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आईआईएम इंदौर में 109 में 106 पोस्टें सामान्य श्रेणी के लोगों के पास 

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 कम से कम दो आईआईटी और तीन आईआईएम में सामान्य श्रेणी के शिक्षकों की संख्या 90 फीसदी से ज्यादा है। इसी तरह से छह दूसरे आईआईटी और चार आईआईएम में यह संख्या 80-90 फीसदी के बीच है। ये आंकड़े आरटीआई के जरिये पूछे गए एक सवाल के जवाब में हासिल किए गए हैं।

जबकि केंद्र सरकार इन संस्थाओं में 27 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी, 15 फीसदी एससी और 7.5 फीसदी सीटें आदिवासी तबके के लिए आरक्षित कर रखी हैं। 

आईआईएम इंदौर में 109 में 106 पोस्टें सामान्य श्रेणी के लोगों के पास हैं। दिलचस्प बात यह है कि इंदौर में एससी और एसटी की श्रेणी से कोई भी अध्यापक नहीं है। आरटीआई के जरिये पूछे गए इन सवालों के जवाब 20 सितंबर को मिले हैं। जबकि आईआईएम उदयपुर में सामान्य श्रेणी के अध्यापकों की संख्या 90 फीसदी से भी ज्यादा है। आईआईएम लखनऊ में यह संख्या बढ़कर 95 फीसदी हो गयी है। छह आईआईएम में एसटी तबके का एक भी अध्यापक नहीं है। आईआईएम बंगलौर जहां रिजर्वेशन को लागू करने के लिए बाकायदा प्रदर्शन हो चुका है, उसमें 85 फीसदी फैकल्टी सामान्य श्रेणी से हैं।

आईआईटी मुंबई और आईआईटी खड़गपुर में 700 अध्यापकों में से 90 फीसदी संख्या सामान्य श्रेणी के अध्यापकों की है। जबकि मंडी, गांधीनगर, कानपुर, गुवाहाटी और दिल्ली आईआईटी में यह आंकड़ा 85 फीसदी है।

कुल मिलाकर 13 आईआईएम में 82.8 फीसदी फैकल्टी के सदस्य सामान्य श्रेणी से हैं। 5 फीसदी एससी और 1 फीसदी एसटी कटेगरी से जुड़े हैं। जबकि 9.6 फीसदी फैकल्टी सदस्य ओबीसी तबके से हैं। बाकी ईडब्ल्यूएस और शारीरिक तौर पर विकलांग लोगों के लिए है।

कुल मिलाकर 21 आईआईटी में 80 फीसदी सामान्य श्रेणी से हैं। जबकि 6 फीसदी एससी और 1.6 फीसदी एसटी श्रेणी के लिए है। इसके साथ ही इनमें 11.2 फीसदी ओबीसी कटेगरी के शिक्षक हैं। बाकी ईडब्ल्यूएस और विकलांग श्रेणी के लिए आरक्षित हैं।

सभी आईआईटी और आईआईएम ऐसे नहीं हैं। आईआईटी पटना में 38 फीसदी फैकल्टी ओबीसी समुदाय से हैं। उसके बाद 22 फीसदी एससी और 13 फीसदी एसटी समुदाय से आते हैं। और यहां केवल 12 फीसदी सामान्य श्रेणी से हैं। आईआईटी भिलाई और इंदौर में भी 50 फीसदी फैकल्टी सामान्य श्रेणी से हैं।

उसी तरह से आईआईएम के बीच आईआईएम जम्मू में 51 फीसदी फैकल्टी सामान्य श्रेणी से हैं। 19 फीसदी एससी, 5 फीसदी एसटी और 23 फीसदी ओबीसी तथा 2 फीसदी ईडब्ल्यूएस कटेगरी से हैं।

जिन संस्थानों ने डाटा मुहैया कराया उनमें 7 आईआईएम में कुल 256 रिक्तियां थीं। जिनमें सभी श्रेणियों में सबसे ज्यादा ओबीसी श्रेणी की थीं जिनकी संख्या 88 है। इसके अलावा 54 पद एससी समुदाय के खाली हैं। जबकि एसटी के 30 पद रिक्त हैं। इसी तरह से 11 आईआईटी में 1557 रिक्तियां हैं। इनमें सबसे ज्यादा 415 ओबीसी से जुड़ी हैं जबकि 223 एससी और 129 एसटी समुदाय से जुड़ती हैं।

(ज्यादातर इनपुट द हिंदू से लिए गए हैं।)  

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