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एक वर्ष में रोग नियंत्रण और अर्थ-व्यवस्था संभालने में मिली सफलता : मुख्यमंत्री चौहान

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संचार माध्यमों का सहयोग सराहनीय

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए जहाँ मध्यप्रदेश सरकार पूरी ताकत से कार्य कर रही है, वहीं विभिन्न जन-संचार माध्यम भी जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए रचनात्मक भूमिका निभा रहे हैं। संचार के विभिन्न माध्यमों ने आमजनता को कोरोना से बचने के लिए निरंतर शिक्षित और जागरूक किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बीते एक वर्ष में रोग नियंत्रण और अर्थ-व्यवस्था पटरी पर लाने में सफलता मिली है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान रविवार को एक राष्ट्रीय टीवी न्यूज़ चैनल के शिखर सम्मेलन कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश में माफिया के विरुद्ध संचालित अभियान और हरियाली बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी दी।

कोरोना गया नहीं है, हम सभी सावधान रहें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में पड़ोसी राज्य में बढ़े कोरोना के प्रकरणों का दुष्प्रभाव पड़ा है। इसके अलावा बड़े कार्यक्रमों, भीड़ भरे समारोहों और जनता की तरफ से मास्क के उपयोग के प्रति अपेक्षाकृत जागरूकता की कमी से पुन: कोरोना वायरस फैल रहा है। इसे रोकना आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे आम जनता से यह अपील करना चाहते हैं कि गत एक वर्ष में अथक प्रयासों से कोरोना पर नियंत्रण का कार्य हुआ। स्थिति नियंत्रित होते हुए देख कर लोगों में लापरवाही भी दिखने लगी है। उत्सव और मेले होने लगे हैं। इस समय कोरोना वायरस खतरनाक मूड में दिखाई दे रहा है। मध्यप्रदेश में करीब 1300 प्रकरण सामने आए हैं, जो चिंतनीय है। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे कल भोपाल की सड़कों पर निकले और बाजारों में लोगों को मास्क वितरित किए। हर व्यक्ति को मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से करना है। यदि कोरोना से बचाव का ये उपाय अपनाया जाता है तो हम अवश्य जीतेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि निश्चिंतता का भाव आ गया था, उससे प्रकरण बढ़े हैं। अब चूंकि वैक्सीन भी आ गई है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन अवश्य लगवाना है। वैक्सीन के दोनों डोज लगवाए जाना चाहिए। फेस मास्क के निरंतर उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से स्वयं को और परिवार को सुरक्षित भी रखना है।

वायरस पर नियंत्रण और अर्थ-व्यवस्था संभालने पर ध्यान दिया गया

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में गत वर्ष मार्च माह में उनके मुख्यमंत्री के दायित्व संभालने के समय काफी कठिन परिस्थितियाँ थीं। राजस्व प्राप्ति नहीं थी। उस समय कोरोना फैलना प्रारंभ हुआ था। अर्थ-व्यवस्था भी लड़खड़ा रही थी, लेकिन परिस्थितियों पर नियंत्रण स्थापित किया गया। प्रयास सफल हुए और गत वर्ष की तुलना में राजस्व वृद्धि में सफलता मिली है। मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में अर्थ-व्यवस्था को संभालने के प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में जहाँ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंद व्यक्तियों को रोजगार देने के लिए रोजगार सेतु पोर्टल बनाया गया, वहीं पीएम स्वनिधि योजना से शहरी क्षेत्र के साढ़े तीन लाख और ग्रामीण क्षेत्र के डेढ़ लाख, इस तरह पाँच लाख छोटे कारोबारियों को मदद की गई। मनरेगा में जरूरतमंद लोगों को कार्य देने का रिकार्ड बनाया गया। हुनरमंद लोगों को भी रोजगार दिया गया। लोकल को वोकल बनाने के प्रयास बढ़ाए गए। जहाँ बड़े उद्योग राज्य में आए, वहीं एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा दिया गया। शासकीय नौकरियों में भर्ती से प्रतिबंध हटाया गया।

माफिया के विरुद्ध अभियान में मिली सफलता

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि माफिया के विरुद्ध अभियान चलाया गया। विभिन्न तरह के माफिया सक्रिय थे। गुंडागर्दी करने वाले, दादागिरी करने वाले, जमीन पर कब्जा करने वाले, महिलाओं को बहला-फुसलाकर आपराधिक कृत्य करने वाले, अवैध उत्खनन करने वाले, शराब माफिया, चिटफंड कम्पनी के माध्यम से लोगों का पैसा हड़पने वाले अपराधियों के विरुद्ध सरकार ने सख्त कर्रावाई की है। सिर्फ इंदौर में सरकार ने करीब 5 हजार करोड़ रुपये मूल्य के भूखंड सहकारी समितियों से और भू-माफियाओं से वापस दिलवाए हैं। अपराधियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई हैं। उन्हें कारावास में भेजा गया है। वे भागते फिर रहे हैं। यह अभियान जारी रहेगा, हम जनता को राहत देंगे।

जल संरक्षण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य में पुन: जलाभिषेक अभियान संचालित होगा। नदियों को जोड़ने की पहल की गई थी। नर्मदा और क्षिप्रा को जोड़ा जा चुका है। अन्य नदियों को भी जोड़ा जाएगा। अनेक जल संरचनाएं निर्मित की गई हैं। हर घर में नल से पानी पहुँचेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में तीस लाख आबादी तक नल से जल पहुंचाने का कार्य कर लिया गया है। आने वाले तीन वर्ष में इसका लक्ष्य पूरा किया जाएगा।

हरियाली का विकास

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं वृक्षारोपण प्रतिदिन कर रहा हूँ। कहीं भी जाऊँ, एक पौधा लगाता हूँ। इसे दिनचर्या का अंग बना लिया है। लेकिन यह सिर्फ सरकारी ड्यूटी नहीं है। हर व्यक्ति को विभिन्न अवसरों पर पेड़ लगाना चाहिए। आने वाली पीढ़ियों को हम रहने योग्य वातावरण उपलब्ध करवाएँ। पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2050 तक तापमान दो डिग्री बढ़ेगा। ये घातक संकेत है। इसलिए पेड़ लगाना और बचाना जरूरी है। प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के प्रयासों से 2 हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ा है। यदि एक परिवार एक पेड़ की सुरक्षा करे तो देश में सवा सौ करोड़ पेड़ लगेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रदेश में गो-काष्ठ का उपयोग बढ़ाएंगे।

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