कमलनाथ की टीम से सकते में बीजेपी*
*विजया पाठक
आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर अपनी जीत का परचम लहराने के लिये कांग्रेस पार्टी तैयार हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी अपने इस विजयी अभियान के रथ पर सवार होकर मध्यप्रदेश में सरकार बनाने के लिए उत्सुक हैं। पार्टी की उत्सुकता की जानकारी इस बात से भी पता चलती है कि प्रदेश कांग्रेस के नेता, विधायक और पार्टी के कार्यकर्ता ब्लॉक स्तर से लेकर जिले और राज्य स्तर पर अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गये हैं। इसी क्रम में एक दिन पहले कमलनाथ ने पार्टी के 16 नेताओं के बीच 51 जिलों में चुनावी तैयारियों की जो जिम्मेदारी बांटी है उससे यह बात स्पष्ट हो गई है कि कांग्रेस के नेता पुरजोर कोशिश करके इस बार सत्ता में आने को लेकर बेकरार हैं। कांग्रेस नेताओं की इस बेकरारी ने भाजपा पार्टी और संगठन सहित वरिष्ठ नेताओं की नीदें उड़ा दी है। हर कोई कमलनाथ द्वारा तैयार की जा रही रणनीति देखकर अचंभित हैं। इस बार कमलनाथ ने जो टीम बनाई है उससे निश्चित ही पार्टी को एक नई दिशा मिलेगी। इस टीम में उन सभी चेहरों को शामिल किया गया है जो अपने-अपने क्षेत्रों में अलग पहचान और वजन रखते हैं। निश्चित ही यह टीम अब पूरे दमखम के साथ अपने अपने कार्य क्षेत्र में पूरी लगन के साथ कार्य करेगी। इसके साथ ही प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने में जुटे हुए हैं। पूरे प्रदेश में दौरा कर कांग्रेस संगठन को मतबूत कर रहे हैं। निश्चित ही दिग्विजय सिंह के अनुभव और कार्यकर्ताओं में मजबूत पकड़ का पूरा लाभ कांग्रेस को मिलेगा। साथ ही कांग्रेस के नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने का कार्य कर रहे हैं।
*भाजपा को पटखनी देने को तैयार है कांग्रेस नेता*
बीते विधानसभा चुनाव में जीत के बावजूद ज्योतिरादित्य सिंधिया के धोखेबाजी के कारण प्रदेश से सत्ता खोने की खीझ आज भी कांग्रेस नेताओं के मन में है। यही कारण है कि कांग्रेस नेता उसी दिन से भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए पुरजोर कोशिश में जुट गये हैं। बीते दो वर्ष तक कांग्रेस पार्टी द्वारा की गई तैयारियों का परिणाम अब सामने आने लगा है। यही नहीं कांग्रेस की रणनीति ने भाजपा की पूरी योजना पर पानी फेर दिया है। अगर देखा जाये तो कांग्रेस की तुलना में भाजपा की रणनीति विधानसभा चुनाव जीतने के लिए नाकाफी नहीं है।
*16 मजबूत कंधे चमकायेंगे कांग्रेस की किस्मत*
जानकारी के अनुसार कमलनाथ द्वारा जिन 16 चेहरों को प्रदेश के 51 जिलों की जिम्मेदारी दी गई है वे सभी खासे अनुभवी और राजनीतिक समीकरण के जानकार माने जाते हैं। हर एक मंत्री और विधायक के पास चार से पांच जिले हैं, जहां उन्हें ग्राउंड जीरो से काम करने की प्लानिंग कर कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में फतह दिलवाने की जिम्मेदारी है। कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी के यह 16 मजबूत कंधे ही कांग्रेस की किस्मत चमकाने का काम करेंगे।
*भाजपा संगठन और वरिष्ठ नेता हैं सकते में*
बीते दिनों भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की हुई महत्वपूर्ण बैठक में शामिल पदाधिकारियों ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि अगर भाजपा कार्यकर्ता और नेता जमीनी स्तर पर जाकर काम नहीं करेंगे तो विधानसभा चुनाव में जीत की राह मुश्किल होगी। अगर नेता विधायक और कार्यकर्ता यह सोच रहे हैं कि सरकार सत्ता में है तो इसका फायदा तो मिलना तय है तो यह एक गलतफहमी है इसका परिणाम बीते विधानसभा चुनाव के परिणामों में देखा जा सकता है। कुल मिलाकर भाजपा संगठन और नेताओं की यह छटपटाहट कांग्रेस पार्टी की मजबूत तैयारी और जनसमर्थन के कारण सामने आ रही है।
*इनको मिली जिम्मेदारियां*
नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने 16 नेताओं को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी सौंपी है। ये सभी आवंटित जिलों में संगठन को बूथ स्तर पर मजबूत करने के साथ चुनाव की कार्ययोजना बनाकर काम करेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को सीधी, रीवा, कटनी और सिंगरौली, नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह को अनूपपुर, शहडोल, उमरिया और जबलपुर का प्रभार दिया गया है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया के पास आदिवासी बहुल बड़वानी और खरगोन जिले में पार्टी को जिताने का काम रहेगा। संगठन ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को बुंदेलखंड के निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर और जीतू पटवारी को सतना, दमोह, पन्ना के साथ रायसेन का दायित्व सौंपा गया है। सज्जन सिंह वर्मा छिंदवाड़ा, बैतूल, हरदा, नर्मदापुरम, बाला बच्चन खंडवा, बुरहानपुर और धार जिले में चुनाव अभियान को देखेंगे। मीनाक्षी नटराजन को आलीराजपुर, झाबुआ और आगर, रामनिवास रावत को राजगढ़ और शाजापुर, केपी सिंह को गुना, अशोकनगर और विदिशा, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह को इंदौर और उज्जैन, तरुण भनोत को डिंडौरी, बालाघाट, सिवनी, मंडला और नरसिंहपुर, कमलेश्वर पटेल को नीमच, मंदसौर और रतलाम जिले का प्रभार दिया गया है। सीहोर और देवास जिले में पार्टी को जिताने का दायित्व लाखन सिंह यादव का होगा।