सबसे महंगी जॉर्डन की खजूर… तो सबसे सस्ती इराकी जायदी किस्म
- रमजान के दौरान प्रदेश में करीब 400 टन से ज्यादा खजूर की खपत
इंदौर, नासेरा मंसूरी। मुस्लिम समाज के इबादत के पवित्र माह रमज़ान में शहर के साथ ही प्रदेशभर में खजूर की खपत में इजाफा हो गया है। इंदौर में भी मॉल्स से लेकर स्थानीय बाजारों में खजूर की सैकड़ों किस्में मौजूद हंै, जो अब अपने गुणों के कारण सालभर खाई जा रही हैं। खजूर से रोजा इफ्तारी करना सुन्नत माना गया है, इसलिए मुस्लिम समुदाय इफ्तारी में खजूर को प्रमुख तौर पर शामिल करता है और इस माह में खजूर की मांग बढ़ जाती है।
बताया जाता है कि दुनियाभर में खजूर की करीब 2 हजार किस्में पाई जाती हैं। वहीं अगर इंदौर की बात करें तो फिलहाल इंदौर के बाजारों में नौ देशों की करीब 125 किस्म की खजूर मौजूद हैं। इनमें 50 से ज्यादा किस्म तो इंदौर की कंपनी अलफ्रू ट डेट्स ही तैयार कर रही है। खजूर कारोबारियों के मुताबिक पूरे प्रदेश में केवल रमजान के दौरान ही अनुमानित 400 टन से ज्यादा खजूर की खपत होती है। रमज़ान के चलते फिलहाल इंदौर में भी दुकानों और ठेलों पर खूब खजूर नजर आ रही है। इस पूरे पवित्र महीने में इंदौर में खजूर की अच्छी खपत होगी। यूं तो भारत में खजूर की आवक 16 देशों से होती है, लेकिन सबसे ज्यादा खजूर इराक, ईरान और सऊदी अरब से आती है तो मध्यप्रदेश में सऊदी अरब की खजूर की ज्यादा मांग रहती है। व्यापारियों के अनुसार इस साल कीमतों में उछाल के कारण हर देश में खजूर का काफी स्टॉक रखा है, लेकिन रमज़ान के बाद कीमतों में कमी आएगी। हालांकि कोरोना काल के बाद इसके फायदों के चलते अब खजूर केवल 4 महीने ही नहीं, पूरे साल खाई जा रही है, जिसके चलते दुनियाभर में खजूर की ज्यादा मांग है।
50 से 1500 रुपए किलो तक की खजूर खाई जा रही
शहर में सबसे महंगी किस्म की खजूर की बात करें तो वह जॉर्डन से आने वाली मैजदुल किस्म है। यह 1300 से 1500 रुपए किलो मिल रही है, वहीं सबसे सस्ती किस्म की खजूर की बात करें तो वह इराक से आने वाली इराकी जायदी किस्म है, जो 50 से 100 रुपए किलो तक में बाजार में मिल रही है। यह खजूर की वो किस्म है, जो हमेशा सस्ती उपलब्ध होती रही है।
मुस्लिम समुदाय ने किया बहिष्कार
इस साल मुस्लिम समुदाय ने इजराइल की खजूर का बहिष्कार किया है। मुस्लिम समाज के कई लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से रमज़ान से पहले ही इजराइली खजूर और वहां के ब्रांड का इस्तेमाल न करने की अपील की है। कई मॉल और सुपर मार्केट में ये किस्म मौजूद है, जिसका बहिष्कार किया गया है।