अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

किसानों, युवाओं के आक्रोश और पहलवान बेटियों की आह के बल पर विपक्ष हरियाणा में भाजपा को धूल चटाने में सफल होगा ?

Share

लाल बहादुर सिंह 

बहुप्रतीक्षित विधानसभा चुनावों के पहले खेप की 16 अगस्त को घोषणा हुई। इसके अनुसार जम्मू कश्मीर के चुनाव तीन चरणों में होंगे, वहीं हरियाणा की सभी 90 सीटों पर चुनाव एक अक्टूबर को एक ही चरण में सम्पन्न होगा और सभी नतीजे चार अक्टूबर को घोषित हो जायेंगे।

इसका अर्थ यह है कि झारखंड तथा महाराष्ट्र विधानसभा के महत्वपूर्ण चुनावों तथा यूपी के दस विधानसभा सीटों पर उप-चुनावों की घोषणा के लिए अभी इंतजार करना होगा। वैसे इसको लेकर विपक्ष सवाल भी खड़ा कर रहा है, क्या चुनाव कार्यक्रम भाजपा की सुविधा के हिसाब से घोषित हो रहे हैं ?

हरियाणा के चुनाव इस बार रोचक हो गए हैं। पिछले चुनावों के पैटर्न पर गौर किया जाए तो इस बार हरियाणा में कांग्रेस की वापसी की संभावनाएं बढ़ गई हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ भाजपा के पक्ष में स्कोर 7/1 रहने के बावजूद विधानसभा में यह 47/15 हो गया, फिर 2019 लोकसभा चुनाव में 10/0के बाद विधानसभा में यह 40/31 रहा। इस बार लोकसभा चुनाव में 5/5 का स्कोर रहने के बाद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस आत्मविश्वास से भरी हुई और आक्रामक है, जबकि भाजपा रक्षात्मक है और बचाव के उपाय खोजने में लगी है।

दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से भाजपा के मत प्रतिशत में लगातार गिरावट का ट्रेंड है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां उसे 60% के ऊपर मत मिला था, वहीं 2019 के विधानसभा चुनाव में वह गिरकर 36% के आसपास रह गया। इस बार कांग्रेस न सिर्फ लोकसभा में उससे आधी सीटें छीनने में सफल रही, बल्कि 46 विधानसभाओं में उससे आगे रही, जबकि भाजपा 44 सीटों पर ही बढ़त बना सकी।

वैसे भी पिछले चुनावों से इस बार माहौल बिलकुल बदला हुआ है। 2019 में पूरे देश में मोदी मैजिक और हिंदुत्व का बोलबाला था तथा हरियाणा में जाट आरक्षण में हिंसा की गूंज थी, इसके विपरीत इस बार जहां मोदी मैजिक और हिंदुत्व की हवा निकल चुकी है, वहीं हरियाणा में किसान आंदोलन, अग्निवीर और पहलवान बेटियों के अपमान की गूंज है। विनेश फोगाट को जिन परिस्थितियों में मेडल से वंचित होना पड़ा है, वह पूरे देश में और सबसे बढ़ कर हरियाणा के घर घर में चर्चा का विषय बना हुआ है। किसान नेता राकेश टिकैत ने यह कहकर कि भारत सरकार की साजिश से विनेश हारी हैं, आग में घी डाल दिया है। उन्होंने कहा की जब जज वकील बन जाय तब सजा निश्चित है ! उधर विनेश के पति सोमवीर राठी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि यह विनेश के लिए कठिन समय है और भारतीय कुश्ती महासंघ भी उनके साथ नहीं है।

खबरों के अनुसार, विनेश फोगाट 18 अगस्त को दिल्ली लैंड करने के बाद सुबह 11 बजे एयरपोर्ट से निकली थीं, लेकिन मात्र 110 किमी का सफर 13 घंटे में तय कर वे देर रात 12 बजे अपने गांव बलाली पहुंच पायी। हर गांव के बाहर लोग खड़े थे और उनको रोककर आशीर्वाद दे रहे थे। उनका एक वीरांगना की तरह हुआ स्वागत अभूतपूर्व था। वे पूरे देश के लिए और सर्वोपरि हरियाणा के लिए राज्य की नायिका बन गई हैं। उनकी गाड़ी पर स्वागत करने वालों में कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा भी थे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कहा की हमारे पास संख्या होती तो हम विनेश को राज्यसभा भेज देते। जाहिर है विनेश फोगाट प्रकरण का चुनाव में असर पड़ना तय है, विशेषकर महिला मतदाताओं तथा समूची जाट पट्टी में।

भाजपा गैर जाट मतों की गोलबंदी की पुरानी रणनीति पर दांव खेल रही है। खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को लोकसभा चुनाव के ऐन पहले मुख्यमंत्री नियुक्त करना इसी कवायद का हिस्सा था। लेकिन इसके बावजूद लोकसभा चुनाव में भाजपा अपनी सीटें आधी होने से नहीं रोक पाई।

अमित शाह भड़काऊ बयानबाजी में लगे हैं। वे पिछड़ों को संबोधित करते हुए उन्हें भड़का रहे हैं कि कांग्रेस उनका आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दे देगी। बहरहाल इस तरह की अनर्गल, आधारहीन बातों का पूरे देश में न लोकसभा चुनाव में कोई असर हुआ, न इस बार होना है। अगर भाजपा पिछड़ों के आरक्षण के प्रति सचमुच ईमानदार है तो वह जाति जनगणना से क्यों भाग रही है? उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती में हुआ आरक्षण घोटाला जीता जागता सबूत है कि भाजपा कैसे वंचित तबकों की हकमारी में लगी हुई है।

कभी अपने को पार्टी विद डिफरेंस कहने वाली भाजपा सत्ता की हवस में कितनी पतित हो चुकी है इसी का सबूत है कि एयर होस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या प्रकरण में कुख्यात हुए गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी के साथ अब वह हाथ मिलाने जा रही है।

पतन की इसी श्रृंखला की कड़ी है ऐन चुनावों के पहले उनके प्रभाव के वोटों की खातिर गुरमीत राम रहीम जैसे महिला उत्पीड़न के आरोपी की रिहाई। यह सब कुछ इतनी बेशर्मी और बेहयाई से किया जा रहा है जैसे भाजपा के लिए महिला सम्मान और नैतिकता कोई मुद्दा ही न हो।

एक समय तीन लालों बंसी लाल, भजन लाल और देवी लाल परिवार की हरियाणा की राजनीति में तूती बोलती थी । लेकिन पहले भजन लाल और बंसी लाल कुनबे का असर खत्म हुआ तथा अब देवी लाल परिवार का दबदबा अवसान की ओर है। पिछले चुनाव में देवी लाल के पोते दुष्यंत चौटाला ने जाट युवाओं के संचित आक्रोश के बल पर 10 सीटें जीत ली और कांग्रेस को बहुमत नहीं मिलने दिया। लेकिन इस बार मुकाबला त्रिकोणीय नहीं है।

इनेलो के बसपा से समझौते या दुष्यंत चौटाला के ताल ठोंकने के बावजूद भाजपा और कांग्रेस के बीच आमने सामने का मुकाबला होने जा रहा है। 10 साल की जबर्दस्त एंटी इंकम्बेंसी का खामियाजा भाजपा को भुगतना है और उसका एकतरफा लाभ कांग्रेस को मिलने जा रहा है। क्या गुटों में बंटी कांग्रेस एकजुट होकर इस अवसर का लाभ उठा पाएगी ?

भाजपा अग्निवीरों को लुभाने के लिए उन्हें सरकारी नौकरी में आरक्षण, ब्याज मुक्त ऋण आदि का लालच दे रही है लेकिन युवा इस लॉलीपॉप के बहकावे में आने वाले नहीं हैं, वे तो पूरी अग्निवीर योजना को ही खारिज करने की मांग कर रहे हैं। दरअसल बेरोजगारी में हरियाणा भाजपा राज में पूरे देश में अव्वल हो गया है। पेपर लीक कांड में सीधे प्रदेश लोक सेवा आयोग के मुखिया ही लिप्त पाए गए। ऊपर से कोढ़ में खाज बनकर अग्निवीर योजना आ गई। जाहिर है भाजपा को इस चुनाव में युवाओं के भारी आक्रोश का सामना करना पड़ेगा।

सबसे बढ़कर हरियाणा किसान आंदोलन का लगातार गढ़ बना हुआ है। पंजाब और पश्चिम यूपी के किसानों के साथ मिलकर दिल्ली बॉर्डर पर किसानों ने जो ऐतिहासिक घेरा डाला और अंततः मोदी की मगरूर हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया, उसका सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम हरियाणा के किसान ही थे। संयुक्त किसान मोर्चा ने भाजपा को हराने का आह्वान किया है।

उम्मीद की जानी चाहिए कि किसानों, युवाओं के आक्रोश और पहलवान बेटियों की आह के बल पर विपक्ष हरियाणा में भाजपा को इस बार धूल चटाने में सफल होगा।

Recent posts

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें