पटना: बिहार के किसानों के लिए खुशखबरी। राज्य सरकार अब ब्याज के बोझ से दब रहे किसानों को राहत पहुंचाने का निर्णय लिया है। अब जो किसान केसीसी से 4 प्रतिशत ब्याज पर ऋण उठाया है, अब उसे 3 प्रतिशत ही ब्याज देना होगा। शेष एक प्रतिशत ब्याज राज्य सरकार वहन करेगी।
क्या करने जा रही है कृषि विभाग?
ब्याज अनुदान योजना अन्तर्गत कृषि विभाग एवं नाबार्ड के बीच कृषि मंत्री मंगल पाण्डे एवं कृषि सचिव, संजय कुमार अग्रवाल की उपस्थिति में एक समझौता और हस्ताक्षर किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में ऋण लेने वाले किसानों के लिए बिहार सरकार की ओर से कृषि ऋण का 01 प्रतिशत का वहन किया जाएगा। कृषि विभाग की ओर से कृषि निदेशक मुकेश कुमार लाल, संयुक्त कृषि निदेशक (सांख्यिकी) सुशील कुमार तथा नाबार्ड की ओर से उप महाप्रबंधक प्रकाश कुमार मिश्रा, सहायक महाप्रबंधक जुबेर परिहार और सात्विक सत्यकाम देवता की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।
कृषि मंत्री ने क्या कहा?
कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि भारत सरकार की ओर से कृषि ऋण पर 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान के अतिरिक्त राज्य स्कीम मद से 01 प्रतिशत ब्याज अनुदान देय है। राज्य के किसानों को वाणिज्यिक बैंकों/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों/सहकारी बैंकों से 3 लाख रुपये तक फसल ऋण/किसान क्रेडिट कार्ड ऋण/अल्पावधि कृषि उत्पादन ऋण पर 01 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान राज्य योजना मद से देने का प्रावधान किया गया है।किस किसान को मिलेगा लाभ
कृषि विभाग के अनुसार योजना का लाभ उन्हीं किसानों को देय होगा, जो निर्धारित अवधि में ऋण का भुगतान करेंगे। दरअसल, इस योजना का उदेश्य किसानों को कृषि ऋण पर लगने वाले ब्याज के बोझ को कम करना है ताकि किसान उत्साहित होकर अधिक से अधिक संस्थागत ऋण प्राप्त कर सके। इस कार्यक्रम के फलस्वरूप किसान आधुनिक कृषि तकनीक को अपनाने के लिए बीज, उर्वरक, कीटनाशी, सिंचाई आदि में निवेश करने में सफल होंगे जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी।
कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य सरकार की ओर से कृषि ऋण पर 01 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना के कार्यान्वयन हेतु 10 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है और योजना के कार्यान्वयन के लिए नाबार्ड राज्य एजेंसी नामित है। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को खेती के लिए कृषि ऋण दिया जाता है।