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चुनाव में इन बयानों ने बढ़ाया सियासी पारा: मंगलसूत्र, विरासत टैक्स से लेकर 15 सेकंड, एटम बम और तोप तक

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लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया का चौथा चरण सोमवार को पूरा हो गया। इसके साथ ही कुल 378 सीटों के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके हैं। वहीं, गुजरात की सूरत सीट से भाजपा उम्मीदवार का निर्विरोध निर्वाचन तय हो चुका है। अब तक के चुनावों में नेताओं के बयान खूब चर्चा में रहे हैं। पक्ष और विपक्ष दोनों की ओर से बयानबाजी का इस्तेमाल अपने प्रचार में भी किया जा रहा है। कई नेताओं की टिप्पणियां तो चुनाव आयोग तक भी पहुंची हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में नेताओं के बयान चर्चा में रहे हैं। कई नेताओं की टिप्पणियां तो चुनाव आयोग तक भी पहुंची हैं। पीएम की मंगलसूत्र वाली टिप्पणी ने सियासी पारे को गर्म कर दिया। वहीं फारुख अब्दुल्ला, संजय राउत, चरणजीत सिंह चन्नी की टिप्पणियां भी सुर्खियां बनी हैं।

आइये जानते हैं कि 2024 लोकसभा चुनाव में कौन से बयान चर्चित रहे? बयान किन-किन नेताओं ने दिए हैं? 

पीएम मोदी का मंगलसूत्र वाला बयान
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान ने सियासी पारा गर्म कर दिया। पीएम ने कांग्रेस के घोषणा-पत्र में किए गए कुछ वादों को लेकर सवाल किया था। प्रधानमंत्री ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के वर्षों पुराने बयान का हवाला देते हुए कांग्रेस से सवाल भी किया कि क्या जनता की मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी अभियान के तहत 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा का दौरा किया था। यहां चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम ने अपने भाषण में कहा, ‘कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा है यदि देश में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो हरेक की प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा। हमारी बहनों के पास सोना कितना है, उसकी जांच की जाएगी, उसका हिसाब लगाया जाएगा। हमारे आदिवासी परिवारों में चांदी होती है, उसका हिसाब लगाया जाएगा। सरकारी मुलाजिमों के पास कितनी जगह है, पैसे कहां हैं, नौकरी कहां है, उसकी उसकी जांच की जाएगी।’

पीएम ने आगे कहा, ‘ये जो बहनों का सोना है और जो संपत्ति है, ये सबको समान रूप से वितरित कर दी जाएगी। क्या आपको मंजूर है ये। मेहनत करके कमाई हुई आपकी संपत्ति को सरकार को ऐंठने का अधिकार है क्या? क्या उस संपत्ति को माताओं-बहनों की जिंदगी में सोना सिर्फ शो करने के लिए नहीं होता है। यह उसके स्वाभिमान से जुड़ा होता है। उसका मंगलसूत्र एक सोने की कीमत का मुद्दा नहीं है, वो उसके सपनों से जुड़ा हुआ मुद्दा है। अपने घोषणा पत्र में तुम उसे छीनने किए बात कर रहे है हो। गोल्ड ले लेंगे, सबको वितरित कर देंगे। और पहले जब उनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठी करके किसको बाटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बाटेंगे, घुसपैठियों को बाटेंगे।’ 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘क्या आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा। आपको मंजूर है ये? ये कांग्रेस का घोषणा-पत्र कह रहा है कि वे माताओं-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जप्ति करेंगे, जानकारी लेंगे और फिर उस संपत्ति को बांट देंगे। और उनको बांटेगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।’

सैम पित्रोदा का विरासत टैक्स 
कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर विवाद थमा नहीं था कि वह इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने अमेरिका के विरासत कर की वकालत करके एक नई बहस छेड़ दी। दरअसल, पित्रोदा ने कहा था, ‘अमेरिका में विरासत कर (टैक्स) लगता है। अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 फीसदी अपने बच्चों को दे सकता है। 55 फीसदी सरकार द्वारा ले लिया जाता है। यह एक दिलचस्प नियम है। यह कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए। हालांकि पूरी नहीं, आधी ही। ये जो निष्पक्ष कानून है मुझे अच्छा लगता है।’

उन्होंने आगे कहा था, ‘भारत में आपके पास ऐसा नियम नहीं है। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता। इसलिए लोगों को इस तरह के मुद्दों पर बहस और चर्चा करनी होगी।’ पित्रोदा ने कहा, ‘यह एक नीतिगत मुद्दा है। कांग्रेस पार्टी एक ऐसी नीति बनाएगी, जिसके माध्यम से धन का बांटना बेहतर होगा।’

इसके अलावा पित्रोदा ने नस्लीय टिप्पणी भी की थी जिसपर खूब बवाल मचा। पित्रोदा ने भारत की विविधता पर बात करते हुए कहा था, भारत में पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, तो दक्षिण में लोग अफ्रीकी लगते हैं। पश्चिम भारत के लोग अरबी जैसे लगते हैं। उत्तर भारतीय गोरे होते हैं। उनके इस बयान को भाजपा ने ‘नस्लीय टिप्पणी’ बताया। इस बयान के बाद सैम पित्रोदा को अपने पद से इस्तीफा तक देना पड़ गया। 

15 बनाम 15 सेकंड 
दरअसल, भाजपा प्रत्याशी माधवी लता के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए नवनीत राणा ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन पर जमकर निशाना साधा था। राणा ने बिना नाम लिए कहा था, ‘छोटा भाई बोलता है कि 15 मिनट के लिए पुलिस को हटा दो फिर हम दिखाते हैं, हम क्या करते हैं तो मैं उनको कहना चाहती हूं कि छोटे भाईसाहब आपको तो 15 मिनट लगेंगे, लेकिन हमें सिर्फ 15 सेकंड लगेंगे। 15 सेकंड के लिए अगर पुलिस को हटाया तो छोटे-बड़े को यह पता भी नहीं चल पाएगा कि वे कहां से आए और कहां गए।’ 

नवीनत के बयान पर ओवैसी का तोप वाला बयान 
नवनीत राणा के 15 सेकंड वाले बयान पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने तंज कसा था। उन्होंने कहा था, ‘मैंने छोटे (अकबरुद्दीन ओवैसी) को बहुत समझाकर रोक रखा है, छोड़ दूं क्या? छोटे-छोटे, तुमको मालूम ही क्या है कि छोटा क्या है। मेरा छोटा भाई तोप है, वो सालार का बेटा है। बहुत मुश्किल से समझाकर बैठाना पड़ता है। एक बार अगर छोटा निकल गया तो किसी के बाप की नहीं सुनता सिवाय मेरे। मैंने रोक रखा है वरना जिस दिन कह दिया कि मियां मैं आराम करता हूं तुम संभाल लो तो…।’

दो पत्नियों वालों को दो लाख देने की मदद 
पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश के रतलाम कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया ने चौंकाने वाला बयान दिया था। उन्होंने दो पत्नियों वालों को दो लाख देने की घोषणा कर दी थी। रतलाम में भूरिया ने कहा था, ‘हमारी घोषणापत्र में हर महिला को एक लाख रुपये देने का वादा किया गया है। यह उनके बैंक खाते में जमा किया जाएगा। जिस व्यक्ति की दो पत्नियां हैं, वे दोनों इसके अंतर्गत आएंगी।’

राहुल और विक्रमादित्य पर कंगना की टिप्पणी 
हिमाचल प्रदेश की मनाली सीट से चुनाव लड़ रहीं अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक सभा में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह पर विवादित टिप्पणी की थी। भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत ने कहा था कि एक पप्पू दिल्ली में है तो एक पप्पू हिमाचल में है।

जब चन्नी ने आतंकी हमले को बता दिया स्टंट
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ में हुए आतंकी हमले की तुलना 2019 के पुलवामा हमले से की है, जिसमें 40 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जवान मारे गए थे। उन्होंने इस हमले को चुनावी स्टंट बताया, जिसमें भारतीय वायु सेना के एक जवान का बलिदान हो गया।

जालंधर में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार चन्नी ने कहा था, ‘ये सभी स्टंट हैं, आतंकवादी हमले नहीं हैं। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। भाजपा लोगों के जीवन के साथ खेल रही है। उन्होंने 2019 के पुलवामा हमले की ओर इशारा किया, कहा ये हमले वास्तव में नहीं हो रहे हैं, बल्कि सिर्फ भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए हैं। जब भी चुनाव होते हैं, तो ऐसे स्टंट खेले जाते है, जैसा कि पिछली बार हुआ था।’

अब्दुल्ला की एटम बम वाली चेतावनी 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान में दावा कहा था, ‘पीओके का भारत में विलय होगा’। इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि पाकिस्तान के पास परमाणु बम भी हैं। उन्होंने कहा था, ‘अगर रक्षा मंत्री कह रहे हैं तो आगे बढ़ें। हम रोकने वाले कौन होते हैं? लेकिन याद रखें, उन्होंने (पाकिस्तान) भी चूड़ियां नहीं पहनी हैं। उनके पास परमाणु बम हैं और दुर्भाग्य से वह परमाणु बम हम पर गिरेगा।’

संजय राउत की पीएम मोदी पर अभद्र टिप्पणी 
शिवसेना-यूबीटी के नेता संजय राउत ने अपने बयान से नए विवाद को जन्म दे दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया है। अहमदनगर में संजय राउत ने कहा, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र में पैदा हुए थे और औरंगजेब का जन्म गुजरात में हुआ। राउत ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को उद्योगपति करार देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी गुजरात में ही पैदा हुए हैं। शिवसेना-यूबीटी नेता ने कहा, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म महाराष्ट्र में हुआ, इसलिए महाराष्ट्र का अपना इतिहास है। इस औरंगजेब का जन्म गुजरात में हुआ, इतिहास देख लें। दाहोद गांव में उसका जन्म हुआ था। ध्यान रखें कि एक बार औरंगजेब को हमने महाराष्ट्र से बाहर किया था। 27 साल औरंगजेब महाराष्ट्र जीतने के लिए लड़ता रहा। आखिर में उसी औरंगजेब को गाड़कर हमने उसकी कब्र बना दी, फिर….।’

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