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उज्जैन सिंहस्थ: भूमि अधिग्रहण को लेकरआमने-सामने बीजेपी के 2 विधायक

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उज्जैन सिंहस्थ-2028 को लेकर मोहन सरकार की तैयारियां जोरों पर हैं. हालांकि भव्य आयोजन के पीछे भूमि अधिग्रहण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. बीजेपी के ही दो विधायक इस मुद्दे पर आमने-सामने आ गए हैं. एक विधायक किसानों की जमीन जबरन लेने का आरोप लगा रहे हैं जबकि दूसरे विधायक विकास कार्यों का समर्थन कर रहे हैं.

मध्य प्रदेश के उज्जैन में 2028 में सिंहस्थ का आयोजन होना है . इसे लेकर मोहन सरकार अपनी तैयारियां कर रही है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ऐलान किया है कि इस बार साधु-संतों के लिए पक्के भवन बनाए जाएंगे. इसका बीजेपी विधायक विरोध कर रहे हैं. विधायक चिंतामणि मालवीय का कहना है की उज्जैन का किसान डरा हुआ है. वो अपनी जमीन हमेशा के लिए नहीं देना चाहता. विधानसभा में बीजेपी के ही दो विधायक इस मुद्दे पर आमने-सामने हो गए.

दरअसल, सिंहस्थ-2028 को लेकर मोहन सरकार अभी से तैयारियां कर रही है. मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है कि इस बार का सिंहस्थ भव्य और अलौकिक होगा. बता दें कि सिहंस्थ-सिंहस्थ को लेकर करीब 2 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. मेला क्षेत्र में 200 एमएलडी पेयजल क्षमता का विकास किया जाएगा. सिंहस्थ के दौरान लोगों को स्वास्थ्य सेवा देने के लिए उज्जैन में भवन विकास निगम द्वारा मेडिसिटी का निर्माण किया जा रहा है. इसकी लागत 592.3 करोड़ रुपये है.

500 अस्थायी अस्पताल बनाए जाएंगे

इस अस्पताल की क्षमता 550 बेड की होगी. साथ ही मेला क्षेत्र के आसपास 500 अस्थायी अस्पताल बनाए जाएंगे और कैंप लगाए जाएंगे. स्वास्थ्य सुविधाओं को सिंहस्थ मेला क्षेत्र के अनुसार 6 जोन में बांटा जाएगा. मरीजों का डिजिटल रिकार्ड मेंटेन किया जाएगा. मेले के दौरान बर्न यूनिट, एंबुलेंस सुविधा, ब्लड बैंक, ट्रॉमा सेंटर आदि की तैयारी पर फोकस किया जा रहा है.

सिंहस्थ मेला क्षेत्र का वर्चुअल टूर ऐप से कराया जाएगा. वहीं, सड़क एवं अन्य सफाईकर्मियों को मिलाकर 11 हजार 220 सफाईकर्मियों की आवश्यकता होगी. इसके अलावा कचरा संग्रहण के लिए लगभग 5 हजार सफाई कर्मियों की आवश्यकता होगी. कुल मिलाकर 16 हजार 220 सफाईकर्मियों की जरूरत होगी. अब बताते हैं कि उज्जैन से दो बीजेपी विधायक आखिर क्यों विधानसभा में भिड़ गए?

पक्के निर्माण की क्या जरूरत है?

उज्जैन के आलोट से बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय ने सदन में अपनी ही सरकार को जमकर घेरा. कहा कि टेंट सिटी की जगह पक्के निर्माण की क्या जरूरत है? किसानों की जबरदस्ती जमीन अधिग्रहण की जा रही है. किसान परेशान हैं और डरे हुए हैं. पहले 3 या 6 महीने के लिए जमीन ली जाती थी और मेला खत्म होने के बाद वापस दे दी जाती थी. मगर अब ऐसा नहीं हो रहा. जो साधु पहले ही सब त्याग चूका है, वो भवन का क्या करेगा?

जैसे ही बीजेपी के विधायक चिंतामणि मालवीय ने ये बात कही उज्जैन से ही बीजेपी के विधायक अनिल जैन खड़े हुए. जैन ने कहा कि सिंहस्थ का कार्यक्रम मेरी विधानसभा में हुआ है. आपको इससे क्या दिक्कत है? आप विकास के खिलाफ हो? मोहन सरकार किसानों को बेहतर सुविधा देगी. किसी को दबाने का काम नहीं किया जा रहा है.

अब तो बीजेपी विधायक ही कह रहे हैं

विधानसभा में बहस के दौरान उज्जैन से ही कांग्रेस के विधायक महेश परमार भी खड़े हुए. महेश ने कहा कि अब तो सरकार कम से कम जाग जाए. हम नहीं अब तो बीजेपी के ही विधायक कह रहे हैं कि किसानों की जमीन दबाव बनाकर अधिग्रहण की जा रही है. इसे तुरंत बंद किया जाए. इस मामले पर उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि अब तो सरकार जागे. अब तक तो कांग्रेस विधायक कह रहे थे लेकिन अब तो बीजेपी विधायक ही कह रहे हैं.

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