वैध-अवैध नल कनेक्शन के बीच पैसा बनाने का खेल
इंदौर ।नगर निगम के जोन 14 (हवा बंगला) में नर्मदा पानी के कनेक्शन के नाम पर अवैध वसूली का खेल करीब पिछले दशक से जारी है…..हाल ही में इसकी शिकायत नगर निगम में बैठे भाजपा के बड़े नेताओं तक भी पहुंची….
मामला सामने आने के बाद जब जिम्मेदारों ने अपने स्तर पर जांच करवाई तो निगम के ही एक कॉन्ट्रेक्टर फर्म के मयूर जैन का नाम सामने आया है…. अपने स्तर पर कराई गई इस गुप्त जांच में जिम्मेदारों यह भी पता चला कि,नर्मदा के वैध-अवैध नल कनेक्शन से पैसा बनाने के खेल में माहिर मयूर को जोन के अफसरों का संरक्षण होने के करण अब तक बचता आया है….
मयूर की यह ताजा शिकायत वार्ड-82 सुदामा नगर है सेक्टर के एक उपभोक्ता ने की थी…..
यह महापौर पुष्यमित्र भार्गव का गृह वार्ड भी है….. आरोप है कि यहां मयूर ने नए नल कनेक्शन के बदले तीन गुना राति ले ली,
लेकिन तीन महीने बाद तक भी ना ही कनेक्शन दिया और न ही कोई पक्की रसीद दी…..
जोन के कर्मचारियों का कहना है कि पानी में बेईमानी का यह खेल मयूर एंड गैंग के लिए कोइ नया नहीं है…. इससे पहले सिलिकॉन सिटी में मयूर की टीम की अवैध वसूली का मामला सामने आ चुका है, जिसकी शिकायत नर्मदा प्रोजेक्ट के इंजीनियर संजीव श्रीवास्तव तक भी पहुंची थी लेकिन विभागीय वरदहस्त प्राप्त होने से अभी भी मयूर की गैंग नर्मदा लाइन के खेल से मोटा पैसा बनाने में जुटी है…..
सिलिकॉन सिटी अवैध वसूली कांड में भी मयूर जैन का नाम सामने आया
पिछले दिनों सिलिकॉन सिटी, विस्तारा और पुलक सिटी में नर्मदा की नई लाईन डालने के लिए एल एन्ड टी कंपनी ने सप्लाई लाइन बिछाई थी,
जिसके बदले मयूर ने खुद को निगम का प्लम्बर बताकर प्रति कनेक्शन हजारों रुपए की वसूली कर डाली….
इसका खुलासा रहवासियों की शिकायत के बाद हुआ था जिसकी शिकायत रहवासियों ने नर्मदा के प्रोजेक्ट इंजीनियर और हवा बंगला जोन पर भी की थी… हुआ यूं कि सिलिकॉन सिटी एम सेक्टर निवासी रघुवीर सिंह यादव से मयूर जैन ने 4000 रुपए मांग लिए….. बकौल यादव उन्हें पता था कि यह कलेक्शन तो निःशुल्क होना है….
लिहाजा उन्होंने नर्मदा प्रोजेक्ट के अधीक्षण यंत्री संजीव श्रीवास्तव से बात की…
श्रीवास्तव के बीच में पड़ने से मयूर के खेल के रंग में भंग पड़ गया….
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि ऐसे कितने ही उपभोक्ता होंगे जिन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं होगी कि यह कनेक्शन निशुल्क थे…..
उन्होंने तो मयूर को मुंहमांगी रकम दे दी होगी….. ऐसा ही एक अन्य मामला सिलिकॉन सिटी एम सेक्टर
निवासी सुनील कुमार बम का भी है….. उन्होंने करीब 4 साल पहले 2550 रुपए देकर नर्मदा का कनेक्शन करवाया था…..
अब निगम ने कंपनी से नई लाइन डलवाई….. कंपनी और निगम से अधिकृत होना बताकर मयूर जैन ने इनसे भी 4000 रुपए ले लिए….. आरोप है कि रसीद भी नहीं दी…..
ठीक ऐसा ही एक और अन्य मामला सिलिकॉन सिटी एम सेक्टर निवासी लक्ष्मी नारोलिया का है…. नारोलिया के अनुसार के नई लाइन से कनेक्शन जुड़वाने के लिए तीन बार नगर निगम जोन पर गई…
तीनों बार वहां उन्हें मयूर जैन ही मिला….. 3000 रुपए उनसे भी ले लिए….
बोला कि कनेक्शन होने के बाद रसीद और नक्शा दे दूंगा…..
आज तक ना रसीद दी और ना नक्शा…..
तो आपने पढ़ा कि ये तो वे मुखर लोग हैं जिन्होंने मीडिया के सामने आकर अपनी बात भी रख दी…. लेकिन जो ठगाए जा चुके हैं उनका आंकड़ा भी सैकड़ों में बताया जा रहा है…..
मामला सामने आने के बाद मयूर को कुछ उपभोक्ताओं से नल कनेक्शन के नाम पर ली गई अवैध राशि भी लौटाना पड़ी थी….
बाद में यह खुलासा भी हुआ था की अवैध वसूली के बदले जो नल कनेक्शन किए है उनकी संख्या करीब
बाद में निगम अफसरों ने इस मामले को एलएंडटी कंपनी से जोड़कर मयूर को बधा लिया था लेकिन मयूर का पानी से बेईमानी का खेल अब भी बदस्तूर जारी
नगर निगम के नए जोन बनने के बाद मयूर ने अपनी सक्रियता प्रगति नगर जोन क्रमांक 21 से जुड़ी कॉलोनियों में बढ़ा ली है…..
नया जोन बनने से पहले सिलिकॉन सिटी के वार्ड हवा बंगला जोन 14 में आते थे,
जहाँ पिछले कई वर्षों से एलएंडटी कम्पनी पुरानी लाइन हटकर नई लाइन डालने का काम कर रही है…
मयूर के अवैध वसूली नेटवर्क
निगम के जोन पर आने वाले नए कनेक्शन के आवेदन
सीधे मयूर जैन एंड कंपनी के पास पहुंचते है और वह उपभोक्ता से सीधा संपर्क कर मनमानी राशि लेकर नल कनेक्शन कर देता है…..
इस काम के लिए मयूर ने एलएंडटी कम्पनी के साथ साथ निगम के भ्रष्ट अधिकारियों के साथ भी सेटिंग कर रही है….
मयूर जैन के कारनामों की शिकायते लेकर जब भी कोई रहवासी जोन 14 पर पहुंचता है तो अधिकारी उसे नजरअंदाज कर देते है…..
दुर्भाग्यपूर्ण रूप से केंद्र सरकार की अमृत-1 और अमृत- 2 योजना में निगम को मिलने वाली राशि को मपूर जैसे प्लम्बर का नेटवर्क इस तरह ठिकाने लगा रहा है…..
इस तरह चलता है कमाई का खेल
नियमानुसार निगम के अनुबंधित प्लंबर व ठेकेदार ही नल कनेक्शन करते हैं….
सामान्य कनेक्शन की फीस भले चंद हजारों में हो लेकिन असल में उपभोक्ता से लाइन से दूरी व अन्य 1760 कारण बताकर मयूर जैन की गैंग मूल राशि से कई गुना ज्यादा रुपये की वसूली कर डालती है….. दरअसल नियम यह है कि सड़क खोदकर निगम की लाइन से पाइप जोड़ने का काम निगम से जुड़े प्रशिक्षित प्लंबर ही कर सकते हैं…..
ऐसे में अवैध कनेक्शन भी नगर निगम के जोन कार्यालयों और अनुबंधित ठेकेदारों की संलिप्तता के बिना नहीं हो सकते….
22 हजार अवैध नल कनेक्शन का जिमेदार कौन
पिछले दिनों जलकर वसूली के दौरान 22 हजार कनेक्शन वैध होने के बाद भी नगर निगम के अधिकारियों ने न तो अब तक इस बात की जांच की कि कौन से जोन में सबसे ज्यादा अवैध कनेक्शन मिले ना ही इन कनेक्शनों को करने वाले जिम्मेदार कौन है इस बात की परवाह की है…..
न ही ये जांच की जा रही है कि अब भी अवैध कनेक्शनों को किन-किन जोनों में संरक्षण देकर बचाया गया है….
“मेरा नगर निगम से कोई लेना-देना नहीं है…. मैं वहां का कर्मचारी भी नहीं हूं….. मैं तो आदित्य बावने जी का प्राइवेट काम देखता हूं… आप उनसे ही बात कर लो”
-मयूर जैन
अवैध वसूली गैंग का आरोपित
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