इंदौर। पता नहीं किस मुहूत्र्त में एबी रोड बीआरटीएसपर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण शुरू हुआ कि पिछले कई वर्षों से ड्राइंग-डिजाइन ही फाइनल नहीं हो सकी। केन्द्र सरकार 350 करोड़ रुपए की राशि सालों पहले दे चुकी है और लोक निर्माण विभाग ने टेंडर प्रक्रिया भी कर ली। अभी एलआईजी चौराहा से नवलखा के बीच कॉरिडोर का काम शुरू होने की तैयारी संबंधित ठेकेदार फर्म ने भी शुरू कर दी। मगर कलेक्टर का कहना है कि नए सिरे से सर्वे कराया जा रहा है।
एमपीआरडीसी को इसका जिम्मा सौंपा गया है और सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही डिजाइन को अंतिम रूप दिया जाएगा। जब तक अभी चल रहा पाइल टेस्टिंग का काम ही जारी रहेगा। इसके अलावा नया कोई काम नहीं होगा। दरअसल, लोक निर्माण विभाग ने जिस फर्म को ठेका दिया है उसकी समयावधि भी समाप्त हो गई और ठेका निरस्त होने पर लगभग 32 करोड़ रुपए का जुर्माना विभाग को चुकाना पड़ेगा। इस एलिवेटेड ब्रिज को लेकर अधिकारियों-जनप्रतिनिधियों की भी कर्ई मर्तबा बैठक हो गई। मगर ड्राइंग-डिजाइन को लेकर एक राय नहीं बन सकी। कभी नागपुर की तर्ज पर थ्री लेयर एलिवेटेड कॉरिडोर का सुझाव आया, तो कभी उसकी भुजाओं को लेकर विवाद की स्थिति बनी। एक भुजा पत्रकार कॉलोनी की तरफ जाना है, तो एक भुजा पलासिया से एमजी रोड की तरफ। वहीं कुछ अन्य संशोधन भी समय-समय पर सामने आए हैं। पिछले दिनों मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस एलिवेटेड कॉरिडोर को लेकर जो बैठक बुलाई थी उसमें विभाग द्वारा तैयार की गई डिजाइन के मुताबिक ही काम शुरू करने के निर्देश दिए गए और उसके पहले मुख्यमंत्री ने भी इसका भूमिपूजन कर दिया था। मगर बाद में जब डिजाइन को लेकर कुछ महत्वपूर्ण त्रुटियां कलेक्टर आशीष सिंह के संज्ञान में आई तो उन्होंने भी इसकी जानकारी ली और लोक निर्माण विभाग को कहा कि वह फिलहाल तय की गई डिजाइन के मुताबिक काम न करे।