हाल में एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, पीएनबी के साथ कई अन्य बैंकों ने ग्राहकों को बैंकिंग धोखाधड़ी के नए तरीके के बारे में चेताया है। एंड्रॉयड इकोसिस्टम ग्राहकों को प्ले स्टोर पर थर्ड पार्टी के मोबाइल एप्लिकेशन और उस पर पूरा कंट्रोल लेने की मंजूरी देता है। यह हैकर्स के लिए एपीके (एंड्रॉयड पैकेज किट) इंस्टॉल कर या वैध एप्लिकेशन में छेड़छाड़ कर यूजर के एंड्रॉयड डिवाइस में सेंध लगाने के काबिल बना देता है।
आजकल के डिजिटल युग में जैसे-जैसे लोग डिजिटल बैंकिंग का रुख करते जा रहे हैं, धोखेबाज उन्हें ठगने के लिए लगातार नई रणनीति अपना रहे हैं। हाल में बड़े बैंकों ने ग्राहकों को मैसेज भेजकर चेतावनी दी है कि वे एपीके एप इंस्टॉल न करें। इस एप से बचने का उपाय बताती अजीत सिंह की रिपोर्ट-
बैंकिंग से संबंधित घोटालों के मामले इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि ग्राहकों के साथ बैंक भी परेशान हैं। हाल में एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, पीएनबी के साथ कई अन्य बैंकों ने ग्राहकों को बैंकिंग धोखाधड़ी के नए तरीके के बारे में चेताया है। एंड्रॉयड इकोसिस्टम ग्राहकों को प्ले स्टोर पर थर्ड पार्टी के मोबाइल एप्लिकेशन और उस पर पूरा कंट्रोल लेने की मंजूरी देता है। यह हैकर्स के लिए एपीके (एंड्रॉयड पैकेज किट) इंस्टॉल कर या वैध एप्लिकेशन में छेड़छाड़ कर यूजर के एंड्रॉयड डिवाइस में सेंध लगाने के काबिल बना देता है। एसबीआई ने कहा, धोखेबाज रिवॉर्ड पॉइंट्स को भुनाने के लिए एसएमएस या व्हाट्सएप पर एपीके और मैसेज भेज रहे हैं। ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक न करें और अज्ञात फाइलें कभी डाउनलोड न करें।
एपीके से ग्राहकों को ऐसे ठगते हैं हैकर्स
एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने अपनी वेबसाइट पर कहा, हैकर्स पहले ग्राहकों से उनके मोबाइल पर एपीके इंस्टॉल करने का लालच देते हैं। इससे हैकर्स का काम आसान हो जाता है। ग्राहक जब एपीके पर क्लिक कर इंस्टॉल करने लगता है तो मोबाइल उसे अज्ञात स्रोतों से एप्स इंस्टॉल करने के खतरे के बारे में आगाह करता है। ग्राहक जब इसे नजरंदाज कर आगे बढ़ता है तो देखता है कि यह एपीके एप बहुत सारी परमिशन मांग रहा है। जैसे कैमरा, माइक्रोफोन, संपर्क, एसएमएस। इसके इंस्टॉलेशन के बाद हैकर को अपने हैकिंग डिवाइस पर एक कनेक्शन प्राप्त होता है और फिर वह डिवाइस को अपने कंट्रोल में ले लेता है।विज्ञापन
तुरंत डिलीट कर दें एपीके जैसी फाइलें
जालसाजी वाली ऐसी एपीके फाइल सही नहीं होती हैं। इसका साइज कुछ केबी का हो सकता है। ग्राहक को ऐसे प्रोग्राम तुरंत डिलीट कर देना चाहिए। यदि ग्राहक के फोन में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल है, तो ऐसी एपीके फाइलें तुरंत हानिकारक फाइल के रूप में पहचान कर ली जाती हैं। गूगल प्ले स्टोर की चेतावनियों का पालन करें। अज्ञात व असत्यापित स्रोतों से एप इंस्टॉल करने से उनके डिवाइस को नुकसान हो सकता है। फोन को एक नियमित अंतराल पर रीबूट करते रहें ताकि किसी भी तरह का बैकग्राउंड एप्स हट जाएं और यह सुनिश्चित हो सके कि हैकर का कनेक्शन आपके डिवाइस से कट जाए।
सभी बैंक इस तरह की धोखाधड़ी को लेकर ग्राहकों को चेताते रहते हैं। अच्छा होगा कि आप उस पर ध्यान दें। किसी गलत एप को इंस्टॉल करने से बचें। महत्वपूर्ण जानकारियां किसी के साथ साझा न करें।
-राहुल सावंत, साइबर एक्सपर्ट