सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (27 दिसंबर) को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत पर चिंता जताई है, डल्लेवाल पिछले एक महीने से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं, जो 26 नवंबर से शुरू हुई थी. अदालत ने पंजाब सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि डल्लेवाल को आवश्यक चिकित्सा सहायता मिले.
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, “अगर कानून-व्यवस्था की स्थिति है तो आपको इससे सख्ती से निपटना होगा. किसी की जान दांव पर लगी है. आपको इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है. चिकित्सा सहायता दी जानी चाहिए और ऐसा लगता है कि आप इसका पालन नहीं कर रहे हैं.”
पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अवकाश पीठ ने पिछले आदेशों का पालन न करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के खिलाफ अवमानना याचिका के संबंध में नोटिस भी जारी किया. अदालत ने पंजाब सरकार को 28 दिसंबर तक कंप्लायंस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया. जब मामले की फिर से सुनवाई होगी उस समय मुख्य सचिव और डीजीपी को सुनवाई के दौरान वर्चुअली मौजूद रहने का भी निर्देश दिया गया.
‘किसानों ने अस्पताल ले जाने का किया विरोध’
कार्यवाही के दौरान, पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने अदालत को बताया कि आठ कैबिनेट मंत्रियों और पंजाब के डीजीपी का एक प्रतिनिधिमंडल डल्लेवाल को अस्पताल ले जाने के लिए मनाने के लिए विरोध स्थल पर गया था, लेकिन किसानों ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा, “हमने मौके पर सब कुछ मुहैया कराया है. अगर कोई शारीरिक धक्का-मुक्की करता है तो हम वह जोखिम नहीं उठा सकते.” इस पर बेंच ने जवाब दिया, “हमें उन किसानों के बारे में गंभीर संदेह है, जो सचेत और जागरूक नहीं हैं और उनके जीवन के बारे में चिंतित नहीं हैं.”
मामले में केंद्र के दखल पर सरकार का बयान
जब पीठ ने आश्चर्य जताया कि क्या केंद्र राज्य सरकार को सहायता दे सकता है तो सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र के दखल के वजह से मुश्किलें पैदा हो सकती हैं. मेहता ने कहा, “कुछ लोग डल्लेवाल को बंधक नहीं रख सकते. एक व्यक्ति की जान खतरे में है. राज्य सरकार उपाय कर सकती है.” मेहता ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना प्राथमिकता होनी चाहिए.
डल्लेवाल का पीएम मोदी को पत्र
पंजाब के महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि डल्लेवाल ने प्रधानमंत्री को संबोधित एक पत्र सौंपा था, जब 24 दिसंबर को एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की थी. पत्र में डल्लेवाल ने कहा कि वह चिकित्सा सहायता के लिए तभी सहयोग करने को तैयार होंगे, जब सरकार किसानों के साथ बातचीत शुरू करेगी.
20 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल के अस्पताल में भर्ती होने का फैसला पंजाब सरकार के अधिकारियों और डॉक्टरों पर छोड़ दिया था. अदालत ने कहा था कि 70 वर्षीय डल्लेवाल को पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर विरोध स्थल के 700 मीटर के भीतर स्थापित अस्थायी अस्पताल में ले जाया जा सकता है.
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