नई दिल्ली। कस्टम विभाग द्वारा गोरखपुर से सोनौली के साथ कुशीनगर रूट पर पकड़े गए करीब 30 टन चाइनीज लहसुन का निस्तारण जल्द किया जाएगा। सेहत के लिए खतरनाक लहसुन को जमीन में दबाकर नष्ट किया जाना है, उसका मार्केट में मूल्य 40 लाख रुपये से अधिक बताया जा रहा है। भारत सरकार ने चाइनीज लहसुन को सेहत के खतरनाक मानते हुए आयात को लेकर प्रतिबंधित कर रखा है। देश में लहसुन की आसमान छूती कीमतों के चलते नेपाल से बड़ी मात्रा में चाइनीज लहसुन की तस्करी हो रही है। इसके लिए कस्टम विभाग कमेटी बना रहा है। बताया जा रहा है कि नगर निगम के सहयोग से इसका वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाना है।
भारत-नेपाल बॉर्डर पर पगडंडियों के जरिये यह सीमा पर बने गोदामों से पूरे पूर्वांचल में पहुंचाया जा रहा है। बॉर्डर पर सख्ती के दावे के बावजूद बड़ी मात्रा में चाइनीज लहसुन भारतीय सीमा में पहुंच रहा है। पिछले डेढ़ महीने में कस्टम विभाग की टीमों ने 30 टन से अधिक चाइनीज लहसुन बरामद किया गया है। यह लहसुन सोनौली के साथ ही रक्सौल बॉर्डर से भारतीय सीमा में पहुंचा है।
कस्टम की टीम ने सोनौली रोड पर कोल्हुई से लेकर पीपीगंज के बीच में पिछले 30 दिनों में 18 टन से अधिक लहसुन बरामद किया है। इसी तरह बिहार की तरफ से यूपी में सीमा में आ रहे लहसुन को कुशीनगर से गोरखपुर जिले के बीच बरामद किया गया है। अभी तक बरामद करीब 30 टन लहसुन को जमीन के अंदर दबाकर नष्ट किया जाना है। विभाग के जानकारों के मुताबिक, बरामद लहसुन को विभाग के लैब पर टेस्ट किया जाता है। रिपोर्ट में खाने योग्य नहीं आने के बाद इसे नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू होती है।