अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

जाति के शोर में विकास की बात ?

Share

नायडू का ‘स्किल सेंसस’, गडकरी का ‘डिवेलपमेंट मंत्र

चुनावी माहौल में जहां जातिगत जनगणना का मुद्दा गरमाया हुआ है, वहीं कुछ नेता विकास को प्राथमिकता देने की बात करते हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने स्किल सेंसस और सामाजिक-आर्थिक समानता पर जोर दिया है।

:चुनाव आते ही जाति का शोर तेज हो जाता है। भारतीय समाज में जातिवाद ऐसी हकीकत है कि उसके विरोध में बोलने वाली पार्टियां भी चुनावी रणनीति जातिगत समीकरणों के लिहाज से बनाती हैं। कुछ क्षेत्रीय दलों का तो वजूद ही कुछ जाति विशेष के समर्थन पर टिका है। महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के बीच फिर जातिगत जनगणना यानी कास्ट सेंसस का शोर है। चुनाव जीतने के लिए सियासी दलों की भी मजबूरी है जातियों को साधना। लेकिन जाति की सियासत के बीच भी कुछ ऐसे चेहरे हैं जो विकास की बात करते हैं। अपने काम की बदौलत एक नीरस से समझे जाने मुद्दे को जीताऊ मुद्दे में तब्दील करने की कुव्वत रखते हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को भारत में आईटी क्रांति का श्रेय जाता है। वह कास्ट सेंसस के कट्टर विरोधी हैं और स्किल सेंसस की वकालत करते हैं। ऐसे ही एक और नाम हैं नितिन गडकरी। एक ऐसे नेता जिन्होंने रोड ट्रांसपोर्ट की सूरत बदल दी। उन्होंने दो टूक कहा है कि जाति का बंटवारा नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक समानता महत्वपूर्ण है। उन्होंने भरोसा जताया है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अगुआई वाला गठबंधन जीतेगा और अपने इस भरोसे के कारण भी गिनाया है

जाति के शोर के बीच विकास की बात
जाति जनगणना के शोर के बीच नितिन गडकरी का जोर सामाजिक-आर्थिक समानता पर है। उन्होंने कहा कि मुख्य बात जाति का बंटवारा नहीं, बल्कि सामाजिक आर्थिक समानता है। इसी तरह भारत में आईटी क्रांति के पुरोधा माने जाने वाले चंद्रबाबू नायडू ने कास्ट सेंसस के बजाय स्किल सेंसस की बात करते हैं। इस साल आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत के बाद चौथी बार मुख्यमंत्री बनने वाले चंद्रबाबू नायडू ने स्किल सेंसस की बात की। उन्होंने कहा कि स्किल सेंसस के जरिए पता चलेगा कि हमारे युवाओं में कौन सा कौशल है और हम उसकी वैश्विक कौशल जरूरतों से तुलना कर सकेंगे। स्किल सेंसस के नतीजों के हिसाब से युवाओं को स्किल्ड बनाने के लिए प्रभावी तौर पर काम किया जा सकेगा। स्किल की कमियों को दूर किया जा सकेगा और लोगों को और ज्याद रोजगार योग्य बनाया जाएगा। इससे जनता की भलाई अपने आप हो सकेगी।

नायडू का विजन
नायडू करप्शन के आरोपों की वजह से विवादों में भी रहे और उन्हें जेल भी जाना पड़ा लेकिन सियासत में उनका जोर विकास की राजनीति पर ही रहा है। 1995 से 2004 तक सीएम के तौर पर अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने आंध्र प्रदेश की सूरत बदल दी। हैदराबाद का आईटी सिटी हब के तौर पर उदय हुआ। उनके पहले कार्यकाल में आंध्र प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बना जिसे सीधे वर्ल्ड बैंक से फंड मिला। 1999 में मशहूर टाइम पत्रिका ने उन्हें ‘एशियन ऑफ द ईयर’ के खिताब से नवाजा। सीएम के तौर पर 2014 से 2019 तक के उनके तीसरे कार्यकाल में आंध्र प्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैंकिंग में देश का नंबर वन राज्य बना।

गडकरी का ‘विकास मंत्र’
एक अंग्रेजी अखबार के ऑनलाइन कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने बताया कि कैसे सड़कों और इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास से देश को फायदा होता है। कैसे ये लोगों के जीवन में बदलाव लाता है।

22वें हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप के ऑनलाइन सेशन में गडकरी ने कहा कि जिस देश में बुनियादी सुविधाएं विकसित होती हैं वो निवेश भी खूब आकर्षित करता है। उन्होंने कहा, ‘एक देश जहां पानी, बिजली, ट्रांसपोर्ट और कम्यूनिकेशन का खूब विकास हुआ रहता है, वह देश पूंजी निवेश को भी आकर्षित करता है जिससे उद्योग, व्यापार और कारोबार में इजाफा होता है। प्रति व्यक्ति आय बढ़ती है और गरीबी घटती है। इसलिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर देश की प्रगति और विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।

गडकरी ने इसे उदाहरण के जरिए समझाया भी। उन्होंने कहा, ‘उदाहरण के तौर पर हमने दिल्ली और देहरादून के बीच पुराने हाइवे का पुनर्निर्माण कराया जिससे तीर्थयात्रियों की संख्या ढाई गुना बढ़ गई। इससे एक इकोसिस्टम बना। टैक्सी, बस, रेस्टोरेंट का इकोसिस्टम जिससे रोजगार पैदा होता है।’

गडकरी को काम पर भरोसा
सड़कों के निर्माण से कैसे बहुत कुछ बदल जाता है, इसे समझाते हुए गडकरी ने कहा, ‘जब हम सड़कें बनाते हैं तो ये इंडस्ट्री और टाउनशिप को लाती है। मेरे मंत्रालय ने देश के विकास के लिए दो पहल किए हैं। हम 36 ग्रीन एक्सप्रेस हाइवे बना रहे हैं जो बाइ-रोड डिस्टेंस को कम करेंगे। हमने कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक्सेस कंट्रोल ग्रीन एक्सप्रेस हाइवे बनवाया है और मौजूदा सड़कों की भी क्षमता बढ़ाई है। दूसरी पहल पेट्रोल और डीजल की जगह बायोफ्यूल और वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देने का है। इसके लिए हम एथनॉल, मेथनॉल, बायो डीजल, बायो-एलएनजी, बायो-सीएनजी, इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन ईंधन को प्रोत्साहित कर रहे हैं।…मुझे भरोसा है कि इन दोनों पहलों से भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर के साथ-साथ दुनिया की तीसरे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करने में मदद मिलेगी।’

नितिन गडकरी महाराष्ट्र में महायुति की जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं कहा, ‘मुझे पक्का यकीन है कि महायुति की निश्चित तौर पर जीत होगी और हमारी सरकार बनेगी।’ अपने इस यकीन की वजह गिनाते हुए उन्होंने बताया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्र सरकार ने 10 साल में गरीबों, महिलाओं और ग्रामीण आबादी के विकास के लिए जो काम किया है, कांग्रेस 60 वर्षों में भी नहीं कर पाई।’ महाराष्ट्र में 20 नवंबर को वोटिंग है। नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।’

Add comment

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें