अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

जगदंबा स्तुति

Share

सदा प्रसन्ना मां जगदंबा
मम ह्रदय तुम वास करो।
लेकर खड़ग त्रिशूल हाथ में
मम शत्रुदल संहार करो।


चड-मुंड के मुंड धारण कर्ता
मम संकट का भी हरण करो।
तंत्र विद्या की प्रारंभा देवी
शत्रु तंत्र मंत्र यंत्र का शमन करो।
चौसठ योगिनी संगी कर्ता
मम योग विद्या उत्थान करो।
रक्तबीज का रक्त पान कर्ता
मम शत्रुदल रुधिर पान करो।
भैरव के संग नृत्य कर्ता
मम शत्रुदल अटहा्स कर ध्वस करो।
जय जय जय मां जगदंबा काली
मम ह्रदय तुम सदैव वास करो।

डॉ.राजीव डोगरा
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश (युवा कवि लेखक)
(हिंदी अध्यापक)
पता-गांव जनयानकड़
पिन कोड -176038
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश

Add comment

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें