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सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी…कुछ सालों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्‍था बन जाएगा भारत

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नई दिल्‍ली: भारत तेजी से अपने गोल्‍डन एरा की तरफ कदम बढ़ा चुका है। जी-20 देशों में किसी की भी रफ्तार 2024 में उससे ज्‍यादा नहीं होगी। यानी इकनॉमिक ग्रोथ के मामले में दुनिया की टॉप अर्थव्‍यवस्‍थाओं में वह सबसे तेजी से दौड़ने वाला है। पिछली तीन तिमाहियों में भी उसने 7.8, 7.6 और 8.4 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की है। ग्रोथ के बाद गवर्नेंस दूसरा बड़ा फैक्‍टर है जो देश को तरक्‍की की राह पर आगे ले जाएगा। भारत में अभी राजनीतिक उठापटक के हालात नहीं हैं। पिछले कुछ सालों में देश ने हमेशा एक स्थिर सरकार चुनी है। इससे सरकार को फैसले लेने में मदद मिली है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्र ने हाल ही में कहा है कि 2032 तक भारत दुनिया की दूसरी और 2050 तक सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। जो तीसरा फैक्‍टर भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में जान फूंक रहा है वह है इंफास्‍ट्रक्‍चर पर खर्च। सरकार ने पिछले कुछ सालों में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर पर जोर दिया है। किसी भी देश की प्रगति में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर बेहद अहम होता है। इस इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में सिर्फ सड़क, हाईवे और बंदरगाह नहीं, अलबत्‍ता डिजिटल इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर भी शामिल है।

वित्‍त मंत्री ने क‍िया था ग्रोथ के ल‍िए यह दावा

शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा था कि 2024 की जनवरी-मार्च तिमाही में भारत 8 फीसदी से ज्‍यादा की ग्रोथ हासिल करेगा। देश दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। मोदी सरकार ने इसे 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बनाने का संकल्प लिया है।

तीसरी तिमाही में 8.4 फीसदी की ग्रोथ उम्मीदों से अधिक रही है। इसके बाद तमाम संस्थानों ने भारत के लिए अपने जीडीपी विकास के पूर्वानुमान को अपडेट किया है। सबसे हालिया अपडेट गोल्डमैन सैक्स ने किया है। उसने भारत के 2024 के विकास अनुमान को बढ़ाकर 6.6 फीसदी कर दिया है। यह उसके पिछले पूर्वानुमान से 10 आधार अंक ज्‍यादा है।

ग्‍लोबल एजेंस‍ियों ने ग्रोथ के अनुमानों को बढ़ाया

इस महीने की शुरुआत में एसएंडपी, मॉर्गन स्टेनली और मूडीज ने भी भारत के विकास अनुमानों को संशोधित करके ऊपर बढ़ाया है। एसएंडपी ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास अनुमान को 6.4 फीसदी से 6.8 फीसदी किया है। मॉर्गन स्टेनली ने 6.1 फीसदी से 6.8 फीसदी और मूडीज ने 6.6 फीसदी से 8 फीसदी किया है।

रेटिंग एजेंसियों का विकास अनुमानों को ऊपर की ओर बदलाव करना शुभ संकेत है। यह मजबूत विनिर्माण गतिविधि और बुनियादी ढांचे के खर्च के कारण देश की अर्थव्यवस्था में वैश्विक और घरेलू आशावाद को दर्शाता है। भारत की इस आर्थिक तरक्‍की से सबसे ज्‍यादा मिर्ची चीन और उसके पिट्ठू पाकिस्‍तान को लगेगी। हालांकि, ये दोनों बेबस है। भारत के पक्ष में ऐसे हालात बन चुके हैं कि कोई चाहकर भी उसकी रफ्तार में अड़ंगा नहीं डाल सकता है।

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