रतलाम-झाबुआ, खलघाट-मनावर और नीमच-सिंगोली सडक़ें भी शामिल
इंदौर। मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन(एमपीआरडीसी) प्रदेश की छह महत्वपूर्ण सडक़ों का विकास 2140 करोड़ रुपए में करेगा। इनमें रतलाम-झाबुआ, खलघाट-मनावर, नीमच-सिंगोली, बुदनी-इटारसी, नर्मदापुरम्-टिमरनी और ब्योहारी (टेटका मोड़) से शहडोल के बीच बनने वाली सडक़ें शामिल हैं। इन सडक़ों की कुल लंबाई 421.50 किलोमीटर है।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता वाले एमपीआरडीसी बोर्ड ने इसकी मंजूरी दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बोर्ड की मंजूरी के बाद अप्रैल से इन सडक़ों के निर्माण की तैयारी शुरू कर दी जाएगी। सबसे पहले सडक़ निर्माण के लिए टेंडर बुलाए जाएंगे। अच्छे ऑफर देने वाली कंपनियों के चुनाव की प्रक्रिया आगामी तीन-चार महीनों में पूरी कर उन्हें ठेका दिया जाएगा। कोशिश है कि 2023 में ही इन सडक़ों के नवनिर्माण का काम शुरू कर दिया जाए।
हाईब्रिड एन्युटी मॉडल पर बनेंगी सडक़ें
एमपीआरडीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर आशीषसिंह ने अग्निबाण को बताया कि बोर्ड द्वारा स्वीकृत सभी छह सडक़ें हाईब्रिड एन्युटी मॉडल पर बनाई जाएंगी। इस मॉडल में कुल लागत का 50 प्रतिशत हिस्सा प्रदेश सरकार और बचा 50 प्रतिशत हिस्सा सडक़ निर्माण करने वाली कंपनी को वहन करना पड़ेगा। सडक़ों की कुल निर्माण लागत 2139.70 करोड़ रुपए आंकी गई है। कॉर्पोरेशन अगले महीने से इनके निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगा।
ये हैं छह सडक़ें, जिन्हें बनाने की है तैयारी
सडक़ लंबाई (किमी में) लागत (करोड़ में)
रतलाम-झाबुआ 105 626.57
नीमच-सिंगोली 100 381.66
(राजस्थान सीमा तक)
नर्मदापुरम-टिमरनी 72.40 387.29
खलघाट-मनावर 57 235.60
ब्योहरी (टेटका मोड़) से शहडोल 52 234.24
बुदनी-इटारसी 35.10 274.34