अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

41 जिंदगियां कैद से आजाद होने को बेकरार, अच्छी खबर का इंतजार

Share

उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग में फंसी 41 जिंदगियां कैद से आजाद होने को बेकरार हैं। हर कोई अच्छी खबर का इंतजार कर रहा है। मजदूरों को बाहर निकालने का उत्साह गुरुवार को दिनभर उतार चढ़ाव लेता रहा। सूरज चढ़ता गया और अड़चनों की वजह से मजदूरों के बाहर आने का इंतजार बढ़ता रहा।

आज शुक्रवार शाम तक मजदूरों के बाहर आने की उम्मीद है। ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया। वहीं सुरंग के बाहर परिजन बेसब्री से अपनों के निकालने का इंतजार कर रहे हैं। बुधवार की रात को चले अभियान की रफ्तार से ये उम्मीद जताई जा रही थी कि बृहस्पतिवार की सुबह तक सभी 41 मजदूर सकुशल बाहर आ जाएंगे, लेकिन रात को अमेरिकन ऑगर ड्रिल मशीन की राह में लोहे के सरिये व गाटर आ गए जो टनल के भीतर के स्ट्रक्चर के लिए लगाए गए थे।

इससे मशीन का पुर्जा भी टूट गया। मशीन रोकनी पड़ी। इसके बाद एनडीआरएफ के जवान ने करीब 40 मीटर तक पहुंचे 800 मिमी पाइप के भीतर घुसकर रुकावट को देखा। उन्होंने इसे काटने की सलाह दी, जिसके लिए गैस कटर मंगाया गया। भीतर ऑक्सीजन कम होती है। गैस कटर चलाने पर ये और कम हो जाती है। लिहाजा, पहली टीम जब इसे काटने के लिए पहुंची तो वह सफल नहीं हो पाई।

Uttarkashi Tunnel Collapse 41 workers in tunnel for 13 days Watch photos

इसके बाद दूसरी टीम भीतर गई, जिसे कई घंटे की मशक्कत के बाद इसे काट दिया। सुबह दोबारा डि्ल मशीन शुरू कर दी गई। नौवां पाइप भीतर भेजना शुरू किया गया।

Uttarkashi Tunnel Collapse 41 workers in tunnel for 13 days Watch photos

करीब 1.8 मीटर पाइप पहुंचा ही था कि मशीन में फिर तेज कंपन्न होने लगी। सामने फिर सरिये की चुनौती पेश आई, जिसे देर शाम तक काटा गया। मजदूरों को पाइप उनके पास तक पहुंचने और बचाव दलों को मजदूरों के बाहर आने का इंतजार था। देर रात तक बचाव अभियान जारी था।

Uttarkashi Tunnel Collapse 41 workers in tunnel for 13 days Watch photos

उम्मीद है कि आज शाम तक श्रमिकों और परिजनों का इंतजार खत्म हो जाएगा। वहीं उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि अभी स्थिति काफी ठीक है। कल रात हमें दो चीज़ों पर काम करना था।

पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि सबसे पहले, हमें मशीन के प्लेटफॉर्म का पुनर्गठन कर दिया और इसके बाद पाइप पर जो थोड़ा दबाव था उसे काटने का काम चल रहा है। ये पूरा हो जाने के बाद हमने ऑगर ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार से जो अध्ययन किया है उसे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक कोई धातु अवरोध नहीं है। इस हिसाब से अगर ड्रिल मशीन ठीक चली तो पाइप सुरंग में फंसे मजदूरों के बेहद करीब पहुंच जाएगा। शाम तक उनके बाहर आने की उम्मीद है।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें