लोकसभा की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए सोमवार को 33 विपक्षी सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया गया। जिन सांसदों पर निलंबन की गाज गिरी है, उनमें कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक सांसद टीआर बालू, दयानिधि मारन और तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय शामिल हैं।
नारे लगाने के लिए अध्यक्ष के आसन पर चढ़ गए थे
बताया गया कि जिन सांसदों पर निलंबर की गाज गिरी है, उनमें से 30 को बचे हुए शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा तीन अन्य सांसदों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है। इनमें के. जयकुमार, विजय वसंत और अब्दुल खालिक शामिल हैं। ये सभी नारे लगाने के लिए अध्यक्ष के आसन पर चढ़ गए थे।
प्रल्हाद जोशी ने निलंबन के संबंध में प्रस्ताव पेश किया
लोकसभा अध्यक्ष की ओर से नाम पुकारने के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने निलंबन के संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया। इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा के 45 सांसदों को किया गया निलंबित
इस बीच लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी सांसदों पर कार्रवाई की गई। सदन में हंगामे और नियमों की अवहेलना को लेकर संसद के उच्च सदन के 45 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है।
अब तक 92 सांसदों पर कार्रवाई
इससे पहले गुरुवार को दोनों सदनों के 14 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। इसमें लोकसभा के 13 और राज्यसभा के एक सांसद शामिल थे। इस तरह अब तक दोनों सदनों के 92 सांसदों पर निलंबन की कार्रवाई की जा चुकी है।