अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

“*फ़िलिस्तीन एकजुटता दिवस पर इंदौर पुलिस ने  मानव श्रृंखला बनाने से कार्यकर्ताओं को रोका* 

Share

*पुलिस कार्यवाही की जन संगठनों ने की निंदा, देर तक आयुक्त कार्यालय परिसर में कार्यकर्ताओं ने की  नारेबाजी**अमन के दुश्मनों के बीच गूंजे विश्व शांति के नारे* 

इंदौर । कल 7 अक्टूबर को दुनिया भर में वामपंथी समाजवादी और युद्ध विरोधी संगठनों ने फिलिस्तीन एक जूटता दिवस मनाया । जिसके तहत देश ही नहीं दुनिया में बड़े पदर्शन हुए और लोगों ने इजरायल की साम्राज्यवादी और हमलावर प्रवृत्ति का जमकर विरोध किया । इंदौर में भी एटक, सीटू, एआईयूटीयूसी, असंगठित कामगार एवं कर्मचारी काँग्रेस, समाजवादी समागम, सिटी ट्रेड यूनियन कौंसिल, एप्सो, प्रलेस, इप्टा, संदर्भ आदी वामपंथी एवं समाजवादी संगठनों ने रीगल चौराहे पर मानव श्रृंखला बनाने की घोषणा की थी ।

** एक लंबे अर्से से फिलिस्तीन में नरसंहार जारी है। बच्चों, औरतों, निरीह नागरिकों पर बम बरसाए जा रहे हैं। उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में यहां से वहां पलायन के लिए विवश किया जा रहा है। सारी दुनिया में फिलिस्तीन की पीड़ित जनता के पक्ष में एक जुटता और भाईचारे के लिए प्रदर्शन निकाले जा रहे हैं। इंदौर में भी अनेक संगठनों द्वारा 7 अक्टूबर को फिलिस्तीन पर इजरायली कब्जा समाप्त करने, युद्ध और नरसंहार बंद करने का आव्हान किया गया। इस हेतु महात्मा गांधी प्रतिमा स्थल रीगल चौराहे पर मानव श्रृंखला बनाई जानी थी। लेकिन अमन के दुश्मनों को अहिंसक आंदोलन रास नहीं आया। युद्ध विरोधी प्रदर्शन को रोकने के लिए रीगल चौराहे को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। दिन भर पुलिस अधिकारियों द्वारा आयोजनकर्ता संगठनों के पदाधिकारियों को प्रदर्शन न करने के लिए धमकियां दी जाती रही। लेकिन जवाब यही मिला कि *युद्ध के विरोध और शांति के पक्ष में आवाज तो उठाई जाएगी। पुलिस अपना काम करे हम अपना काम करेंगे।* 

           आखिरकार शाम को मानव श्रृंखला के लिए निर्धारित समय पर पुलिस उपायुक्त ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन लेना स्वीकार किया। उपायुक्त कार्यालय के बाहर अनेक शांतिप्रिय नागरिक,महिलाएं, सामाजिक कार्यकर्ता एकत्र हुए वहां युद्ध विरोधी नारे तथा अमन के पक्ष में गीत गाए गए। पोस्टरों के माध्यम से फिलिस्तीन से इजरायली कब्जा समाप्त करने, विश्व में शांति, भाईचारा, बहनापा बनाए रखने की मांग को बुलंद किया गया।

             

 तय कार्यक्रम के अनुसार 6 से 7:00 बजे तक तमाम जन संगठनों के कार्यकर्ता फिलिस्तीन के साथ एकजूटता प्रदर्शित करने के लिए तथा इजरायल की साम्राज्यवादी नीतियों का विरोध करने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से मानव श्रृंखला बनाना चाहते थे, लेकिन सरकारी इशारे पर इंदौर पुलिस ने यह कार्यक्रम नहीं होने दिया और सुबह से ही पुलिस ने सक्रिय होकर इस कार्यक्रम को रोकने के लिए ताकत लगाई । पहले तो पुलिस आयुक्त कार्यालय पर इन संगठनों के प्रमुख साथियों को फोन कर बुलाया गया तथा कहा गया कि इंदौर पुलिस इस कार्यक्रम को नहीं होने देगी । जब साथियों ने तर्क रखें और कहा कि शहर में हम शांति बहाली के लिए तथा हथियारों की होड़ के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना चाहते हैं। इसके लिए हमने प्रशासन को सूचित भी किया है और शहर में धारा 144 भी नहीं लगी हुई है, तो फिर मानव श्रृंखला बनाने से क्यों रोका जा रहा है बड़ी जिद्दो जहजद के बाद अधिकारियों ने  गांधी प्रतिमा चौराहे के बजाय पलासिया पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने और ज्ञापन देने की सहमति दी इस पर संगठन के पदाधिकारीगण ने सहयोगात्मक रूख रखते हुए पलासिया पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर मानव श्रृंखला बनाने के लिए तैयार हो गए ,लेकिन जब शाम को कार्यकर्ता निश्चित समय पर पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचे और बाहर नारे लिखी तख्तियां लेकर शांतिपूर्ण तरीके से खड़े हुए तो वहां भी भारी पुलिस फोर्स लेकर आए एक एसीपी ने ऐसा करने से रोक दिया तथा कहा कि आप केवल आयुक्त को ज्ञापन दे सकते हैं । कार्यकर्ताओं की उक्त अधिकारी से लंबी बहस भी हुई, लेकिन किसी भी हालत में वह प्रदर्शन करने देने को तैयार नहीं हुए और अंततः कार्यकर्ता नारे लगाते हुए आयुक्त कार्यालय के भीतर परिसर में पहुंचे तथा वहीं पर अपना प्रदर्शन किया ।

इंदौर पुलिस ने सरकारी इशारे पर लोगों के लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों को कुचला है, जिसमें शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार दिया गया है । एक तरह से इंदौर पुलिस की यह कार्रवाई और लोकतांत्रिक और संविधान विरोधी कार्रवाई है । जिसकी सभी संगठनों ने निंदा की है ।

पुलिस आयुक्त कार्यालय परिसर में वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार द्वारा अमन की मांग करना, पीड़ितों के प्रति एकजुटता व्यक्त करना अपराध बताया जा रहा है। जबकि भारत सरकार ने फिलीस्तीन राष्ट्र को मान्यता दी है। ऐसे में प्रदेश सरकार का शांति की मांग करने वालों के प्रति डराने- धमकाने का रवैया बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। देश के संविधान में अभिव्यक्त होने की आजादी है। लेकिन वर्तमान सरकार उस आजादी को कुचलने पर आमादा है।

मानव श्रंखला में कॉम विनीत तिवारी, जया मेहता,रामस्वरूप मंत्री, सफी शेख, रूद्रपाल यादव,प्रमोद नामदेव,कैलाश लिंबोदिया, सी एल सरावत, राहुल निहोरे, अजीत केतकर, विवेक मेहता,अरुण चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित किया ।

             उल्लेखनीय है कि श्रम संगठन एटक, सीटू, एआईयूटीवीसी, कर्मचारी कांग्रेस, समाजवादी समागम, सिटी ट्रेड यूनियन काउंसिल, प्रगतिशील लेखक संघ, इप्टा और एप्सो द्वारा फिलिस्तीन के पक्ष में मानव श्रृंखला बनाने का आह्वान किया था।

Add comment

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

चर्चित खबरें