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फीमेलवर्ल्ड : थाइज़ और हिप्स से कैसे कम करें सेल्युलाइट

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      सोनी तिवारी, मेडिकल स्कॉलर 

शॉर्ट्स और स्कर्टस को देखकर हर किसी का मन पहनने के लिए बेताब हो जाता है। मगर थाइज़ पर जमा अतिरिक्त फैट्स गर्ल्स की मुश्किलों को बढ़ा देते है। थाइज़ पर जमा चर्बी को कम करने के लिए लोग एक्सरसाइज़ के माध्यम से बर्न किया जा सकता है।

    थाइज़ पर इकट्ठा होने वाले वसा को सेल्यूलाइट कहा जाता है। इसके निरंतर बढ़ने से स्किन टेक्सचर प्रभावित होने लगता है। थाइज़ के साथ साथ कूल्हों पर जमा होने वाले फैट से राहत पाने के लिए सेल्यूलाइट ग्रोथ को रोकना बेहद ज़रूरी है।

   इसके लिए रूटीन में कुछ एक्सरसाइज़ को शामिल कर इस समस्या से राहत पा सकते हैं। 

*क्यों बढ़ने लगती है सेल्युलाइट की समस्या?*

  शारीरिक गतिविधि की कमी के चलते थाइज़ पर फैट जमा होने लगते हैं। फैट डिपॉजिट बढ़ने से सेल्युलाइट की समस्या का सामना करना पड़ता है।

   थाइज़ का वज़न बढ़ने से उसका प्रभाव घुटनों पर पड़ने लगता है। जोड़ों की मज़बूती के लिए थाइज़ के मसल्स का मज़बूत होना आवश्यक है ताकि शरीर में रक्त का प्रवाह उचित बना रहे। इसके लिए नियमित एक्सरसाइज़ और उचित मात्रा में पानी का सेवन ज़रूरी है।

    एनआईएच की रिपोर्ट के अनुसार पुरुषों की तुलना में महिलाओं को सेल्युलाईट अधिक प्रभावित करता है। ऐसा माना जाता है कि 80 से 90 प्रतिशत महिलाओं को अलग.अलग तरह से प्रभावित करता है।

     सेल्युलाईट किसी भी प्रकार से हानिकारक नहीं है। लोअर बॉडी एक्सरसाइज़ की मदद से सेल्यूलाइट से मुक्ति पाई जा सकती है। अनियमित खानपान, लो बॉडी मूवमेंट, हार्मोनल बदलाव और जेनेटिक समेत सेल्यूलाइट कई कारणों से बढ़ने लगता है।

     दरअसल, शरीर में जैसे जैसे फैट सेल्स बढ़ने लगते हैं, उसी दिशा में त्वचा बए़ने लगती है। इसके चलते कनेक्टिव कॉर्डस नीचे की ओर खींचने लगती हैं। इससे स्किन असमान दिखने लगती है और त्वचा पर डिंपल बनने लगते हैं। ऐसी स्किन को सेल्युलाईट कहा जाता है।

    सेल्युलाईट एक कॉमन हार्मलेस स्किन कंडीशन है, जिससे जांघों, कूल्हों, नितंबों और पेट पर मांस इकट्ठा होने लगता हैं।

    हमारी इन टिप्स की मदद से मिलेगा आपको सेल्युलाईट की समस्या का समाधान :

   *1. मसाज करें :*

मालिश की मदद से थाइज़ और नितंबों पर जमा फैट्स को कम करने में मदद मिलती है। इससे स्किन टीशूज में खिंचाव आता है, जिससे वो अपनी जगह पर आ जाते हैं।

    तेल से नियमित मालिश करने से शरीर पर जमा चर्बी बर्न होने लगती है। इससे स्किन में लचीलापन बढ़ने लगता है और मांसपेशियों में मज़बूती भी बढ़ने लगती है।

*2. पर्याप्त पानी पीएं :*

शरीर में पानी की नियमित मात्रा होने से सेल्युलाईट के जोखिम से मुक्ति मिल जाती है। रोज़ाना पानी का सेवन करने से शरीर हाइड्रेटेड बना रहता है। साथ ही लिम्फेटिक फ्लो को बनाए रखेन में भी मदद करता है।

   पानी की संपूर्ण मात्रा ब्लड सेल्स को इकट्ठा होने से रोकते है और शरीर को डिटॉक्स करने में भी मददगार साबित होते हैं।

*3. एक्सरसाइज़ करें :*

चुनिंदा ग्लूट एक्सरसाइज़ की मदद से थाइज़ की स्किन में कसावट लाने में मदद मिलती है। इससे मसल्स की मज़बूती बढ़ने लगती है और थाइज़ पर जमा चर्बी से मुक्ति मिल जाती है।

    स्क्वैट्स, जंपिग स्क्वैट्स, लंजिज़ और योगासनों की मदद लेना बेहद आवश्यक है। दिनभर में कुछ देर व्यायाम करने में शरीर को मज़बूती मिलने लगती है।

*4. होम मेड स्क्रब :*

कॉफी पाउडर और कोकोनट ऑयल को बराबर मात्रा में लेकर घोल तैयार कर लें। फिर इस स्क्रब को टांगों और हिप एरिया पर अप्लाई करने से रक्त प्रवाह बढ़ने लगता है।

    एनआईएच की एक रिसर्च के अनुसार कैफीन की मदद से ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंटस सेल्युलाईट के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।

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