**उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराए सरकार**षडयंत्रकर्ताओं के नाम उजागर हों*– *- डॉ सुनीलम*
भारत जोड़ो आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक योगेंद्र यादव पर अकोला में सभा के दौरान गुंडों द्वारा हमला किया गया है। यह हमला महाराष्ट्र सरकार की आगामी चुनाव में हार के डर से पैदा हुई बौखलाहट और कायरता की निशानी है। पुलिस द्वारा गुंडों को तत्काल गिरफ्तार नहीं किया जाना यह बतलाता कि गुंडों को सरकारी संरक्षण प्राप्त था।
आम तौर पर जब किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में विरोधकी सूचना पुलिस को होती है तब वह प्रदर्शनकरियों को प्रतिबंधित करने की कार्यवाही करती हैं। पहले 107, 109, 151 के तहत कार्यवाही की जाती थी। लेकिन ऐसा न करके पुलिस प्रशासन ने हमलावरों को खुली छूट दी, जो किसी बड़ी घटना का कारण बन सकती थी।
किसान संघर्ष समिति और जनांदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय ने हमले की निंदा करते हुए शिंदे सरकार से हमलावरों को तत्काल गिरफ्तार करने और हमले का षडयंत्र रचने वालों के नाम उजागर करने के लिए उच्चस्तरीय न्यायिकजांच की मांग की है।
डॉ सुनीलम ने कहा इस तरह की हिंसक कार्यवाहियों को संरक्षण देकर शिंदे सरकार विपक्ष और नागरिक समाज के नेताओं को, मतदाताओं को डराना चाहती है और उनकी आवाज बंद करना चाहती है। हमले की कार्यवाही से यह भी पता चलता है कि सरकार हिंसा फैलाकर चुनाव का माहौल बिगाड़ना चाहती है।
डॉ सुनीलम ने मुख्यमंत्री से कहा है कि वे तत्काल गुंडों की गिरफ्तारी कराएं, सभाओं के समय योगेंद्र यादव जी की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था का इंतज़ाम करें ताकि इस तरह की घटना फिर कभी नहीं दोहराई जा सके।
किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं हो सकता।
डॉ सुनीलम ने कहा कि यदि हमला वंचित आघाड़ी के कार्यकर्ताओं ने किया है तो प्रकाश आंबेडकर को तत्काल सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।
महाराष्ट्र के अकोला में योगेंद्र यादव बने निशाना
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के बीच स्वराज इंडिया पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादव के ऊपर हमले की घटना सामने आई है। महाराष्ट्र के अकोला में वंचित बहुजन आघाडी (VBA) के कार्यकर्ताओं ने योगेंद्र यादव की सभा में जमकर उत्पात मचाया। कार्यक्रम में धक्कामुक्की और नारेबाजी के बाद कुर्सियों को तोड़ दिया गया है। इस दौरान किसी तरीके से योगेंद्र यादव को वहां से सुरक्षित निकाला गया। भारत जोड़ो अभियान के तहत योगेंद्र यादव अकोला पहुंचे थे। योगेंद्र यादव ने अपनी एक्स अकाउंट पर लिखा है कि आज अकोला (महाराष्ट्र) में मुझ पर और भारत जोड़ो अभियान के साथियों पर जो हमला हुआ वह हर लोकतंत्रप्रेमी के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
योगेंद्र यादव ने दी वापस आने की चुनौती
योगेंद्र यादव ने लिखा है कि भारत जोड़ो अभियान के विदर्भ दौरे के तहत हम संविधान की रक्षा और हमारा वोट विषय पर सम्मेलन कर रहे थे, तो मुझे बोलने से रोकने के लिए 40-50 लोगों की भीड़ मंच पर चढ़ गई और मेरी ओर बढ़ी। हम बैठे रहे और स्थानीय साथियों ने घेरा बनाकर हमारी रक्षा की। पुलिस के आने के बाद भी हुड़दंगाइयों का आक्रमण और तोड़ फोड़ जारी रहे। सभा वहीं समाप्त हो गई। पिछले 25 वर्षों में महाराष्ट्र के अनेक स्थानों पर व्याख्यान दिए हैं, लेकिन ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यह न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि संविधान और लोकतंत्र में विश्वास रखने वालों के लिए भी दुखद है। यह घटना हमारे लोकतंत्र की रक्षा के प्रति समर्पण को और भी मजबूत करती है। जो भी मेरे बोलने से डरा हुआ है वो सुन लें मैं वापस अकोला आऊंगा।
विचार गोष्ठी में थे योगेंद्र यादव
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के ऐलान के साथ आदर्श आचार संहिता प्रभावी है। राज्य में चुनावों के ऐलान के बाद योगेंद्र यादव अकोला पहुंचे थे। भारत जोड़ो अभियान के तरह वह शहर के जिला परिषद कर्म भवन के सभागार में विचार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। जब योगेंद्र यादव बोल रहे थे तभी कुछ लोगों ने कुछ सवाल खड़े किए। इसके बाद वहां स्थिति बिगड़ गई और काफी लोग मंच पर चढ़ गए। धक्कामुक्की और नारेबाजी के बीच योगेंद्र यादव को वहां से हटना पड़ा। प्रकाश आंबेडकर की अगुवाई वाली वंचित बहुजन आघाड़ी के कार्यकर्ताओं ने योगेंद्र यादव द्वारा कांग्रेस को समर्थन देने पर आक्रोश व्यक्त किया। पुलिस ने इस घटन पर संज्ञान लिया है।