इंदौर। 1 अप्रैल से कई दवाओं की कीमत में लगभग 8 से 10 प्रतिशत बढ़ोतरी होने जा रही है, मगर दवा व्यापार से जुड़े संगठनों का कहना है कि बढ़ी हुई कीमतों का मरीजों की जेब पर असर जून माह में पड़ेगा, क्योंकि दवा उद्योग और व्यापार से जुड़े लोगों के पास 60 से 90 दिन का स्टाक रहता है।
ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के जनरल सेक्रेटरी राजीव सिंघल ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी 1 अप्रैल से दवाइयों की कीमत में लगभग 8 से 10 प्रतिशत की वृद्धि होने जा रही है। यानी 1 अप्रैल से अब जो भी नई दवाएं बनेंगी वह बढ़ी हुई कीमतें उन पर लागू होंगी। दवाइयों को बनाने वाले और दवा बाजार में होलसेल से लेकर छोटे व्यापारियों के पास 90 दिन से लेकर 45 दिन तक का पुराना स्टाक रहता है। इसलिए यह सारी दवाइयां मतलब 1 अप्रैल 2024 से पहले मैन्यूफैक्चर्ड दवाइयां खत्म होने तक पुरानी कीमतों में ही मिलेंगी।
यदि कोई 1 अप्रैल से महंगी दवा बेचता है तो शिकायत करें
यदि कोई भी दवा व्यापारी पुरानी दवाएं, जो 1 अप्रैल 2024 से पहले की बनी हैं, अगर उन्हें इस आने वाले 1 अप्रैल से बढ़ी हुई कीमतों पर बेचता है तो मरीज उपभोक्ता उनके या दवा बाजार व्यापार से जुड़े संगठन को ही नहीं, जिला प्रशासन को शिकायत कर सकता है। गौरतलब है कि हर साल की तरह इस साल भी 1 अप्रैल से लगभग 800 दवाओं की कीमतें बढऩे जा रही हैं। इन दवाओं की लिस्ट में पेनकिलर, एंटीबायोटिक और एंटीइंफेक्शन की दवाएं शामिल हैं।