भोपाल। 15 अगस्त 2019 को पीएम मोदी ने लाल किले से “जल जीवन मिशन” की घोषणा की थी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि हर घर को जल कैसे मिले, पीने को शुद्ध पानी कैसे मिले, इसके लिए हम आने वाले वर्षों में जल जीवन मिशन में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा खर्च करने का संकल्प लेते हैं। हालांकि, केंद्र की यह महत्वाकांक्षी योजना भी मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गई।
जल जीवन मिशन से संबंधित एक ग्राउंड रिपोर्ट में पता चला है कि देखरेख के अभाव में कहीं पर पाइप लाइन चोरी चली गई तो कहीं पर टंकी। इसके अलावा कई जगह तो काम की गुणवत्ता सही नहीं होने की वजह से कुछ दिन में ही योजना ने दम तोड़ दिया। गांवों में कहीं पाइप है तो नल नहीं और नल है तो पाइप नहीं। जहां दोनों हैं वहां पानी नहीं है।
हाल ही में मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने जल जीवन मिशन का मुद्दा उठाते हुए कहा की इसमें प्रदेश में भारी गड़बड़ीयां हो रही है। उमंग सिंघार ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी। हालांकि, इसके जवाब में नगरिय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा की जिला स्वच्छता समिति की जिले में बैठक होनी चाहिए, जो नहीं हो रही है। इसी कारण से ये समस्या सामने आ रही है। अब हम बैठक के निर्देश दे रहे है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है की यह 20 हजार करोड़ रुपए का घोटाला है। इसकी जांच होनी चाहिए और सरकार को जांच के आदेश देने चाहिए। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में घोटालेबाज अफसरों, भ्रष्टाचारी नेताओं और ठेकेदारों की सांठगांठ से जल जीवन मिशन में 20 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है।
क्या है जल जीवन मिशन योजना
केंद्र सरकार की इस योजना में हर घर को पानी का कनेक्शन देने की बात कही गई है। जिससे लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा औऱ लोग बीमारी से भी बचेंगे. इस योजना का यहीं उद्देश्य है की सब को साफ पानी मिल सके। लेकिन अब केंद्र सरकार का यह प्रोजक्ट सवालों के घेरे में है। कांग्रेस नेताओं का कहना है की शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के वक्त से ही प्रदेश में इस योजना में भी भारी भष्टाचार हो रहा है और इसकी जांच होनी चाहिए।
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