-डॉ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’, इन्दौर
21 जून। योग दिवस मान्य प्रधानमंत्री, ग्रहमंत्री से लेकर, सेना, विभिन्न संगठनों, संस्थानों ने और परिवारों ने भी योग किया है। अनुप्रेक्षा परिरवार ने जैन संस्कृति शोध संस्थान में योग का कार्यक्रम कर राष्ट्रीय योगदिवस के कार्यक्रम में अपनी सहभागिता दर्ज कराई है। इसमें 99 वर्ष की दादी श्रीमती सोनादेवी ने भी लिया। दृढ़ इच्छाशक्ति होने पर आवश्यक नहीं है कि कार्यक्रम के लिए विशाल जनसमुदाय ही एकत्रित हो, छोटे-छोटे समूह या एक-एक परिवार भी योग जैसा राष्ट्रीय कार्यक्रम कर राष्ट्र ओर दुनिया को सन्देश दे सकता है। योग के कार्यक्रम अनुष्का जैन ने संपन्न करवाये।
जैन संस्कृति शोध संस्थान के सचिव डॉ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’ ने कहा कि आज मानव द्वारा प्रगति करने की प्रतिस्पर्धा, भाग-दौड़, आपाधापी के समय में शारीरिक और मानसिक स्वस्थता के लिए योग नितान्त आवश्यक है। योग के सही तरह से इस्तेमाल करने से हमारा तन और मन पूरी तरह से ठीक हो जाता है। जब हम बीमार होते हैं उसके लिए दवाइयाँ खाते हैं तो हम तन और मन से टूट रहे होते हैं। हमारा किसी काम को करने का मन नहीं करता है। योग करने से इंसान निरोग रहने के साथ उत्साहित महसूस करता है। यही उत्साह उसे जीवन मे सफलता के रास्ते पर आगे बड़ाता है। योग करने से 1. शरीर हमेशा ऊर्जावान रहता है, 2. इसके माध्यम से शरीर की थकावट दूर हो जाती है, 3. इसके माध्यम से हमारा शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, भावात्मक, आध्यात्मिक विकास होता है, 4 शरीर के प्रति संवेदनशीलता बढ़ती है, 5. मस्तिष्क शांत रहता है, 6. तनाव, अनिद्रा, थकावट से मुक्त करता है योग, 7. इससे व्यक्ति अपने मन, बुद्धि, शरीर, आत्मा से जुड़ा रहता है। ऐसा व्यक्ति जो भी कार्य करेगा, अपने मन, बुद्धि ,शरीर, को उस कार्य में लगा देता है, जिसके कारण वह कार्य अच्छे से कर सकता है, 9. इससे यक्ति परिवार, समाज, वातावरण से भी अपने आप जुड़ जाता है। इस योग के कार्यक्रम में श्रीमती सोना देवी जैन, अनुभव जैन, श्रीमती आशा जैन, सुश्री दामनी, श्रीमती रानी-राजू लाल शर्मा, सुश्री रूपाली जैन, मुस्कान, मुस्कान की माँ एवं बहिनें, कमला देवी आदि सभी सम्मिलित हुए।