(Nutrition Week 2024 special)
डॉ. नेहा, दिल्ली.
एनीमिया यानी खून की कमी. एक तरह का कुपोषण. यह महिलाओ की एक बड़ी समस्या है. यह शरीर को खोखला कर देता है. इंटर्नल हॉटनेस कोल्डनेश मे बदल जाता है. चेहरे का नेचुरल तेज बुझ जाता है. कई रोग घेर लेते हैं. सेक्स लाइफ डेड हो जाती है.
समय पर संतुलित आहार न लेने से, नशे की लत पालने से, एक इंसान से भरपूर सेक्ससुख नहीं पाने से, दुराचारी बनकर कई को यूज करने से शरीर में धीरे धीरे विटामिन और मिनरल की कमी बढ़ने लगती है।
इससे हर समय थकान, कमज़ोरी और आलस्य का सामना करना पड़ता है। शरीर में आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन का स्तर असंतुलित होने लगता है। इससे ब्ल्ड में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है और कमज़ोरी के लक्षण पैदा होने लगते हैं।
नेशनल न्यूट्रिशन वीक 2024 :
हर साल 1 सितंबर से लेकर 7 सितंबर न्यूट्रिशन वीक के रूप में मनाया जाता है। इस साल मनाए जाने वाले न्यूट्रिशन वीक की थीम है इटिंग फॉर ए हेल्दी टूमॉरो यानि अपने स्वस्थ भविष्य के लिए सोच समझकर आहार लें।
भारत में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह सन् 1982 में आरंभ हुआ था। कुपोषण के मामलों की रोकथाम के लिए इस मुहिम की शुरूआत विश्व स्तर पर सन् 1973 में संयुक्त राज्य अमेरिका में अमेरिकन डायटेटिक्स एसोसिएशन ने की थी।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की इस पहल के चलते लोगों में पोषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूल, कॉलेज और ऑफिस में कैम्प, सेमिनार और प्ले करवाए जाते हैं।
शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होने से एनीमिया का जोखिम बढ़ जाता है। दरअसल, हीमाग्लोबिन एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो बॉडी फंक्शनिंग मदद करता है।
इससे शरीर में रेड ब्ल्ड सेल्स की मात्रा बढ़ती है। साथ ही ब्लड सेलस में ऑक्सीजन के प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है। शरीर में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों की कमी इस समस्या को बढ़ा देती है।
ऐसे में आहार में ज्यादा कैफीन, सिगरेट और अल्कोहल से बचना चाहिए। इससे शरीर में आयरन का एब्जॉर्बशन बाधित होने लगता है।
*किनको होता है एनीमिया का खतरा?*
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एनीमिया एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो छोटे बच्चों, मासिक धर्म के बाद लड़कियों, महिलाओं, गर्भवती और पोस्टपार्टम महिलाओं को प्रभावित करती है। रिसर्च के अनुसार 6 से लेकर 59 माह के बच्चों में 30 फीसदी एनीमिया का खतरा पाया जाता है। वहीं 37 फीसदी गर्भवती महिलाओं और 15 से 49 साल की 40 फीसदी महिलाओं में खून की कमी पाई जाती है।
*एनीमिया के सामान्य संकेत :*
वे महिलाएं जो एनीमिया से ग्रस्त होती है उन्हें बार बार थकान और कमज़ोरी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा चलते वक्त सांस का फूलना और लो ब्लड प्रेशर की समस्या बनी रहती है।
इसके अलावा आंखों में पीलापन और अनियमित पीरियड साइकल का भी सामना करना पड़ता है। खून की कमी के चलते हाथ पैर ठंडे रहते हैं और सिर व छाती का दर्द बना रहता है।
ये हैं एनीमिया के सबसे आम कारण :
*1. आयरन और विटामिन बी 12 की कमी :*
आहार में आयरन, फोलेट और विटामिन बी 12 को शामिल करने से शरीर में रेड ब्लड सेल्स और व्हाइट ब्लड सेल्स को उचित स्तर बना रहता है। एनीमिया से ग्रस्त लोगों को अक्सर थकान और सांस फूलने की समस्या बनी रहती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्क के अनुसार 50 फीसदी एनीमिया के शिकार लोगों में आयरन की कमी पाई जाती है। अमेरिकन अकेडमी और हेमाटोलॉजी के अनुसार आयरन की कमी से जूझ रहे लोगों को रोज़ाना 150 से 200 मिलीग्राम आयरन रिच डाइट का सेवन करना चाहिए।
*2. स्मॉल इंटेस्टाइन इंफेक्शन :*
गलत खान पान के चलते स्मॉल इंटेस्टाइन में बढ़ने वाला इंफेक्शन आयरन की कमी का कारण बनने लगता है। इससे शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण रूक जाता है। दरअसल, शरीर पाचन के अलावा पोषण के एब्जॉर्बशन के लिए स्मॉल इंटेस्टाइन पर निर्भर करता है। डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि न्यूट्रिशन का 80 फीसदी एब्जॉर्बशन स्मॉट इंटेस्टान की मदद से किया जाता है। ऐसे में सही अवशोषण न मिल पाने से पोषक तत्व निष्कासित हो जाते हैं और खून की कमी का सामना करना पड़ता है।
*3. प्रेगनेंसी :*
गर्भावस्था के दौरान शरीर में ब्लड का वॉल्यूम बढ़ने लगता है। ऐसे में रेड ब्ल्ड सेल्स को बनाने के लिए शरीर को आयरन और विटामिन की आवश्यकता होती है। दरअसल, बच्चे को ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए खून की पर्याप्त मात्रा का होना आवश्यक है। दूसरी और तीसरी तिमाही में बच्चे की ग्रोथ होने के चलते मॉ में खून की कमी बढ़ने लगती है। इसके लिए संतुलित आहार लेना ज़रूरी है।
*4. अनुवांशिकता :*
परिवार के अन्य सदस्यों जैसे माता पिता या भाई बहन में बढ़ने वाली खून की कमी इस समस्या का कारण बनने लगती है। अनुवांशिकता के चलते भी लोगों को एनीमिया की समस्या से दो चार होना पड़ता है। ऐसे में शरीर कमज़ोर और थकान महसूस करने लगता है।
*5. अचानक ब्लड लॉस :*
शरीर में किसी दुर्घटना या फिर पीरियड साइकल के दौरान होने वाली एक्सेसिव ब्लीडिंग भी अनीमिया का कारण साबित होती है। अचानक होन वाला ब्लड लॉस शरीर में खून की कमी को बढ़ा देता है। इसके चलते कई तरह की समस्याएं बढ़ने लगती हैं।
शरीर में किसी दुर्घटना या फिर पीरियड साइकल के दौरान होने वाली एक्सेसिव ब्लीडिंग भी अनीमिया का कारण साबित होती है।
*6. जिम, ज़ीरो साइज और जिस्मानी रिलेसन :*
जिम द्वारा बताए गये सप्लीमेंट बेहद खतरनाक होते हैं. सभी के शरीर को एक तरह के सप्लीमेंट की ज़रूरत नहीं होती. ज़ीरो साइज के चक्कर मे भी महिलाएं सेहत का सत्यानाश करती हैं.
एक इंसान से कम्प्लीट सटिस्फैक्शन नहीं मिलना, कई से यूज होना आयरन, कैल्शियम की कमी ही नहीं, कई रोग देता है. लाइलाज जानलेवा रोग भी. पति नामर्द है तो हमारी निःशुल्क सेवा से उसे मर्द बनवा लें. या फिर हमारी दुराचार-मुक्त स्प्रिचुअल थेरेपी से सुपर सटिस्फैक्शन लें.
एनीमिया से राहत पाने के लिए आहार में रखें इन बातों का ख्याल :
आयरन और प्रोटीन रिच आहार लें। इसके लिए अपनी डाइट में साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जिया, लोटस स्टेम, नट्स और मछली को शामिल करें। इसके अलावा लाल और पीले फलों का सेवन करे।
ब्रेक्फास्ट में ब्रेड को पोहे और सफेद चनों से रिप्लेस करें। शरीर में आयरन के एब्जॉर्बशन को बढ़ाने के लिए उसे विटामिन सी से कंबाइन कर लें। अन्यथा आयरन शरीर से निष्कासित हो जाता है।
विटामिन सी को बनाए रखने के लिए नींबू, संतरा और मौसमी समेत खट्टे फलों का सेवन करें।
शरीर में आयरन की मात्रा को बनाए रखने के लिए खाना खाने के बाद चाय, कॉफी और पान खाने से बचें।
चाय और कॉफी में कैफीन की मात्रा पाई जाती है। वहीं पान में इस्तेमाल किया जाने वाला चूना भी आयरन एब्जॉर्बशन को रोकता है।