संजीव आचार्य
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ मुख्यालय से संकेत मिल रहे हैं कि नितिन गडकरी को एक बार फिर भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव लगभग तय है l शिवराज सिँह चौहान और वसुंधरा राजे सहित चार नामों पर संघ और मोदी की असहमति होने के बाद गडकरी का नाम उभरा है l
स्मरण रहे, की गडकरी 2009 से 2013 तक भाजपा के अध्यक्ष रहे हैं l सरसंघ चालक मोहनराव भागवत के करीबी गडकरी को उनकी कम्पनी पर मनमोहन सरकार के दौरान छापे पड़ने के कारण इस्तीफा देना पड़ा था l संघ के वरिष्ठ पदादिकारी एम जी वैद्य ने तब बयान दिया था की गडकरी के खिलाफ साजिश गुजरात में रची गयी है l इशारा नरेंद्र मोदी की तरफ था, वो तब मुख्यमंत्री थे और प्रधानमंत्री बनने की रणनीति बुन रहे थे l ऐसी खबरें छपी थी की मोदी के इशारे पर अरुण जेटली ने तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम से अपनी मित्रता का उपयोग करके गडकरी का विकेट गिराया था l इस निर्णय में दिग्विजय सिँह की भी भूमिका बताई गयी थी क्योंकि गडकरी ने एक बयान में दिग्विजय सिँह के पिता पर अशोभनीय टिप्पणी कर दी थी l उसी टिप्पणी को आधार बनाकर दिग्गी राजा के अनुज लक्ष्मण सिँह ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया था l
बहरहाल, संघ आलाकमान यह भी चाहता है की कुशल संगठन कर्ता संजय जोशी का वनवास खत्म करके उन्हें भाजपा में गडकरी के साथ महामंत्री बनाया जाए l याद दिला दूँ की जोशी और मोदी का छत्तीस का आंकड़ा है l सब जानते हैं की मोदी का सूरज जब चढ़ रहा था तब जोशी अँधेरे में धकेल दिये गये थे l ग्यारह वर्षों के वनवास के बाद भी जोशी की अहमियत बरकरार है l अब, ऐसा माना जा रहा है की मोदी के सूरज पर ग्रहण लग गया है l उनका ताप उतर रहा है l
हरियाणा, जम्मू कश्मीर के नतीजों के बाद पूर्ण ग्रहण लगने के आसार हैं l
यह अब जगजाहिर है की आर एस एस शीर्ष नेतृत्व नरेंद्र मोदी -अमित शाह जुगलबंदी के निर्णय -नीतियों और तौर तरीको से असहमत ही नहीं नाराज है l
यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी की अगर संघ की योजनानुसार यह फेरबदल हो गया तो सत्ता के शीर्ष साकेत में सियासी भूकंप के झटके रह रह के इनके सिंहासन के पाये हिला कर रख देंगे l
अति उत्साही बदलावी मन के लोग तो यहाँ तक कह रहे हैं की 2025 में परिदृश्य और कथानक बदले हुए नजर आ सकते हैं l
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा अन्य राज्यों के अमित शाह द्वारा नियुक्त मुख्यमंत्री बदल दिये जायेंगे l