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ओमेक्स का फिर एक कारनामा…. बिना अनुमति काट रहे कॉलोनी

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अहिल्या पथ के नाम पर भी ठगी

… इंदौर/रियल एस्टेट के क्षेत्र में बदनाम और कुख्यात हो चुके ओमेक्स का फिर एक कारनामा सामने आया है। कंपनी ने सुपर कॉरिडोर पर टीसीएस से आगे बिना अनुमति कॉलोनी काटना शुरू कर दी है, जो सीधे-सीधे 250 करोड़ का घपला है। अधिकारियों और प्रापर्टी दलालों के साथ फिक्सिंग करके ओमेक्स ने कॉरिडोर बनाना शुरू कर दिया है, जो पूरी (ह अवैध है।

ओमेक्स का नाम इंदौर के रीयल एस्टेट कारोबार में बदनाम है। जहां ओमक्स का नाम आता है, लोग भरोसा ही नहीं करते, लेकिन कंपनी ने कुछ अधिकारियों और प्रापर्टी दलालों के साथ फिक्सिंग करके 250 करोड़ रुपए का खेला कर रहा है। ग्रुप यहां पर ओमेक्स सुपर कॉरिडोर नाम से एक प्रोजेक्ट ला रहा है, जिसे ओमेक्स 4 नाम दिया है। ये प्रोजेक्ट लिम्बोदागारी, सोनगीर गांव में आकार ले रहा है, जो आईडीए के प्रस्तावित अहिल्या पथ में शामिल हैं।

यहां की करीब 350 एकड़ जमीन पर ग्रुप ये प्रोजेक्ट ला रहा है। इसके लिए कोई मंजूरी नहीं ली गई है। टीएंडसीपी तक पास नहीं है। विकास मंजूरी और रेरा की अनुमति तो बहुत दूर की बात है। करीब तीन हजार प्लॉट निकाले गए हैं, जो बेचने की कोशिश की जा रही है। वह भी कागज पर क्योंकि, अभी तक प्लाटिंग नक्शा भी नहीं है। इसीलिए प्लाट की लोकेशन और नंबर भी ग्राहक को नहीं दिए जाते हैं। बड़ी बात तो यह है कि हवा-हवाई सैकड़ों प्लॉट बिक भी चुके हैं।

पूरी तरह से अवैध कॉलोनी कट रही है

चार पन्नों के एक एग्रीमेंट पर यह प्लॉट बेचे जा रहे हैं।

शुरुआत में प्लॉट की कीमत 17 लाख के करीब थी, जिसमें 50 फीसदी राशि ओमेक्स कंपनी के खाते में जमा कराई जा रही थी। यह बुकिंग दो साल से चल रही है और अब दाम बढ़ाकर एक प्लॉट की कीमत 30 लाख रुपए की जा चुकी है। बुकिंग में भी अब 15 लाख रुपए लिए जा रहे हैं। कंपनी के लिए काम करने वाले एजेंट और मैनेजरों का दावा है कि बड़ी संख्या में प्लॉट बिक चुके हैं। बस कुछ ही बचे हैं और पुराने रीसेल वाले ही आपको मिलेंगे।

किस तरह की है धांधली

ओमेक्स ग्रुप की यह धांधली दो साल पहले शुरु हो गई थी, जब उसके पास मात्र 50 से 100 एकड़ जमीन को लेकर ही किसानों से सौदे हुए थे। ओमेक्स के लिए बुकिंग करने वाले मैनेजर ने बताया कि हमने जमीन के सौदे किए, प्लॉट काटे और उनकी बुकिंग से राशि जमा की। फिर राशि आने के बाद पास की जमीन के सौदे किए। इस तरह यह सौदे दो साल से चल रहे हैं और अब 350 एकड़ जमीन दो साल में हम किसानों से ले चुके हैं। जल्द ही बाउंड्रीवाल बनवाने का काम करेंगे। यानी जमीन भी जब पूरी तरह से नहीं थी, तभी से धड़ल्ले से वहां दो साल से बुकिंग चल रही है। गौर करने की बात यह है कि अभी जमीन पर कुछ भी नहीं है। इसके बाद भी अधिकारियों की नाक के नीचे ओमेक्स ग्रुप 250 करोड़ रुपए एकत्र कर चुका है।

दो साल में कीमत हो गई दोगुनी

अहिल्या पथ के नाम पर भी ठगी

ओमेक्स ने अपने माल को बेचने के लिए ठगी के अलग-अलग तरीके अपनाए हुए हैं। यहां अहिल्या पथ को दिखाया जा रहा है और बताया जा रहा है कि यह कॉलोनी के पास से ही गुजर रही है। जैसे ही इसका काम शुरु होगा तो अभी के दाम 3100 रुपए प्रति वर्गफीट से बढ़कर चार से पांच हजार रुपए पहुंच जाएंगे। दो साल में ही दो हजार प्रतिवर्ग फीट का फायदा हो जाएगा।

सपने दिखा रहे-

 दुबई के पाम जुमेराह के नाम पर भी ठगी

ओमेक्स ग्रुप ने एक और ब्रोशर बनाया है, जिसमें बताया गया है कि यहां 50 एकड़ में दुबई के पाम जुमेराह जैसा प्रोजेक्ट आएगा, जिसमें पानी के अंदर आवासीय टाउनशिप अंदर रहेगी, जो लग्जरी होगी। इसके दाम अभी बुकिंग में ही 5500 रुपए प्रति वर्गफीट है। इसमें अच्छी लोकेशन देने के दस फीसदी और राशि अतिरिक्त ली जाएगी। इसमें तीन साल कम से कम समय लगेगा। बता दें कि यह बुकिंग भी दो साल पहले से चल रही है।

किसी भी कॉलोनी में बुकिंग रेरा मंजूरी के बाद ही ली जा सकती है। इसके पहले बिल्डर द्वारा जमीन ली जाती है या फिर सामने वाले के साथ रेशो डॉल की जाती है। इसके बाद रजिस्ट्री या सौदा होने के बाद इसकी टीएंडसीपी पास कराई जाती है और फिर विकास मंजूरी ली जाती है। इसके बाद। ही रेरा को फाइल जाती है। टीएंडसीपी के समय ही कॉलोनी की प्लांटिंग का नक्शा सामने आता है। अभी तो भीमक्स के पास नक्शा तक नहीं है। केवल कागज पर ही बुकिंग हो रही है और सामने वाले ग्राहक को प्लॉट नंचर तक नहीं मिलता, ना ही लोकेशन बताई जाती है। टीएंडसीपी आने में अभी सालभर का समय लगना खुद ओमेक्स मैनेजर द्वारा बताया जा रहा है। इसके बाद विकास मंजूरी और रेरा आएगा। रजिस्ट्री दो साल से पहले प्लाट की नहीं हो सकती है और इसके बाद भी दो साल पहले से और दो साल बाद तक यह बुकिंग अवैध कॉलोनी होने के बाद भी धड़ल्ले से चल रही है। साथ ही इसमें सेल और रीसेल का जमकर खेल चल रहा है।

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