इंदौर: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रतिबंधात्मक आदेश ) जारी कर दिए हैं. अपने आदेश के तहत उन्होंने बगैर इजाजत के धरना, प्रदर्शन, रैली, जुलूस आदि आयोजित करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिए हैं. डीएम के आदेश के तहत लाउडस्पीकर का उपयोग करने से पहले मंजूरी लेना भी अनिवार्य कर दिया गया है.
इंदौर के कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है, ‘विभिन्न मुद्दों को लेकर विभिन्न संगठनों के प्रदर्शन, धरना, रैली, जुलूस आदि सक्षम अधिकारी से पूर्वानुमति लिए बगैर आयोजित नहीं किया जाएगा. लाउडस्पीकरों का प्रयोग निहित शर्तों के अधीन सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना किसी के लिए उपयोग में लाने की इजाजत नहीं है.’
इनके उपयोग पर है रोक
रैली, जुलूस आदि में किसी भी तरह का अस्त्र, शस्त्र रखने और उसके प्रदर्शन पर रोक है. बिना अनुमति पंडाल आदि निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक संसाधन जैसे मोबाइल, कंप्यूटर, पोस्टर एवं अन्य सोशल मीडिया पर नियम विरुद्ध संदेश प्रसारण, मैसेज फारवार्डिंग, साम्प्रदायिक टिप्पणी, 5 या 5 से अधिक व्यक्तियों को एक स्थान पर एक समय में एकत्रित होना भी प्रतिबंध के दायरे में है.
प्रतिबंध की शर्तें सोशल मीडिया पर भी लागू
सोशल मीडिया (Social Media) पर भी आपत्तिजनक मैसेज, फोटो, कमेंट, बैनर, पोस्टर आदि अपलोड नहीं किए जा सकेंगे. कोई भी व्यक्ति, समूह, संस्था या ग्रुप एडमिन या अन्य सोशल मीडिया इलेक्ट्रानिक संसाधन जैसे मोबाईल, कम्प्यूटर, फेसबुक, ई-मेल, व्हाट्सएप एवं अन्य प्रकार के संचार साधनों पर किसी दल, धर्म, जाति, सम्प्रदाय, संस्था व्यक्ति विरोधी एवं आम लोगों की भावना भड़काने व कानून व्यवस्था के खिलाफ कंटेंट अपलोड नहीं करेगा. ऐसा करना अपराध माना जाएगा.
डीएम के आदेश के अनुसार, ‘कोई भी व्यक्ति, समूह, संस्था या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी प्रकार के धारदार या अन्य हथियार, आग्नेय शस्त्र, हॉकी, डंडा, रॉड इत्यादि लेकर नहीं चलेगा. न ही इसका दुरूपयोग और प्रदर्शन करेगा. किसी भी प्रकार के उत्सव व समारोह में हवाई फायर वर्जित रहेंगे. ‘
इन परिसरों में सियासी गतिविधियां प्रतिबंधित
लोकसभा चुनाव के दौरान सरकारी और प्राइवेट स्कूल मैदान या भवन, शासकीय कार्यालय के परिसर पर किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगी. कोई व्यक्ति संस्था, समूह या अन्य या डीजे अथवा बैंड का संचालक सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना इनका उपयोग नहीं करेगा. मध्य प्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 तथा The Noise Pollution (Regulation and Control) Rule 2000 एवं ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) (संशोधन) नियम, 2010 के प्रावधानों का पूर्ण पालन करना सभी के लिए आवश्यक होगा.
नियमों का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
जिला प्रशासन द्वारा तय नियम कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर निर्वाचन व शासकीय कार्यों में ड्यूटीरत पुलिसकर्मियों एवं पुलिस अधिकारियों तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों पर लागू नहीं होंगे. सिख धर्म के अनुयायियों व विवाह समारोह के दुल्हा-दुल्हन को कटार धारण करने की छूट रहेगी. किसी भी कार्यक्रम सभा, आमसभा आदि की अनुमति जारी करने के लिए अपर जिला दंडाधिकारी को सक्षम प्राधिकारी बनाया गया है. इस आदेश का उल्लंघन भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध माना जाएगा.