रोकना था, इसलिए जनता ने उन्हें खुलकर समर्थन किया। जिसके कारण नई पार्टी होने के बाद भी वह 10 सीटें जीते”।
वह आगे बताते हैं कि ‘चुनाव जीतने के बाद दुष्यंत बीजेपी के साथ जाकर मिल गए। जबकि जनता ने बीजेपी के विरोध में ही वोट किया था’।
“मैं एक किसान हूं और यहां ज्यादातर लोगों की आय का साधन खेती-किसानी है। लेकिन बीजेपी ने किसानों के साथ बुरा व्यवहार किया है। जजपा पर अब लोगों को भरोसा नहीं रहा, इसलिए जनता कांग्रेस को समर्थन कर रही है”।
नई लड़की ने नाम पर समर्थन
जुलाना से पांच किलोमीटर दूर किला जफरगढ़ गांव के 80 के साल बुजुर्ग जगदेव भी सरकार से काफी नाराज हैं। जगदेव की फिलहाल तीन पीढ़ियां खेती कर रही हैं।
उनके अनुसार अब चुनावों में कई तरह के बदलाव आ गए हैं। नेता वायदे तो करते हैं लेकिन पूरा नहीं करते हैं। पिछली बार भी जजपा ने यही किया है।
लेकिन इस बार विनेश पर उन्हें भरोसा हैं। वह कहते हैं कि “विनेश नई छोकरी है, राजनीति में युवा लोगों को मौका मिलना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि पिछली सरकार ने जो काम नहीं किया है वह अब हो सकते हैं”।
जुलाना जाटलैंड की सीट है। ज्यादातर पार्टियों ने जाट प्रत्याशियों को ही टिकट दिया है। जिसमें कांग्रेस से रेसलर विनेश फोगाट, भाजपा से कैप्टन योगेश बैरागी, इनेलो-बसपा से डॉ. सुरेंद्र लाठर, आम आदमी पार्टी (आप) से WWE में जाने वाली पहली महिला रेसलर कवित दलाल और जजपा से अमरजीत ढांडा मैदान में हैं। पांच में चार प्रत्याशी जाट हैं, जबकि भाजपा के कैप्टन योगेश बैरागी ओबीसी समाज से ताल्लुक रखते हैं।
बहू होने के नाते मांग रही हैं वोट
विनेश की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा है। जब वह गांव जा रही हैं तो उन्हें लोगों को खासा समर्थन मिल रहा है। इसकी वजह है राज्य में बीजेपी के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी, ओलंपिक में फाइनल तक पहुंचना और बड़ी पर्सनॉलिटी।
विनेश गांव-गांव में लोगों से जुलाना की बहू होने के नाते वोट मांग रही हैं। वह पारंपरिक सूट में सिर पर दुपट्टा लिए हुए भी नजर आती हैं। गांव के लोग भी उनका खूब स्वागत कर रहे हैं।
वह जुलाना के बख्ता खेड़ा गांव की बहू है। लेकिन सोमवीर राठी का परिवार सोनीपत में रहता है। सभाओं में अक्सर इस बात पर जोर दे रही हैं कि मैं इस धरती की बहू हूं और इसे छोड़कर नहीं जाऊंगी। गांव की महिलाएं भी इसे बड़े उत्साह के साथ बताती हैं कि विनेश उनके गांव की बहू है।
महिलाओं एक ग्रुप जिसमें लगभग सभी उम्र की महिलाएं थी वह पिछले एक महीने से विनेश के लिए वोट मांग रही हैं।
महिलाओं का समर्थन
सुनीता उनमें से एक हैं। वह कहती हैं ‘विनेश हमारे गांव की बहू है। मैंने पिछली बार भी कांग्रेस को ही वोट किया था। इस बार हम अपनी बहू का समर्थन कर रहे हूैं’।
ओलंपिक के बारे में पूछने पर सुनीता और उनके साथ की महिलाएं कहती हैं कि हमारे लिए तो वह जीती ही है। हमारे गांव का नाम रोशन किया है। इससे गांव की अन्य लड़कियों को भी प्रेरणा मिली है। उम्मीद है आगे भी काम करेगी।
जुलाना के लोगों के अऩुसार विनेश को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ खिलाड़ियों के साथ उत्पीड़न के लिए आंदोलन करने और किसान आंदोलन का समर्थन करने का फायदा होगा।
उसके समर्थन में आर्मी से रिटायर लोग भी हैं। जिसमें बुजुर्ग गांव-गांव जाकर लोगों से वोट करने अपील कर रहे हैं।
जयपाल आर्मी से रिटायर हैं। उनके अंदर भाजपा को लेकर बहुत गुस्सा है। इलेक्ट्रिक स्कूटी से वह पहले कांग्रेस के कार्यालय में आते हैं और फिर गांव-गांव में लोगों से समर्थन मांगते हैं।
वह कहते हैं ‘विनेश ओलंपिक में हारी नहीं बल्कि उसे हराया गया है। उसने दिल्ली में धरना प्रदर्शन कर पहलवानों की स्थिति को उजागर किया है। यह एक मिसाल है। वह ओलंपिक में फाइनल तक पहुंची हमारे लिए यही मेडल है’।
साथ ही वह कहते हैं कि हरियाणा में बड़ी संख्या में युवा आर्मी में जाता है। लेकिन अग्निवीर योजना ने युवाओं का भविष्य ही खराब कर दिया है।
15 साल से जीत को तरसी कांग्रेस
जुलाना इनेलो का गढ़ रही है। लेकिन पिछली बार जनता का जजपा से भावनात्मक जुड़ाव होने के कारण उसे जीत मिली।
पिछली बार जीत का बड़ा कारण यह भी था कि लोग बीजेपी के विरोध में थे और दुष्यंत चौटाला अपनी सभाओं में लगातार उसे घेरने की कोशिश कर रहे थे। इस बार भी स्थिति वही है, लोग बीजेपी के खिलाफ वोट करेंगे।
साल 1967 से बनी इस सीट पर 57 साल में चार बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। साल 2009 और 2014 में इनेलो के परमेंद्र ढुल ने जीत का परचम लहराया। आखिर बार कांग्रेस के शेर सिंह ने साल 2005 में जीत हासिल की थी। अब 15 साल से जीत को तरस रही है।
जुलाना में 1.87 लाख वोटर हैं। जातीय समीकरण के अनुसार 70% जाट वोटर्स हैं। जो किसी भी पार्टी के उम्मीदवार के जीतने के लिए काफी हैं। भाजपा को छोड़ बाकी सभी पार्टियों ने जाट उम्मीदवार को टिकट दिया है। जबकि ओबीसी और ब्राह्मणों का 30 प्रतिशत वोट है। भाजपा के उम्मीदवार ओबीसी समुदाय से हैं। अगर जाट वोट बंटा तो परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं।
जुलाना विधानसभा के उम्मीदवार
योगेश बैरागी: कैप्टन बैरागी भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा सैनिक प्रकोष्ठ के सह संयोजक हैं। यह इनका पहला चुनाव है। इससे पहले कैप्टन विस्तारा एयरलाइंस में पायलट रहे हैं।
कविता दलाल: कविता आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार हैं। वह जुलाना की ही रहने वाली हैं और इसी नाम से वोट भी मांग रही हैं। साल 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों में 75 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था।
डॉ. सुरेंद्र लाठर: लाठर इनेलो-बसपा के उम्मीदवार हैं और डिप्टी एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग में कमिश्नर रहे हैं। सामाजिक कार्यों में जुड़े हुए हैं। नौकरी से वीआरएस लेकर राजनीति से जुड़े थे।