नगर निगम के रिमूवल दस्ते को सेना के जवानों की तरह वर्दी पहनाई गई है। वर्दी को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा कि निगम में इन दिनों मनमानी चल रही है। ऐसी वर्दी सेना और देश का अपमान है। इस तरह की वर्दी पहनने का आदेश वापस लेना चाहिए।
ऐसी वर्दी किसी को भी पहनना आर्मी एक्ट और इंडियन पीनल कोड की धारा 140 और 171 के तहत अपराध है। महापौर न्यायपालिका के अच्छे जानकार हैं। उनके होते हुए कानून का उल्लंघन करने वाला मनमाना फैसला नगर निगम में हो गया। महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त शिवम वर्मा ने इसे सामान्य मानते हुए कहा कि यह अनुशासन और एकरूपता के लिए आवश्यक था। इस रंग की ड्रेस पहनना अपराध नहीं है।
वर्मा ने ज्वाइनिंग के कुछ दिनों बाद ही स्टाफ के लिए ड्रेस कोड आवश्यक कर दिया था। वर्मा भी ऑफिस में तय ड्रेस ही पहनते हैं। ऑफिस स्टाफ की नीली ड्रेस की तरह रिमूवल दस्ते को चुनाव वाले दिन सेना की तरह वर्दी पहना दी गई। बुधवार को रिमूवल दस्ते के नई वर्दी वाले फोटो-वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो कई लोगों ने इसे सेना का अपमान बताते हुए ड्रेस को वापस लेने की मांग की। दोपहर तक कांग्रेस ने भी विरोध का मोर्चा खोल दिया। कहा जा रहा है कि वर्मा ग्वालियर में निगमायुक्त रहते हुए ऐसा प्रयोग कर चुके हैं।