*सोयाबीन के ₹8000 प्रति कतल किए जाने की मांग को लेकर डेढ़ सौ से ज्यादा पंचायत में मुख्यमंत्री के नाम दिया गया जपन*
*संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर 7सितम्बर तक चलेगा अभियान*
*अगले चरण में सांसद और विधायकों को देंगे ज्ञापन*
इंदौर । समर्थन मूल्य से भी काम में बिक रहे सोयाबीन से लेकर पूरे मध्य प्रदेश के किसानों में आक्रोश है संयुक्त किसान मोर्चा ने सोयाबीन के भाव₹8000 प्रति क्विंटल किए जाने की मांग को लेकर 1 सितंबर से 7 सितंबर तक सभी ग्राम पंचायत के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने का आव्हान किया था इस अभियान को इंदौर सहित पूरे मालवा निर्माण में भारी समर्थन मिल रहा है। पिछले दो दिनों में किसानों ने गांव-गांव में रैली निकाली है तथा पंचायत सचिव एवं सरपंच के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सोपा है।
इंदौर जिले कि सांवेर और देपालपुर तहसील के बालौदा टाकुन, गवला काकरिया पाल, कछालिया, रतनखेडी, पिपलिया, कायस्थ, धतुरिया,अजनोद ,नेनौद, हरनासा, ,बरोदापथ, नेवरी,खड़ी ,चांदेर,सगडुद,बेगन्दा ,लिंबोदापार ,अटावदा,सुनाला, जम्मोडी हाप्सी, बेटमा आदि गांव के किसानों ने सरपंच व पंचायत सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दकर सोयाबीन के भाव ₹8000 कुंतल किए जाने की मांग की ।
सोयाबीन की फसल पर मूल्य वृद्धिको लेकर मध्य प्रदेश के किसान अब लामबंद होते हुए नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में इंदौरके किसानों ने भी आज सोयाबीन की फसल की मूल्यवृद्धि को लेकर एक मार्च निकाला, मार्च की शुरुआत इंदौर के नैनोद गांव से हुई और नैनोद सरपंच को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने मांग कि जिस तरह से सोयाबीन की फसल सालों से ₹6000 प्रति क्विंटल पर खरीदी जा रही है, उसके दाम में बढ़ोतरी कर उसे ₹8000 प्रति क्विंटल किया जाए क्योंकि जिस तरह से महंगाई बढ़ रही है।
ज्ञापन में कहा गया है कि फिलहाल मंडियों में जिस भाव में सोयाबीन बिक रहा है वह समर्थन मूल्य से तो नीचे है ही साथ ही लागत से भी कम है। मध्य प्रदेश सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ने ही सोयाबीन की लागत 32 से 3500 रुपए प्रति क्विंटल आंकी है जबकि किसानों के अनुसार लागत 4000 से भी ज्यादा बैठती है भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि वह किसानों को स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार c+2 के अनुसार फसल के दाम दिलाएगी। सी , लेकिन वर्तमान में आधी कीमत मिल रही है जो किसानों के आक्रोश बढ़ा रही है।
ज्ञापन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि वह व्यवस्था में सुधार करें और लागत से कम में बिक रहे सोयाबीन को अपने घोषणा पत्र के वादे के अनुसार स्वामीनाथन आयोग की सिफरिश के मुताबिक बिकने की व्यवस्था करें । इसके अनुसार सोयाबीन की दाम ₹8000 से कम नहीं होना चाहिए लेकिन अभी आधे दाम भी नहीं मिल रहे हैं यदि सरकार ने किसानों की उपज वाजिब दाम पर बिकने की व्यवस्था नहीं की तो मध्य प्रदेश फिर करवट लेगा और प्रदेश में किसान बड़े आंदोलन को मजबूर होंगे।