भोपाल: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार पूर्ववर्ती शिवराज सरकार का फैसला पलटने जा रही है. सरकार अब भोपाल में राजधानी परियोजना प्रशासन को फिर शुरू करने जा रही है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिल्ली से लौटकर इसकी जानकारी दी है. मुख्यमंत्री ने दिल्ली में केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की है. मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से सीपीए को फिर शुरू करने के लिए फंड की मांग की है.
शिवराज सरकार में बंद हुआ था सीपीए
शिवराज सरकार ने राजधानी परियोजना प्रशासन को 3 मार्च 2022 को बंद कर दिया था. 2021 में भारी बारिश के बाद भोपाल की खराब हुई सड़कों के बाद मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए सीपीए को बंद करने का निर्देश दिया था. इसके बाद तीन मार्च 2022 को इसे कैबिनेट स्वीकृति दे दी गई. सीपीए के कामों को पीडब्ल्यूडी, नगर निगम और वन विभाग को सौंप दिया गया, लेकिन इसके बाद भी स्थितियों में सुधार नहीं हुआ. इस साल भोपाल में हुई अच्छी बारिश के बाद शहर की सड़कें फिर धूल बनकर उड़ने लगी. अब नगर निगम और पीडब्ल्यूडी दोनों एजेंसियां एक दूसरे के पाले में गेंद डाल रही हैं. नई सरकार के गठन के बाद मंत्री कृष्णा गौर ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर सीपीए के पुनर्गठन का अनुरोध किया था.
क्या बोले मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि ‘राजधानी परियोजना प्रशासन भोपाल में सड़क, पार्कों और भवनों के निर्माण और रखरखाव के अलावा नजूल भूमि की सुरक्षा और विकास कार्यों से जुड़े कामों को देखती रही है. इसके अलावा मंत्रालय, विधानसभा भावन, विश्रामगृह, पर्यावास भवन, गैस राहत एवं पुर्नवास विभाग के चिकित्सालय के संधारण का काम भी सीपीए देखता था.
शिवराज के यह फैसले पलट चुके हैं मोहन यादव
सीपीए के पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध करने के फैसले को पलट चुके हैं. सरकार में आने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अवैध कॉलोनियों को वैध किए जाने पर रोक लगा दी थी. इसके अलावा इंदौर और भोपाल में रातभर खान-पान की दुकानें खुली रखने पर भी मोहन सरकार ने रोक लगा दी थी.