इंदौर
इंदौर और आसपास के रेल प्रोजेक्ट्स के लिए अच्छी खबर है। तीन प्रोजेक्ट के लिए रेलवे बोर्ड ने 333 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि जारी कर दी है। इससे प्रोजेक्ट को और ज्यादा गति मिलेगी। सबसे खास इंदौर-देवास-उज्जैन डबल लाइन के लिए 178 करोड़ रुपए दिए हैं। प्रोजेक्ट को आम बजट में महज एक हजार रुपए की राशि मिली थी। इसे लेकर सवाल भी उठे थे, सबसे जल्दी और कम समय में होने वाले प्रोजेक्ट को इतनी कम राशि। इसके अलावा, इंदौर-दाहोद नई लाइन को 70 करोड़ और महू-खंडवा गेज कन्वर्जन को 85 करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए गए हैं। हालांकि इंदौर-दाहोद नई लाइन के लिए पहले 20 करोड़ दिए जा चुके थे। अब इसके लिए 50 करोड़ रुपए की राशि और जारी की गई है।
रेलवे बोर्ड द्वारा जो राशि जारी की गई है। उस राशि से ज्यादा काम को गति इंदौर-देवास-उज्जैन डबल लाइन को मिलने वाली है। इसका कारण इस प्रोजेक्ट को सबसे ज्यादा 178 करोड़ रुपए मिले हैं। रेलवे एक्सपर्ट का कहना है, टारगेट तय कर काम करे, तो यह अगले साल दिसंबर तक पूरा हो सकता है। वहीं, रेलवे का अगले साल मार्च तक इस प्रोजेक्ट में उज्जैन से देवास तक का काम पूरा करने का लक्ष्य है।
रेलवे के कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के अधिकारी के अनुसार 79.4 किमी के इस प्रोजेक्ट में उज्जैन-देवास के बीच 38.8 किमी में से 15 किमी हिस्से का काम चल रहा है। हमारा टारगेट है कि मार्च-2022 तक इसमें देवास के पहले तक यानी 23.8 किमी हिस्से में और काम पूरा हो जाए। इसके बाद इंदौर-देवास के 40.6 किमी में काम होगा।
इंदौर-देवास के बीच दो ब्रिज, उनका काम भी इसके साथ शुरू किया जाए : एक्सपर्ट
रेलवे पैसेंजर एमिनिटीज कमेटी के पूर्व सदस्य नागेश नामजोशी के अनुसार रेलवे तेजी से काम करेगा, तो अगले साल दिसंबर तक प्रोजेक्ट पूरा हो सकता है। अभी सबसे जरूरी है कि इंदौर-देवास के बीच मांगलिया और बरलई में दो ब्रिज का काम भी होना है। रेलवे को चाहिए कि इसका काम अभी से शुरू करें। ब्रिज तैयार रहेंगे, तो रेलवे को लाइन बिछाने का काम रहेगा।
इससे समय भी बचेगा। रेलवे को वैसे इंदौर से देवास के बीच का काम पहले शुरू करना था, क्योंकि इस सेक्शन में ट्रैफिक दबाव 140% है। रेलवे ने पहले उज्जैन-देवास के बीच काम शुरू किया, जबकि उस सेक्शन में ट्रैफिक दबाव 80% ही है।
इंदौर-दाहोद, महू-सनावद प्रोजेक्ट पर भी शुरू हो काम
रेलवे ने इंदौर-दाहोद को 20 करोड़ और महू-सनावद प्रोजेक्ट को 85 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि दी। ऐसे में महू-सनावद प्रोजेक्ट में 335 करोड़ और दाहोद प्रोजेक्ट को कुल 90 करोड़ रुपए की राशि मिल गई है। ऐसे में इन प्रोजेक्ट पर भी काम शुरू होना चाहिए। दोनों प्रोजेक्ट को रेलवे ने होल्ड कर रखा है। रेलवे एक्सपर्ट के अनुसार इन पर जल्द काम शुरू होना चाहिए।
वहीं, मामले में सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि इंदौर-दाहोद, महू-सनावद, इंदौर-देवास-उज्जैन डबल लाइन प्रोजेक्ट का जल्द निरीक्षण करेंगे। यह निरीक्षण पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के नेतृत्व में करेंगे। अधिकारियों से कहेंगे कि इंदौर-देवास-उज्जैन दोहरीकरण का काम जल्द पूरा करें, इसकी टाइमलाइन तय करें, इसमें काम हो।
तीनों प्रोजेक्ट की स्थिति
- इंदौर-देवास-उज्जैन दोहरीकरण : 79.23 किमी हिस्से में उज्जैन-देवास के बीच 15 किमी हिस्से में काम चल रहा है।
- इंदौर-दाहोद नई लाइन : 2008 से अब तक कुल 202 किमी में से 37 किमी में काम हुआ है। प्रोजेक्ट को रेलवे ने होल्ड पर किया हुआ है।
- महू-खंडवा गेज कन्वर्जन : यह प्रोजेक्ट रतलाम-इंदौर-महू-आकोला का हिस्सा है। यह प्रोजेक्ट 2008 में प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ। रतलाम से इंदौर और इंदौर से महू के बीच काम पूरा हो चुका है। महू से सनावद के बीच काम शुरू नहीं हुआ। आकोला से आकोट तक का काम हो चुका है।