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मन का विज्ञान : औरों के साथ बाद में, पहले अपने साथ बनाएं मज़बूत रिस्ता 

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            सोनी कुमारी, वाराणसी 

रिश्तों को सही करने की बात होती है या फिर रिश्ते बनाने की बात होती है, तो हम खुद से ज्यादा उन पर ध्यान देते हैं। मगर क्या आपने कभी अपने साथ रिश्ता बनाने के बारे में सोचा है? हैरान न हों, क्योंकि अपने आप के साथ एक अच्छा रिश्ता कायम करना सबसे ज्यादा जरूरी है।

     जब तक आप खुद से साथ एक अच्छा रिश्ता नहीं बनाएंगे, तब तक आप दूसरों के साथ भी रिश्ते बेहतर नहीं बना सकते। खुद के साथ रिश्ता बनाने के मतलब होता है कि आप अपनी सेल्फ केयर का ध्यान देते हैं, सेल्फ अवेयर रहते हैं, खुद को स्वीकार करते हैं। ये चीजें करने से आपके आपकी मेंटल हेल्थ अच्छी रहती है।

*क्यों जरूरी है अपने आप से रिश्ता मजबूत करना?*

    ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जो अपने आपके प्रति ही बहुत नकारात्मक होते हैं। खुद को स्वीकार करने के लिए उन्हें दूसरों के अप्रूवल की जरूरत पड़ती है। सोशल मीडिया पर लाइक्स के आधार पर लोग खुद को पसंद-नपसंद करते हैं। 

      ऐसे में लोगों को खुद से रिश्ता बनाने की बहुत जरूरत है। खुद के साथ एक हेल्दी रिलेशन बनाने से मानसिक स्वास्थ्य, कनेक्शन और प्रोडक्टिव तरीके से काम करने में मदद मिलती है।

        सीनियर साइकोलॉजिस्ट डाॅ. विकास मानव बताते हैं कि जब अपने साथ एक स्वस्थ रिश्ते होता हैं तो आप अपने आप को महत्व देते है। आपने क्या अनुभव कर रहें है इस बात का भी आपको ध्यान रहता है। आप अपने शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य का अच्छा ख्याल रखते हैं।

यहां डॉ. मानवश्री द्वारा बताई गई कुछ टेक्नीक दी गई हैं, जो आपका अपने साथ रिश्ता बेहतर कर सकती हैं : 

     *1. खुद के साथ नकारात्मक बातों से बचें :*

     हर किसी के दिमाग में कुछ न कुछ बातें होती हैं, जो उन्हें ये बताने में मदद करती हैं कि आपको क्या करना चाहिए। पर हम में से बहुत लोगों के लिए ये आवाजें अच्छा करने की बजाय बुरा करने लगती है।

      ये बातें आपको परेशान करने वाली हो सकती हैं कि आप बहुत अच्छे या बहुत मजबूत नहीं हैं।

      ये बातें सबकॉन्शियस होती हैं। लेकिन यदि आप किसी भी प्रकार की नकारात्मक सोच में खुद को शामिल होने देते हैं, तो ये आपके जीवन के रास्ते में आ सकती हैं। 

     इसमें सबसे पहली चीज है कि आपको ऐसी बातों को पहचानना होता है और अगली बार जब ये ख्याल आएं तो उनसे बचने की कोशिश करनी चाहिए।

*2. अपनी ताकत पहचानें :*

आपको अगर खुद के आत्मविश्वास को बढ़ाना है, तो सबसे पहले आपको खुद की स्ट्रेंथ और शक्तियों का पहचानना पड़ेगा।

     जब आपको अपनी ताकत के बारे में पता होता है, तब आप अपने लिए बेहतर निर्णय ले पाते हैं। इससे आप खुद के प्रति थोड़े से नरम रह सकते हैं।

     हालांकि खुद को पहचानना उतना भी आसान नहीं है। इसके लिए आपको अपनी शक्तियों को एक कागज पर लिखना शुरू करना चाहिए। अगर ये आप खुद नहीं कर पा रहें हैं, तो इसमें अपने दोस्तों और परिवार वालों की सहायता लें कि वे आपको क्यों पसंद करते है? आप में ऐसा क्या है? ऐसे सवाल भी आपके लिए मददगार हो सकते हैं।

*3. जो चीजें खुशी न दें, उन्हें पहचानें :*

     उन चीज़ों के बारे में पता होना जरूरी है, जो हमें खुशी देने की बजाए थकाती हैं। हेल्दी बाउंडरी बनाने से आप खुद को नकारात्मक प्रभावों से बचा सकते हैं और जो हमारे लिए वास्तव में जरूरी है उसे प्राथमिकता दे सकते हैं।

     उन एक्टिविटी, रिश्तों या कमिटमेंट को न कहना, जो आपके सिंद्धांतों के हिसाब से सही नहीं हैं। जो चीजें आपको अपमानित करती हैं, आपके हित में नहीं हैं, उनसे बचना भी जरूरी है।

*4. असफलताओं से सीखें :*

असफलताओं को हार की बजाए, सीखने के अवसरों के रूप में देखना एक अच्छी मानसिकता हो सकती है। जो आपके अदंर की शक्ति और खुशी बढ़ा सकता है। 

    असफलता से सीखने से आपको खुद को स्वीकार करने में मदद मिलती है।

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