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रोजाना FCI के गोदाम में 1.80 लाख मीट्रिक टन गेहूं-चावल खराब हो गया

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दो दिन पहले वर्ल्ड हंगर इंडेक्स रिपोर्ट (भी जारी हुई है। आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं, लेकिन उससे भी ज्यादा देश में अनाज का स्टोर और उसे सप्लाई करने वाली संस्था फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के आंकड़े चौंकाते हैं। आरटीआई की मदद से यह आंकड़े सामने आए हैं।

एफसीआई की ओर से आरटीआई (RTI) के जवाब में भेजी गई दर्जनों चिठ्ठियों की मानें तो हर रोज गोदाम और ट्रेन (Train)-ट्रक से ढुलाई के दौरान खराब और चोरी होने वाले सरकारी गेहूं-चावल की मात्रा से स्कूलों में मिड डे मील (MDM) खाने वाले 30 लाख बच्चे अपना पेट भर सकते हैं। एफसीआई अफसरों के मुताबिक खराब होने वाला यह वो अनाज है जो जारी नहीं किया जा सकता। कुछ अनाज जमीन में दबा दिया जाता है तो जो बेचा जा सकता है उसे 15 से 20 पैसे किलो के भाव से पशुओं का चारा (Animal Feed) बनाने वाली कंपनियों को बेच दिया जाता है।

डॉयटिशियन के अनुसार एक सामान्य इंसान को हर रोज 200 ग्राम अनाज की जरूरत होती है, जबकि उम्र के हिसाब से स्कूलों में मिड डे मील के तहत प्राइमरी में पढ़ने वाले बच्चों को 100 ग्राम और जूनियर हाईस्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को 150 ग्राम अनाज हर रोज दिया जाता है।

एफसीआई के दिल्ली मुख्यालय (Delhi Headquarters) के अनुसार गोदामों में साल 2008-9 से 2017-18 तक 1.80 लाख मीट्रिक टन गेहूं-चावल (wheat-rice) खराब हुआ था। मतलब 16 मीट्रिक टन की क्षमता के अनुसार 11250 ट्रक अनाज खराब हो गया।

आरटीआई के मुताबिक ट्रेन-ट्रक से ढुलाई के दौरान साल 2008-9 से 2017-18 तक 17 लाख मीट्रिक टन गेहूं-चावल चोरी, गायब और खराब हुआ था।

कहां-कितना अनाज हुआ खराब-
रीजनल ऑफिस भुवनेश्वर में 6 साल में 8 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा अनाज खराब हो गया।

रीजनल ऑफिस कोलकता में 6 साल में 15365 मी. टन अनाज खराब हो गया।

रीजनल ऑफिस बंगलौर में 11 साल में 3719 मी. टन अनाज खराब हो गया।

रीजनल ऑफिस अहमदाबाद में 8 साल में 3191 मी. टन अनाज खराब हो गया।

कहां-कितना अनाज हुआ खराब-
रीजनल ऑफिस भुवनेश्वर में 6 साल में 8 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा अनाज खराब हो गया।

रीजनल ऑफिस कोलकता में 6 साल में 15365 मी. टन अनाज खराब हो गया।

रीजनल ऑफिस पटना में 6 साल में 6716 मी. टन अनाज खराब हो गया।

जिम्मेदार अधिकारियों पर कितनी पेनल्टी लगाई गई-

पंजाब- 98500 रु कुल 14 पेनल्टी हैं. 361 मी. टन अनाज खराब होने पर।

केरल- 30 हजार रु कुल 2 पेनल्टी हैं। 87.9 मी. टन अनाज खराब होने पर।

यूपी- 1.5 लाख रु कुल 5 पेनल्टी हैं। 68 मी. टन अनाज खराब होने पर।

पं. बंगाल- 1.40 लाख रु कुल 2 पेनल्टी। 8.69 मी. टन अनाज खराब होने पर।

असोम- 1 लाख रु कुल 2 पेनल्टी हैं। 321.2 मी. टन अनाज खराब होने पर।

छत्तीसगढ़- 7500 रु कुल 2 पेनल्टी हैं। 8.78 मी. टन अनाज खराब होने पर।

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