देश में बुलडोजर की कार्रवाई शुरू करने वाले याद आए ‘हरि’
शहर में चल ड्रग्स पैडलर्स को लेकर जो धरपकड़ पुलिस कर रही है, वो शायद अब तक पहले के मुकाबले फीकी-सी लग रही है। ऐसे समय में इंदौरवासियों को तत्कालीन डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र याद आ रहे जिन्होंने नशा तस्करों की चेन तोड़कर देश में पहली बुलडोजर कार्रवाई कर उनकी आर्थिक कमर तोड़ दी थी। यह पहली बार नहीं हुआ है कि जनप्रतिनिधि की फटकार से कार्रवाई की जा रही है या पुलिस के अधिकारी इस कार्रवाई को नहीं करना चाहते, लेकिन थानों के स्टाफ की लेतलाली और आर्थिक लाभ के पीछे इस तरह की अवैध गतिविधियां दबा दी जाती हैं। इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है।
मुंबई से मिनी मुंबई तक ड्रग्स का सफर, कैसे शहर में आती है ड्रग्स
हेरोइन से लेकर एमडी तक सब उपलब्ध है एक फोन पर
इंदौर में इग्स को लेकर तत्कालीन डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र के कार्यकाल में एक बड़ी मुहिम चलाई थी, जिसमें उन्होंने ब्राउन सुगर, एमडी, गांजा बेचने वालों के साथ-साथ हाईटेक नशा करने वाले, नशा बेचने वालों की पूरी चेन को तोड़ने की कोशिश की थीं ।
मिश्र ने उस समय तत्कालीन एमआईजी थाना प्रभारी तहजीब काजी को इस इम्स पैडलर्स की चेन को खत्म करने का जिम्मा सौंपा था, जिस पर तहजीब काजी ने अपने कार्यकाल में मुंबई से लेकर दिल्ली तक पैडलरों की पूरी चेन को तोड़ने का काम किया था।
ड्रग्स सप्लायरों को किया था सलाखों के पीछे
वर्ष 2018 से 2019 के बीच एमआईजी थाने में सबसे पहले ड्रग्स का सेवन करने वालों की धरपकड़ की शुरुआत की गई, जिसमें एमआईजी और तुकोगंज क्षेत्र में अवैध मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले आकाश उर्फ बकरी को गिरफ्तार किया था।टीआई काजी ने आरोपी आकाश उर्फ बकरी को गिरफ्तार कर इंदौर में इग्स को कहां से ला रहा है, उसकी पड़ताल की गई, जिसमें बकरी ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि वो ब्राउन शुगर राजस्थान के वासिम लाला से लाकर इंदौर में बेचता है।
अक्टूबर 2022 में प्रतापगढ़, राजस्थान के सक्रिय ड्रग्स पैडलर अफजल लाला को किया था गिरफ्तार।
है कि उन्हें पुलिस पकड़कर थानों अधिक समय नहीं रख सकती है और कोर्ट से उन्हें जमानत मिल जाती है, लेकिन टीआई तहजीब काजी ने ऐसा नहीं किया।
मुंबई और दिल्ली में ड्रग्स पैडलर्स अधिकतर नाईजीरियन या कहें तो नीग्रो हैं, जो कि विदेशों से इन ड्रग्स को अपने
4 साल पहले प्रदेश की सबसे बड़ी ड्रग्स की कार्रवाई, पकड़ाई थी
4 साल पहले इंदौर में 70 करोड़ की 70 किलो एमडी ड्रग्स पकड़ाई थी, जिसमें 28 तस्करों को दबोचा गया था। मामले में आरोपियों ने इनके नामों का खुलासा किया था। इसमें से एक आरोपी वजौर करीब 2 किलो इग्स बाजार में अब तक खपा चुका था। वह 900 रुपए प्रति ग्राम के हिसाच से ड्रग्स खरीदता और 500 रुपए मुनाफा कमाते हुए बेच देता था। आरोपी तेलंगाना और मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। आरोपी इस की चेप देने और टोकन मनी लेने के लिए एकत्रित हुए थे। आरोपियों की मानें तो वै ट्रेन, प्लेन, बस, ट्रक ट्रांसपोर्ट और निजी कार आदि हर प्रकार से इग्स लाते थे। ये इतने शातिर है कि ट्रांसपोर्ट से इग्स भेजते समय वे पैकेट में मुर्गी दाना पाउडर या बीमारियों की वैक्सीन बताते थे। एमडी ड्रग्स मामले में पहले मुंबई से दो आरोपी अय्यूब इब्राहीम कुरैशी और वसीम खान को पकड़ा था। इनमें एक 1993 के मुंबई ब्लास्ट में सजा काट चुका है, जबकि दूसरा टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार हत्याकांड में तामिल अबू सलेम गैंग का सदस्य रहा था।
डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र द्वारा उस पर 5 हजार का इनाम भी घोषित करवा दिया गया था। एमआईजी और तुकोगंज क्षेत्र उस समय अधिकतर आउन शुगर, गांजा बिकता था, जिस पर कुछ सालों तक पुलिस ने लगाम लगाकर रखी थी।
एमडी और हेरोइन की दो बड़े शहरों से इंदौर में होती है सप्लाय
की तलाश करते हैं। अधिकारियों के मानें तो दिल्ली और मुंबई से देश के सबसे प्रचलित इलाके जहां एमडी और हेरोइन की सप्लाय और मांग अधिक है, वहां पर अपने छोटे-छोटे पैडलर्स को नियुक्त कर उनके शहर तक इसकी सप्लाय करते हैं, जिसमें ड्रग्स माफियाओं का इंदौर पसंदीदा गढ़ माना जाता है। पुलिस की मानें तो वर्ष 2014 में इंदौर में एमडी और हेरोइन लाने का सिलसिला शुरू हो चुका था,
तक ही सीमित था। इस कारण से इंदौर में इन हाईटेक नशों पर पुलिस का ध्यान नहीं जा पाया था। आज से 10 साल पहले ड्रग्स माफिया पहले मुंबई से वेश्यावृत्ति करने वाली लड़कियों के माध्यम से इंदौर में ड्रग्स की सलाप्या करवाया करते थे उस समय महिलाओं की किसी प्रकार की चेकिंग न के बराबर हुआ करती थी। इसी कारण इंदौर में यह धंधा जमकर फल-फूल गया था, लेकिन पुलिस इन सब तक पहुंचा पाती उससे पहले जूनी इंदौर क्षेत्र के रहने वाले रईस नामक ड्रग्स माफिया ने अपनी सप्लाई चैन तैयार कर इस ड्रग्स को पूरे शहर में फैला दिया था। वर्ष 2019 में विजय नगर इलाके मे पकड़ाई ड्रग्स आंटी उर्फ प्रीति जैन और उसका एक अन्य साथी जोजो के पकड़ाने के बाद इस पूरे रेकेट का खुलासा हुआ ।