एमिटी यूनिवर्सिटी द्वारा “ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी में उभरते खतरे ” पर एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, साइबर क्राइम विशेषज्ञ और प्रशिक्षक प्रो. गौरव रावल थे और श्री गिरीश भाटिया वरिष्ठ प्रबंधक एमिटी ग्लोबल बिजनेस स्कूल (AGBS) द्वारा संचालन किया गया।
प्रो. रावल ने साइबर क्राइम के विभिन्न कारणों और रोकथाम के बारे में छात्रों को बताया। उन्होंने अपना सत्र साइबर अपराध और इसके प्रकारों ऑनलाइन लेनदेन, पहचान की चोरी, तत्काल भुगतान सेवा, एनईएफटी और एकीकृत भुगतान प्रणाली (UPI) पर चर्चा के साथ शुरू किया। । उन्होंने साइबर अपराध से प्रभावी ढंग से जूझने में भारतीय रिजर्व बैंक और सुरक्षा एजेंसियों के सामने आने वाली चुनौतियों को बहुत गहराई से समझाया।प्रो. गौरव रावल ने साइबर क्राइम में ऑनलाइन लेनदेन के नवीनतम खतरे पर ध्यान केंद्रित किया, जैसे कि धारा है। वर्तमान विषयों जैसे ईमेल धोखाधड़ी, ईमेल अकाउंट बनाने के लिए आयु सीमा, डेटा चोरी, सलामी अटैक, हैकिंग, नकली तकनीकी सहायता से बचने के बारे में सीखा, में चर्चा और जाना की साइबर चोरों से लोग खुद को कैसे सुरक्षित कर सकते हैं।
प्रो. गौरव रावल ने बताया कि कैसे हम अपने को डेबिट और क्रेडिट कार्ड स्किमर, रैंसमवेयर और मालवेयर अटैक से सुरक्षित कर सकते हैं।उन्होंने समझाया की यदि पहचान की चोरी या वित्तीय धोखाधड़ी के माध्यम से एक कंप्यूटर अपराध का संदेह है, तो तुरंत स्थानीय पुलिस से संपर्क करें। या www.cybercrime.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन रिपोर्ट करें ।
प्रो. रावल ने बताया कि कैसे सुरक्षित रूप से डिजिटल मीडिया का उपयोग कैसे करें, जैसे कि पासवर्ड मजबूत बनाएं, अनचाही मेल या लिंक खोलने से बचें, इंटरनेट पर किसी भी जानकारी को सुरक्षित रूप से साझा करें। इसके बाद उन्हों छात्रों के सवालों का समाधान किया गया।
पूरे भारत से AMITY UNIVERSITY के छात्रों, सदस्यों और अन्य प्रोफेसरों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। अंत में, धन्यवाद के साथ वेबिनार का समापन हुआ।