मुनेश त्यागी
सारी उम्मीदें धूमिल कर दीं
बची नहीं अब कोई आस,
सारे जन अब मिलकर कहेंगे
हम ही करेंगे सबका विकास।
देखी तुम्हारी चाल कुचालें
तुमने तोड़ दिया है विश्वास,
जनता को आपस में लड़ाया
कर दिया देश का सत्यानाश।
तुमसे सत्ता को छीन लेंगे
करेंगे जुल्मों का महाविनाश,
सारी जनता को जोड़ देंगे
भर देंगे उनमें पूरा विश्वास।
बेरोजगारी भर रही कुलांचें
महंगाई भ्रष्टाचार कर रहे विनाश,
जनता की एकता तोड़ रहे हो
कैसा विकास, यह नहीं विकास।
हिंदू मुस्लिम मिलकर रहेंगे
करेंगे सब जुल्मों का विनाश,
सारी जनता मिलकर कहेगी
करेंगे हम सबका विकास।